नई दिल्ली ।
केंद्र सरकार ने असम राइफल्स को बिना वारंट किसी की भी गिरफ्तारी करने का अधिकार दे दिया है। असम राइफल्म को मिला यह अधिकार काफी अहम है। इसका असर भविष्य में घातक हो रहे नक्सलियों पर भी जरूर देखने को मिलेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि नक्सलियों के पास जो हथियार पहुंच रहे हैं वह पूर्वोत्तर राज्यों के रास्ते से ही होकर गुजरते हैं। दरअसल, रांची, लातेहार और बोकारो में इन दिनों नागालैंड से अत्याधुनिक हथियारों की तस्करी हो रही है। एके-47, एके-56, कारबाइन सहित कई तरह के हथियार झारखंड के पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट आफ इंडिया (पीएलएफआइ), तृतीय प्रस्तुति कमेटी (टीपीसी) सहित अन्य उग्रवादी संगठनों के पास पहुंच रहे हैं। इन हथियारों को नागालैंड के फर्जी आर्म्स लाइसेंस के माध्यम से बिहार और झारखंड तक लाया जा रहा है। इन हथियारों का लिंक म्यांमार से जुड़ा है। तस्करी कर लाए जा रहे ये हथियार म्यांमार सेना के है।
ऐसे खुला मामला
नक्सलियों को पूर्वोत्तर के रास्ते हो रही हथियारों की बात पहली बार सामने आई है। बिहार और झारखंड पुलिस इसका पता लगा रही है कि म्यांमार सेना के हथियार यहां तक कैसे पहुंच रहे हैं। बता दें कि इन हथियारों की तस्करी का मामला तब खुला जब बिहार की पूर्णिया पुलिस ने गैंग के मास्टरमाइंड मुकेश सिंह को रांची के अरगोड़ा से गिरफ्तार किया। वह झारखंड के नक्सलियों व उग्रवादियों को हथियारों के साथ बुलेटप्रूफ जैकेट भी सप्लाई कर रहा था। मुकेश रांची के अरगोड़ा बस्ती में छुपकर रह रहा था। मुकेश के दो साथी भी पकड़े गए हैं।उग्रवादियों तक सप्लाई होने वाली बुलेटप्रूफ जैकेट दो लाख रुपये और एके-47 8.50 लाख रुपये में पहुंच रही है। वहीं 1.20 लाख रुपये में ये नागालैंड के फर्जी आर्म्स लाइसेंस भी बनवा देते थे।
असम राइफल्स को मिले नए अधिकार
अब असम राइफल्स को मिले नए अधिकार से नक्सलियों पर नकेल कसने में आसानी होगी। इसके तहत पूर्वोत्तर के राज्यों असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, नगालैंड और मिजोरम में असम राइफल्स बिना वारंट किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकेगी और किसी भी स्थान की तलाशी ले सकेगी। केंद्रीय गृह मंत्रलय ने इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी है। नए अधिकारों का इस्तेमाल सीआरपीसी के तहत असम राइफल्स के निचले रैंक के अधिकारी भी कर सकेंगे। इन शक्तियों का इस्तेमाल सीआरपीसी की धारा 41 की उपधारा एक, धारा 47, 48, 49, 51, 53, 54, 149, 150, 151 और 152 के तहत करेंगे। वे इनका इस्तेमाल असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, नगालैंड और मिजोरम के सीमावर्ती जिलों में भी कर सकेंगे।
ये हैं अधिकार
सीआरपीसी की धारा 41 के तहत कोई भी पुलिस अधिकारी बिना मजिस्ट्रेट के आदेश और बिना वारंट के किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकता है। धारा 47 के तहत व्यक्ति जिस स्थान पर जाता है वहां की तलाशी ली जा सकती है। धारा 48 के अनुसार, पुलिस अधिकारी वांछित व्यक्ति का किसी भी स्थान तक पीछा कर सकता है। असम राइफल्स पूवोत्तर का उग्रवादी निरोधक प्रमुख सुरक्षा बल है। यह संवेदनशील भारत-म्यांमार सीमा की सुरक्षा में भी तैनात है। पूवरेत्तर के कुछ इलाकों में सशस्त्र बल (विशेषाधिकार) कानून भी लागू है, जो क्षेत्र में सेना को इस तरह की शक्ति के इस्तेमाल की इजाजत देता है।