आम सभा, भोपाल। बदलती दिनचर्या खानपान की शैली में बदलाव तनाव अनुवांशिक कारण आदि की वजह से पूरे विश्व में डायबिटीज के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है डब्ल्यूएचओ के अनुसार भारत में यह संख्या 7.3 करोड़ से ज्यादा अनुमानित है और यह आंकड़ा अगले 8 से 10 वर्षों में 10 करोड़ से भी ज्यादा हो सकता है विगत कुछ दशकों में डायबिटीज के नवीन उपचार पद्धति से मरीज अपनी समान जिंदगी जी पा रहे हैं साथ ही रमेश लंबे समय की डायबिटीज से शरीर के विभिन्न अंगों में इसका दुष्प्रभाव भी देखे जा रहे हैं आंखें भी इसका अपवाद नहीं है विभिन्न विसर्जन के मुताबिक जिन मरीजों को डायबिटीज 10 वर्षों से अधिक समय की है उसमें लगभग 50% में डायबिटीज रेटिनोपैथी होने का खतरा है और अधिक लंबी अवधि में यह खतरा बढ़ता जाता है।
डायबिटीज से आंखों के विभिन्न हिस्सों प्रभावित होते हैं लेकिन सबसे ज्यादा गंभीर प्रभाव आंखों की सबसे संवेदनशील भारत पर देखने को मिलता है जिससे डायबिटीज रेटिनोपैथी कहा जाता है इस बीमारी से मरीज की आंखें की रोशनी समाप्त हो सकती है यदि डायबिटीज रेटिनोपैथी को प्रारंभिक अवस्था में पहचान कर उसका उचित व जल उपचार लेजर इंजेक्शन अथवा ऑपरेशन द्वारा किया जाए तो इन मरीजों की आंखों की रोशनी को बचाया जा सकता है।