कोलकाता
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) बंगाल के मिशन 2021 पर जोर-शोर से जुटी हुई है। इसी के मद्देनजर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की बीजेपी के साथ खींचतान भी साफ तौर दिख रही है। बीजेपी ने एक बड़ा दांव चलते हुए अब जय श्रीराम के नारे के साथ जय मां काली जोड़ लिया है। उधर, ममता बनर्जी मुस्लिम समुदाय को आश्वस्त करने में जुटी हैं कि उन्हें किसी से डरने की जरूरत नहीं है। जय श्रीराम के नारे के साथ जय मां काली का जुड़ना टीएमसी के लिए मुद्दा बन गया है। ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने इस मुद्दे को लपकते हुए बीजेपी पर जोरदार हमला किया है।
टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी ने कहा, ‘लोगों ने मुझे बताया कि दिलीप घोष ने कहा है कि जय श्रीराम के साथ जय मां काली के भी नारे लगाएं। मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि ममता बनर्जी वहां थीं इसी वजह से अचानक राम की टीआरपी नीचे चली गई और मां काली की टीआरपीऊपर हो गई।’
BJP के दो नारे- जय श्रीराम और जय महाकाली
बंगाल बीजेपी के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने राज्य में लोकसभा चुनाव में पार्टी की शानदार जीत के बाद कहा, ‘पश्चिम बंगाल में हमारे नारे जय श्री राम और जय महाकाली होंगे। बंगाल महाकाली की धरती है। हमें मां काली का आशीर्वाद चाहिए।’ बीजेपी ने राज्य के लिए अपने नारों की सूची में जय महा काली ऐसे समय में शामिल किया है, जब टीएमसी ने बीजेपी पर बाहरी लोगों की पार्टी होने का आरोप लगाया जो बंगाल की संस्कृति नहीं समझते हैं।
‘मुद्दई लाख बुरा चाहे तो क्या होता है…’
टीएमसी प्रमुख ममता ने ईद के मुबारक मौके पर कहा, ‘त्याग का नाम है हिंदू, ईमान का नाम है मुसलमान, प्यार का नाम है ईसाई, सिखों का नाम है बलिदान। यह है हमारा प्यारा हिंदुस्तान। इसकी रक्षा हम लोग करेंगे। जो हमसे टकराएगा वह चूर-चूर हो जाएगा। यह हमारा नारा है।’ उन्होंने कहा, ‘डरने की जरूरत नहीं है। मुद्दई लाख बुरा चाहे तो क्या होता है, वही होता है जो मंजूर-ए-खुदा होता है। कभी-कभी जब सूरज उगता है तो उसकी किरणें बहुत तेज होती हैं लेकिन बाद में वे दूर हो जाती हैं। घबराओ मत, जिस तेजी से उन्होंने ईवीएम पर कब्जा किया, उतनी ही तेजी से वे चले जाएंगे।’