Saturday , July 27 2024
ताज़ा खबर
होम / देश / हेमंत मंत्रिमंडल में क्या हो सकता है सीट बंटवारे का आधार, किसे मिल सकती है जगह

हेमंत मंत्रिमंडल में क्या हो सकता है सीट बंटवारे का आधार, किसे मिल सकती है जगह

झारखंड राज्य के गठन के 19 साल बाद पहली बार चुनाव पूर्व बने किसी गठबंधन ने पूर्ण बहुमत के जादुई आंकड़े को पार किया है. पहली बार ऐसा हुआ कि झारखंड में एक तरफ भारतीय जनता पार्टी ने रघुवर दास के नेतृत्व में चुनाव लड़ा तो दूसरी तरफ महागठबंधन ने हेमंत सोरेन के नाम पर, लेकिन बाजी सोरेन ने मार ली. साल 2014 के चुनाव में 19 सीट जीतने वाली झारखंड मुक्ति मोर्चा के खाते में 30 सीट गई तो कांग्रेस ने भी 16 सीटों के साथ अब तक की सबसे बड़ी जीत दर्ज की.

लालू प्रसाद यादव की राष्ट्रीय जनता दल को भी झारखंड की जनता ने उसके कद के हिसाब से एक सीट दे दी. हेमंत सोरेन के नेतृत्व में नई सरकार के गठन का रास्ता साफ होने के बाद अब सवाल यह है कि हेमंत सोरेन के मंत्रिमंडल में कौन- कौन चेहरे शामिल हो सकते हैं. कुल 81 विधानसभा सीटों वाले झारखंड में मुख्यमंत्री समेत अधिकतम 12 मंत्री ही हो सकते हैं.

जेएमएम के होंगे छह मंत्री

संभावना जताई जा रही है कि सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी जेएमएम के खाते में मुख्यमंत्री समेत छह मंत्री पद जा सकते हैं. वहीं कांग्रेस के खाते में पांच मंत्री और राजद का भी एक मंत्री बनाया जा सकता है. विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी की कांग्रेस की ओर से डिमांड किए जाने की भी संभावना जताई जा रही है. यह फॉर्मूला सटीक भी बैठता है. मंत्रिमंडल की रूपरेखा तैयार करने में क्षेत्र, जाति और धर्म का भी खयाल रखा जाता रहा है, ऐसे में माना जा रहा है कि सूबे के पांच प्रमंडलों में जेएमएम का प्रदर्शन देखें तो कोल्हान में पार्टी ने कांग्रेस के साथ मिलकर क्लीनस्वीप किया है. इस लिहाज से इस क्षेत्र से कम से कम दो चेहरे हेमंत मंत्रिमंडल में शामिल होने की उम्मीद जताई जा रही है.

चंपई सोरेन और जोबा मांझी की दावेदारी मजबूत

मंत्रिपद के लिए कद और वरिष्ठता के हिसाब से चंपई सोरेन और महिला कोटे से जोबा मांझी की दावेदारी मजबूत मानी जा रही है. दूसरी तरफ बहरागोड़ा में कुणाल षाड़गी को हराने वाले समीर महंती को भी जगह मिल सकती है, क्योंकि कोल्हान क्षेत्र में उड़िया वोटरों का अच्छा खासा प्रभाव है. संथाल प्रमंडल के लिहाज से शिकारीपाड़ा से लगातार सातवीं बार जीत दर्ज करने वाले नलिन सोरेन के अलावा स्टीफन मरांडी को भी जगह मिलने की संभावना है.

उत्तरी छोटा नागपुर प्रमंडल से डुमरी विधायक जगरनाथ महतो के अलावा टुंडी से मथुरा महतो को भी मंत्रिमंडल में स्थान मिलने की गुंजाइश दिख रही है. खास बात है कि दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल के लिहाज से झामुमो ने गुमला में शानदार प्रदर्शन किया है. 2014 में भाजपा ने सिसई से विधायक रहे दिनेश उरांव को विधानसभा अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी थी, इसलिए संभव है कि दिनेश उरांव को हराने वाले जीगा होरो को भी मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है.

कांग्रेस से किसे मिल सकती है मंत्रिमंडल में जगह

विधानसभा की 16 सीटें जीतने वाली कांग्रेस को विधानसभा अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी जा सकती है, साथ ही पांच मंत्रिपद भी मिलने की उम्मीद है. आलमगीर आलम पूर्व में विधानसभा के अध्यक्ष रह चुके हैं और विधानसभा नियुक्ति घोटाले में वह सवालों के घेरे में आए थे, लिहाजा वरिष्ठता के लिहाज से रामेश्वर उरांव को यह जिम्मेदारी दी जा सकती है. इस बार कांग्रेस के कई युवा चेहरे चुनाव जीत कर आए हैं, लिहाजा इस बात की चर्चा है कि पहली बार चुनाव जीतने वालों को मंत्रिमंडल में कतई शामिल नहीं किया जाएगा. जमशेदपुर पश्चिम से जीतने वाले बन्ना गुप्ता, पाकुड़ से चुनाव जीतने वाले आलमगीर आलम या जामताड़ा से चुनाव जीतने वाले इरफान अंसारी, मनिका से जीतने वाले रामचंद्र सिंह, बेरमो से चुनाव जीतने वाले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राजेंद्र सिंह के अलावा बड़कागांव से चुनाव जीतने वाली सबसे कम उम्र के विधायक अंबा प्रसाद और रामगढ़ से चुनाव जीतने वालीं ममता देवी इस रेस में शामिल हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Enable Google Transliteration.(To type in English, press Ctrl+g)