Tuesday , September 23 2025
ताज़ा खबर
होम / देश / ममता बनर्जी ने क्यों मांगा पीएम मोदी से मिलने का वक्त?

ममता बनर्जी ने क्यों मांगा पीएम मोदी से मिलने का वक्त?

पश्चिम बंगाम की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री मोदी से मिलने का वक्त मांगा है. बुधवार दोपहर बाद साढ़े चार बजे दोनों नेताओं की मुलाकात हो सकती है. अगर बुधवार को ममता बनर्जी प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात करती हैं तो ये पीएम मोदी के 2019 में दोबारा सत्ता में आने के बाद दोनों नेताओं के बीच पहली मुलाकात होगी.

ममता बनर्जी के प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात का वक्त मांगने पर सब हैरान हैं. लोकसभा चुनाव से पहले, उसके दौरान और उसके बाद ममता दीदी ने जिस तरह के तेवर अपना रखे थे, उसमें वो केंद्र के सामने किसी भी तरह से झुकने को तैयार नहीं थी. ममता बनर्जी ने पीएम मोदी पर तीखे हमले किए. उनपर तंज कसे.

आंध्र प्रदेश के बाद पश्चिम बंगाल में भी राज्य सरकार ने बिना अनुमति के सीबीआई जांच या छापे पर रोक लगा दी. कोलकाता के कमिश्नर रह चुके राजीव कुमार की संभावित गिरफ्तारी को देखते हुए वो सीबीआई के खिलाफ धरने पर बैठ गईं. केंद्र सरकार से झगड़ा मोल लेने का उन्होंने एक भी मौका नहीं छोड़ा. सवाल है कि इतना सब करने के बाद अब वो प्रधानमंत्री मोदी से मिलने का वक्त क्यों मांग रही हैं?

क्या ममता बनर्जी सुलह-सफाई के मूड में हैं?

पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री सचिवालय से पता चला कि सचिवालय ने प्रधानमंत्री मोदी को खत लिखकर मिलने का वक्त मांगा है. सोमवार को प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से मिलने का वक्त दिया गया. ममता बनर्जी को बुधवार दोपहर बाद साढ़े चार बजे का वक्त मिला है. इस दौरान वो प्रधानमंत्री मोदी से मिलेंगी. अंदेशा जताया जा रहा है कि केंद्र और बंगाल के रिश्तों की कड़वाहट इस मुलाकात में घुल सकती है.

ममता बनर्जी की पीएम मोदी से मुलाकात की बात पर पश्चिम बंगाल बीजेपी ने तंज कसा है. पश्चिम बंगाल बीजेपी ने कहा है कि ये मौकापरस्ती और राजनीति का बेहतरीन उदाहरण है. ममता बनर्जी खुद को सीबीआई के शिकंजे से बचाने का हताशा भरा प्रयास कर रही हैं.

बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव राहुल सिन्हा ने कहा कि ‘लोकसभा चुनाव के दौरान और उसके बाद ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री मोदी के लिए जिन शब्दों का इस्तेमाल किया है, वो सभी जानते हैं. उनके मन में संघीय ढांचे के प्रति कोई सम्मान नहीं है. अब अचानक वो दिल्ली क्यों जा रही हैं, ये खुला रहस्य है. ममता बनर्जी खुद को और अपनी पार्टी नेताओं को सीबीआई के शिकंजे से बचाने के लिए दिल्ली जा रही हैं, जो बंगाल में करोड़ों रुपए के सारदा चिटफंट घोटाले की जांच कर रही है.’

वहीं तृणमूल कांग्रेस की तरफ से कहा गया है कि पश्चिम बंगाल बीजेपी बेकार की बातें कर रही है. संघीय ढांचे में एक राज्य के मुख्यमंत्री को प्रधानमंत्री से मिलने का पूरा अधिकार है. ये मुलाकात राज्य में विकास के मुद्दों को लेकर होनी है.

बीजेपी के महासचिव और बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि यह अच्छी बात है कि सीएम, पीएम से मिलना चाहती हैं. संघीय व्यवस्था में सौहार्दपूर्ण संबंध होना चाहिए. लोकसभा चुनावों में कैलाश विजवर्गीय की बंगाल में बीजेपी की जीत में अहम भूमिका रही है. जबकि ममता बनर्जी ने चुनावों के दौरान एक से अधिक बार उनकी रैलियों और रोड शो पर प्रतिबंध लगा दिए थे.
इस मुलाकात का एजेंडा क्या है?

बुधवार साढ़े चार बजे सीएम ममता बनर्जी और पीएम नरेंद्र मोदी के बीच मुलाकात होगी. सूत्रों के हवाले से जो खबर दी जा रही है, उसके मुताबिक ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल में एनआरसी लागू करने का मुद्दा, बैंकों के मर्जर, पब्लिक सेक्टर यूनिट्स के विनिवेश और पश्चिम बंगाल का नाम बदलने के मसले पर प्रधानमंत्री मोदी से बात कर सकती हैं.

लेकिन इन मुद्दों से ज्यादा पश्चिम बंगाल में सीबीआई की सख्ती को लेकर चर्चा हो रही है. ममता बनर्जी के करीबी कोलकाता के पूर्व पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार को गिरफ्त में लेने के लिए सीबआई ने शिकंजा कस दिया है. शुक्रवार को हाईकोर्ट ने शारदा चिटफंड मामले में राजीव कुमार की गिरफ्तारी पर लगी रोक हटा ली थी. राजीव कुमार को शनिवार को सीबीआई ने समन भेजा था. लेकिन वो एजेंसी के सामने हाजिर नहीं हुए.

शनिवार देर रात उन्होंने अपनी पत्नी के बीमार होने का हवाला देकर सीबीआई के सामने पेश होने के लिए एक महीने की मोहलत मांग ली. हालांकि सीबीआई ने मोहलत देने से इनकार कर दिया. राजीव कुमार के खिलाफ पहले ही लुकआउट नोटिस जारी किया जा चुका है. इसके बाद सोमवार को भी सीबीआई ने राजीव कुमार के खिलाफ समन जारी किया. सीबीआई ने राज्य के मुख्य सचिव और गृह सचिव को पत्र लिखकर पूछा कि राजीव कुमार को किस आधार पर एक महीन की छुट्टी मिली है.

सीबीआई की घेरेबंदी में ममता बनर्जी के करीबी राजीव कुमार

इधर सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में कैवियेट दाखिल कर दी. सीबीआई ने ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि अगर भविष्य में राजीव कुमार सुप्रीम कोर्ट में जमानत की अर्जी दाखिल करते हैं तो कोर्ट सीबीआई का पक्ष भी सुने. सीबीआई ने राजीव कुमार को चारों तरफ से घेर लिया है. ऐसे माहौल में पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी का अचानक पीएम से मिलने के लिए वक्त मांगना, राजनीतिज्ञों के लिए बहुत कुछ इशारा कर रहा है.

कोलकाता के एक अखबार से बात करते हुए कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी कहते हैं कि ‘वो राज्य में विकास के सारे काम कर चुकी हैं. फिर वो अचानक राज्य में विकास के मुद्दे पर पीएम मोदी से मिलने का वक्त क्यों मांग रही हैं? क्या वो राजीव कुमार को बचाने की कोशिश नहीं कर रही हैं?’

वहीं तृणमूल कांग्रेस का कहना है कि विपक्ष अक्सर आरोप लगाती रहती है कि पश्चिम बंगाल की सीएम राज्य में विकास के मुद्दों पर चर्चा के ले पीएम मोदी से क्यों नहीं मिलती? अब जब वो मिलने जा रही हैं तो विपक्ष को फिर तकलीफ हो रही है.

हाल ही में ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में नया मोटर व्हीकल एक्ट लागू करने से भी मना कर दिया था. अधिकारी बताते हैं कि अगर नेता एकदूसरे से बात न करें तो राज्य और केंद्र के संबंध प्रभावित होते हैं. यहां तक की राज्य को इसका आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ता है. शायद नुकसान अब इस स्तर तक पहुंच गया है कि ममता बनर्जी को पीएम मोदी से मिलना जरूरी लगने लगा.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Enable Google Transliteration.(To type in English, press Ctrl+g)