कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने देवगौड़ा पर तंज कसा है। येदियुरप्पा ने कहा कि देवगौड़ा सिर्फ सात सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं, और इच्छा प्रधानमंत्री बनने की कर रहे हैं। हाल ही में देवगौड़ा ने कहा था कि चुनाव के बाद अगर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी प्रधानमंत्री बनते हैं, तो वो उनका साथ देंगे। देवगौड़ा के इसी बयान पर कर्नाटक के भाजपा अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने कई सवाल खड़े किए हैं। एएनआइ को दिए साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि देवगौड़ा की पार्टी कर्नाटक में सिर्फ सात सीटों पर चुनाव लड़ रही है। फिर भी पार्टी प्रमुख की इच्छा प्रधानमंत्री या प्रधानमंत्री सलाहकार बनने की है।
हाल ही में देवगौड़ा ने कहा था कि वो लाल कृष्ण अडवाणी की तरह राजनीति से संन्यास नहीं लेना चाहते हैं। यदि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी प्रधानमंत्री बनते हैं, तो मैं उनकी तरफ से बैठना पसंद करूंगा। बता दें कि 28 लोकसभा सीटों वाले कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस का गठबंधन है। चुनाव पूर्व हुए गठबंधन के अनुसार कांग्रेस 21 व जेडीएस सात सीटों पर चुनाव लड़ रही है।
कर्नाटक में भाजपा की जीत के लिए येदियुरप्पा पूरी तरह से आत्मविश्नवास में हैं। उन्होंने कहा कि 2018 में हुए विधानसभा चुनाव परिणाम में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी के रुप में उभरी थी। भाजपा ने 104 सीटों पर जीत दर्ज की थी। तो वहीं अब भाजपा न सिर्फ शिमोगा पर भारी अंतर से चुनाव जीतेगी बल्कि राज्य की 22 से ज्यादा सीटों पर भाजपा जीत दर्ज करने वाली है।
बता दें कि कर्नाटक की शिमोगा लोकसभा सीट राज्य की अति चर्चित सीटों में से एक है। यहां से दो मुख्यमंत्रियों के बेटे चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा से कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहे बीएस येदियुरप्पा के बेटे बी वाई राघवेन्द्र भाजपा के उम्मीदवार हैं। वहीं, राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रहे सारेकोप्पा बंगारप्पा के बेटे मधु बंगारप्पा जेडीएस से उम्मीदवार हैं।
लोगों में मोदी के प्रति विश्वास देखते हुए येदियुरप्पा ने कहा कि हम कर्नाटक समेत पूरे देश में कम से कम 300 सीट जीतने वाले हैं। विधानसभा चुनाव परिणाम बाद कांग्रेस और जेडीएस के गठबंधन पर येदियुरप्पा ने कहा कि दोनों ही दलों में कुछ अच्छा नहीं चल रहा है। यदि कर्नाटक में भाजपा अच्छी सीटों के साथ चुनाव जीतती है, तो राज्य की राजनीति में आगे कुछ भी हो सकता है। येदियुरप्पा ने सीधे तौर पर कहा कि कांग्रेस के 20 से ज्यादा विधायक मुख्यमंत्री कुमारस्वामी को पसंद नहीं करते हैं, और ये विधायक गठबंधन में मुख्यमंत्री के साथ रहना भी नहीं चाहते हैं।