आम सभा, भोपाल। गुरु नानक मंडल के तत्वधान में सरस्वती शिशु मंदिर नारियल खेड़ा में विभिन्न पंथ संप्रदाय, शिक्षाविदों, शिक्षकों और समाज के लिए प्रेरक बने गुरुजनों का अध्यक्ष राकेश कुकरेजा ने शाल श्रीफल और तुलसी का पौधा भेंट कर स्वागत वंदन किया।
इस अवसर पर कुकरेजा ने कहा कि हर माता-पिता अपने पुत्र और पुत्री को जहां अपने से भी अधिक कामयाब होते देखना चाहता है वहीं गुरु को भी शिष्य की सफलता पर आत्मसंतोष मिलता है। शास्त्रों में गुरु की तुलना ईश्वर से की गई है। प्रथम गुरु माँ होती है, जिससे हमें संस्कार मिलते हैं। दूसरा गुरु शिक्षक तथा तीसरा गुरु समाज होता है जो हमें समाज व राष्ट्र में पहचान दिलाता है।
वरिष्ठ उपाध्यक्ष भगवानदास ढालिया ने भारतीय संस्कृति में गुरुजनों को भगवान के समान दर्जा दिए जाने और गुरु गोविंद दोऊ खड़े काके लागू पाय पर अपने विचार व्यक्त किए इस अवसर पर विष्णु राजपूत, शारदा प्रसाद बम्मन, सुनील सराठे, नरेंद्र सिंह ठाकुर, अतुल घेंघट, मुकेश सोलंकी, महेंद्र काटकोले, श्रीकांत विश्वकर्मा, चंदन सिंह राजपूत, पी सी कनर्जी, निककी ठाकुर सहित भारी संख्या में विद्यार्थी गणों ने हनुमान चालीसा का पाठ कर गुरूजनो से आशीर्वाद लिया।