केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली की सभी सात सीटों पर आम आदमी पार्टी जीत रही थी लेकिन अंतिम समय में मुस्लिम वोट कांग्रेस के साथ चले गए.
इंडियन एक्सप्रेस को दिए अपने इंटरव्यू में केजरीवाल ने कहा, “देखते हैं क्या होता है. दरअसल, चुनाव के 48 घंटे पहले तक लग रहा था सातों सीटों पर आम आदमी पार्टी को जीत मिलेगी. अंतिम पलों में पूरा मुस्लिम वोट कांग्रेस की तरफ़ चला गया. मतदान से ठीक पहले की रात ऐसा हुआ. हम यह पता लगा रहे हैं कि हुआ क्या है. पूरा का पूरा मुस्लिम वोट कांग्रेस में शिफ़्ट हो गया. ये दिल्ली में 12-13 फ़ीसदी हैं.”
पंजाब के राजपुरा में अपने चुनावी अभियान के दौरान केजरीवाल ने यह बयान दिया. आम आदमी पार्टी पंजाब की सभी 13 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. यहां 19 मई (रविवार को) को मत डाले जाएंगे.
केजरीवाल के इस बयान पर दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और आम आदमी पार्टी से नाराज़ चल रहे कुमार विश्वास ने प्रतिक्रियाएं दी हैं.
शीला दीक्षित ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, “मुझे नहीं पता कि वो क्या कहने की कोशिश कर रहे हैं. लोगों के पास अपनी पसंद की पार्टी को वोट करने का अधिकार है. दिल्ली के लोग न तो अरविंद केजरीवाल के शासन के मॉडल को समझते हैं और न ही पसंद करते हैं.”
कई जानकारों का कहना है कि दिल्ली के मुसलमान अरविंद केजरीवाल की मुख्यमंत्री की भूमिका से नाराज़ नहीं हैं लेकिन वो केंद्र में बीजेपी के विकल्प के तौर कांग्रेस को देख रहे हैं. ऐसे में संभव है कि मुसलमानों ने आम आदमी पार्टी के बदले कांग्रेस को वोट किया हो.
आप-कांग्रेस के बीच गठबंधन की कोशिशें रही थीं नाकाम
आम आदमी पार्टी ने चुनाव से पहले दिल्ली, हरियाणा और पंजाब में कांग्रेस से चुनाव पूर्व गठबंधन की कोशिश की थी. लेकिन दोनों के बीच गठबंधन नहीं हो सका.
इस पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि कांग्रेस ही गठबंधन नहीं चाहती है. बीबीसी से बातचीत में तब शीला दीक्षित ने कहा था, “गठबंधन से हमें क्या लाभ मिलना था. हो सकता है इससे उन्हें लाभ हो रहा हो.”