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मात्र 599 में करें रामलला की अयोध्या नगरी के दर्शन, पर्यटन विभाग का पैकेज

अयोध्या : यूपी में अयोध्या के प्रति आकर्षण को देखते हुए पर्यटन विभाग ने स्पेशल टूर पैकेज शुरू किया है। यूपी पर्यटन विभाग ने अयोध्या का दर्शन कराने के लिए दो टूर पैकेज तैयार किए हैं। इस पैकेज में पर्यटन विभाग श्रद्धालुओं को अयोध्या के सभी धार्मिक स्थलों, मंदिरों और घाटों के दर्शन कराने के साथ ही लाने ले जाने की व्यवस्था भी करेगा।

सबसे खास बात यह है कि अयोध्या के सभी प्रमुख स्थानों के दर्शन सिर्फ एक दिन और 599 रुपये में कराए जाएंगे। इसमें राम की पौड़ी, नागेश्वरनाथ मंदिर, हनुमानगढ़ी, सरयू आरती, राम जन्मभूमि, कनक भवन, अयोध्या के अन्य मंदिरों के दर्शन कराए जाएंगे। पर्यटन विभाग ने बताया कि पहला पैकेज 599 प्रति व्यक्ति का है।

अयोध्या भगवान राम की जन्मस्थली है। त्रेतायुग में भगवान विष्णु ने राम के रूप में यहां अवतार लिया था। अयोध्या में राम मंदिर के अलावा राम की पैड़ी भी प्रसिद्ध स्थान है, जहां एक नियमित समय में स्नान करने से व्यक्ति के जन्मों का पाप धुल जाते हैं।

प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या की हर गली, हर घर में राललला के लिए लोरियां सुनाई देती हैं। करीब 8 हजार मठ-मंदिरों के इस शहर के हर मंदिर की की अपनी अलग मान्यताएं हैं, अपनी परंपराएं हैं।

आज हम ऐसे ही एक मंदिर के बारे में आपको बताने जा रहे हैं, जिसकी स्थापना भगवान राम के पुत्र कुश ने की थी। यहां सरयू तट के किनारे नागेश्वर नाथ मंदिर है. यहां भगवान शंकर की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है।

महाशिवरात्रि के दिन नागेश्वर नाथ मंदिर पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु शिवलिंग पर जलाभिषेक करते हैं।

प्राचीन सिद्धपीठ हनुमानगढ़ी को अधोध्या का सबसे प्रसिद्ध हनुमान मंदिर माना जाता है। हनुमानगढ़ी मंदिर की स्थापना करीब 300 साल पहले स्वामी अभयराम जी ने की थी।

अयोध्या की सरयू नदी के दाहिने तट पर ऊंचे टीले पर स्थित है हनुमानगढ़ी मंदिर। मंदिर तक पहुंचने के लिए भक्तजनों को 76 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं। कहते हैं यहां बजरंगबली के दर्शन किए बिना रामलला की पूजा अधूरी मानी जाती है।

भगवान शिव की नगरी काशी में जिस भव्यता के साथ मां गंगा की आरती होती है, उसी भव्यता के साथ अयोध्या में सरयू आरती भी होगी। इसके लिए काशी से दो प्रकांड विद्वान अयोध्या बुलाए जाएंगे।

यह बातें पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहीं। वह अयोध्या में चल रही तैयारियों को लेकर सोमवार को पर्यटन भवन में विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर रहे थे।

राम नगरी अयोध्या का कनक भवन वह भवन है, जिसे चक्रवर्ती महाराजा दशरथ ने रानी कैकेयी के स्वप्न के बाद बनवाया था। कैकेई को इस तरह का महल स्वप्न में दिखाई दिया था। उन्होंने उसी तरह का महल बनवाने की इच्छा प्रकट की थी।

दशरथ ने महारानी के सपने को साकार करने के लिए देवशिल्पी विश्वकर्मा को बुलाकर सपने के अनुसार महल के निर्माण की बात कही थी। देवशिल्पी ने ही इस महल का निर्माण किया था।