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रिश्तो की मर्यादा खत्म कर रही वेब सीरीज, भारतीय संस्कृति के हित में नहीं : देवकीनन्दन ठाकुर जी महाराज



– वेब सीरीज में महिला को सिर्फ भोग की वस्तु बताया जा रहा है

– प्रदेश की सरकार महिलाओं के हित में अच्छा काम कर रही

– भारतीय संस्कृति में महिलाओं का सम्मान सर्वोपरि

आम सभा, भोपाल। शांतिदूत धर्मरत्न देवकीनन्दन ठाकुर भगवत कथा के दूसरे दिन भारतीय संस्कृति और संस्कारों पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि वेब सीरीज रिश्तो की मर्यादा तार-तार कर रही है। वेब सीरीज मोबाइल पर उपलब्ध है और इससे युवा अमर्यादित हो रहे हैं। मध्य प्रदेश समेत सभी सरकारों को इस पर तुरंत रोक लगानी चाहिए। श्री ठाकुर ने कहा कि धर्म आधारित राजनीति बहुत जरूरी है जिस राजनीति में धर्म का आचरण नहीं होगा वह घोटालों से युक्त होगी। धर्महीन राजनीति से दुर्योधन पैदा होते हैं और धर्म युक्त राजनीति से धर्मराज बनते हैं।


महाराज के पावन सानिध्य में विश्व शांति सेवा समिति, भोपाल एवं मध्य प्रदेश भाजपा मंत्री राहुल कोठारी के संयोजकत्व में भोपाल, मध्य प्रदेश में 2 से 8 अप्रैल तक श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है।
सोमवार को श्रीमद् भागवत कथा के द्वितीय दिवस की शुरूआत विश्व शांति के लिए प्रार्थना के साथ की गई। जिसके बाद पूज्य महाराज श्री ने सभी भक्तगणों को “तू राधे-राधे बोल कष्ट मिट जायेंगे” भजन श्रवण कराया।

महाराज श्री ने कहा कि हमारे देश में ये चलन हो गया है, जिसे भी बड़ा नेता बनना हो वो भगवान राम को गाली दे देता है। वो गाली देते हैं क्युकी हम सब कुछ चुप चाप सुन लेते हैं , लेकिन अब चुप नहीं रहना है बल्कि जवाब देना है। सामने वाला जिस भाषा में समझे उसी भाषा में समझाओ। इसीलिए याद रखो पहले किसी को छेड़ो मत और अगर कोई आपको छेड़े तो उसे जवाब दो।
पद प्रतिष्ठा मिलने पर अभिमान नहीं करना चाहिए, अभिमान करोगे तो सबकुछ बेकार हो जाएगा ।
जिसका कर्म अच्छा है वो अच्छा है, जिसका कर्म बुरा है वो बुरा है।
जो मनुष्य श्रीमद् भागवत कथा नियम और विधि के साथ श्रवण करते हैं उन लोगों को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। वो जो भी भगवान से पाना चाहते हैं मांगते हैं भगवान उनको वही देता है।
दुनिया की हर चीज झूठी है केवल भगवान का भजन सच्चा है।
हमें अपने हर बच्चे से हनुमान चालीसा का पाठ करवाइए और झूठे मुंह तुम्हारे बच्चे कभी भी घर से बाहर नहीं जाना चाहिए। आजकल इस बात का ध्यान नहीं रखते लोग अरे क्या ध्यान रखेंगे बाजार में जाकर मुंह झूठा करके आते हैं वही खा पी के आते हैं। कुल्ला करके भी नहीं आते। आप अपने जीवन में परेशानी नहीं चाहते तो थोड़ी सावधानी आपको रखनी चाहिए, मीठा खाकर कभी नहीं निकलते।
ध्यान रखें, स्त्रियां भी बुरी होती है, पुरुष भी बुरे होते हैं, पर सब न बुरे होते ना सब अच्छे होते हैं। जिसका कर्म जैसा है वह अच्छा बुरा होता है।
महाराज देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि आज कल वेब सीरीज में हर रिश्ते के साथ गंदगी दिखाई जा रहे हैं, मैं पत्रकार बंधुओं से भी एक आग्रह करता हूं इसका पुरजोर विरोध होना चाहिए, आप समाज के लोगों से प्रार्थना करता हूं कि इसका पुरजोर विरोध होना चाहिए। पूरी जोर से इसका विरोध कीजिए, जब व्यासपीठ के अगेंस्ट आवाज उठा सकती है तो समाज के हर एक व्यक्ति को इसकी आवाज उठानी चाहिए। अगर आप लोगों ने आवाज नहीं उठाई तो यह रिश्तो को खा जाएगी। वेब सीरीज बर्बाद कर देगी और स्त्री को सिर्फ पदार्थ साबित कर देंगे, जिसकी शक्ति का पूजन अभी-अभी किया है, अभी नवदुर्गा गए हैं हमने देवियों का पूजन किया कन्याओं का पूजन किया और सारे रिश्ते खत्म हो रहे हैं। बाबा भोलेनाथ से प्रार्थना करता हूं महाकाल से प्रार्थना करता हूं कि सब को सद्बुद्धि दें।
वेब सीरीज भारतीय संस्कृति के हित में नहीं है, सरकार इसे तुरंत बंद कराए।
जीव वो है जो समय के भाव में बहता हुआ चला जाता है और सतपुरूष वो है जो समय को अपने साथ चलने को विवश कर देता है ।
पूज्य श्री देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज ने कथा का वृतांत सुनाते हुए कहा की श्रीकृष्ण दुखी है की इस कलयुग के व्यक्ति का कल्याण कैसे हो, राधारानी ने पूछा क्या आपने इनके लिए कुछ सोचा है। प्रभु बोले एक उपाय है हमारे वहां से कोई जाए और हमारी कथाओं का गायन कराए और जब ये सुनेंगे तो इनका कल्याण निश्चित हो जाएगा। बात आई की कौन जाएगा, तो बोले की शुक जी जा सकते हैं, शुक को कहा गया वो जाने के लिए तैयार हो गए। श्री शुक भगवान की कथाओंका गायन करने के लिए जा रहे हैं तो मार्ग में कैलाश पर्वत पड़ा, कैलाश में भगवान शिव माता पार्वती के साथ विराजमान हैं।
भागवत वही अमर कथा है जो भगवान शिव ने माता पार्वती को सुनाई थी। कथा सुनना भी सबके भाग्य में नहीं होता जब भगवान् भोलेनाथ से माता पार्वती ने उनसे अमर कथा सुनाने की प्रार्थना की तो बाबा भोलेनाथ ने कहा की जाओ पहले यह देखकर आओ की कैलाश पर तुम्हारे या मेरे अलावा और कोई तो नहीं है क्योकि यह कथा सबको नसीब में नहीं है। माता ने पूरा कैलाश देख आई पर शुक के अपरिपक्व अंडो पर उनकी नज़र नहीं पड़ी। भगवान शंकर जी ने पार्वती जी को जो अमर कथा सुनाई वह भागवत कथा ही थी। लेकिन मध्य में पार्वती जी को निद्रा आ गई और वो कथा शुक ने पूरी सुन ली। यह भी पूर्व जन्मों के पाप का प्रभाव होता है कि कथा बीच में छूट जाती है। भगवान की कथा मन से नहीं सुनने के कारण ही जीवन में पूरी तरह से धार्मिकता नहीं आ पाती है। जीवन में श्याम नहीं तो आराम नहीं। भगवान को अपना परिवार मानकर उनकी लीलाओं में रमना चाहिए। गोविंद के गीत गाए बिना शांति नहीं मिलेगी। धर्म, संत, मां-बाप और गुरु की सेवा करो। जितना भजन करोगे उतनी ही शांति मिलेगी। संतों का सानिध्य हृदय में भगवान को बसा देता है। क्योंकि कथाएं सुनने से चित्त पिघल जाता है और पिघला चित ही भगवान को बसा सकता है।
श्री शुक जी की कथा सुनाते पूज्य श्री देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज ने बताया कि श्री शुक जी द्वारा चुपके से अमर कथा सुन लेने के कारण जब शंकर जी ने उन्हें मारने के लिए दौड़ाया तो वह एक ब्राह्मणी के गर्भ में छुप गए। कई वर्षों बाद व्यास जी के निवेदन पर भगवान शंकर जी इस पुत्र के ज्ञानवान होने का वरदान दे कर चले गए। व्यास जी ने जब श्री शुक को बाहर आने के लिए कहा तो उन्होंने कहा कि जब तक मुझे माया से सदा मुक्त होने का आश्वासन नहीं मिलेगा। मैं नहीं आऊंगा। तब भगवान नारायण को स्वयं आकर ये कहना पड़ा की श्री शुक आप आओ आपको मेरी माया कभी नहीं लगेगी, उन्हें आश्वासन मिला तभी वह बाहर आए।
यानि की माया का बंधन उनको नहीं चाहिए था। पर आज का मानव तो केवल माया का बंधन ही चारो ओर बांधता फिरता है। और बार बार इस माया के चक्कर में इस धरती पर अलग अलग योनियों में जन्म लेता है। तो जब आपके पास भागवत कथा जैसा सरल माध्यम दिया है जो आपको इस जनम मरण के चक्कर से मुक्त कर देगा और नारायण के धाम में सदा के लिए आपको स्थान मिलेगा।
श्रीमद् भागवत कथा के तृतीय दिवस पर जड़भरत संवाद, नृसिंह अवतार, वामन अवतार का वृतांत सुनाया जाएगा।
सोमवार को कार्यक्रम के संयोजक राहुल कोठारी पूर्व मंत्री अर्चना चिटनिस, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्रीय कार्य वाह हेमंत मुक्तिबोध पूर्व मंत्री पीसी शर्मा, महापौर मालती राय, संस्कृति बचाओ मंच के अध्यक्ष पंडित चंद्रशेखर तिवारी समाजसेवी रवि गगरानी आदि ने व्यासपीठ की पूजा और आरती की।

संघ प्रचारकों का सम्मान जरूरी, शिवराज की भी तारीफ


व्यास पीठ पर बैठे श्री देवकीनंदन ठाकुर महाराज ने कथा के दूसरे दिन भारतीय संस्कृति संस्कारों और मर्यादा पर काफी जोड़ दिया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक घर द्वार छोड़कर समाज की सेवा में लगे हैं। वह ऐसे विद्यालयों का संचालन कर रहे हैं जिनमें भारतीय संस्कृति और संस्कारों का ज्ञान दिया जाता है। सनातन के अनुयायियों को चाहिए कि वह ऐसे प्रसिद्ध तोले प्रचारकों का सम्मान करें। महाराज ने कहा कि मध्यप्रदेश में साक्षात महाकाल विराजमान है। मध्य प्रदेश सरकार महिलाओं के कल्याण के लिए अच्छा काम कर रही है। यहां के मुख्यमंत्री का नाम भी शिवराज है। इसका अर्थ है कि मध्यप्रदेश में दैविक और भौतिक दोनों रूप से शिव का राज है।

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