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लेखक का नहीं उनकी प्रतिभा का सम्मान कर रहा है विश्व रंग : भगवानदास मोरवाल

– टैगोर अंतर्राष्ट्रीय साहित्य एवं कला महोत्सव विश्व रंग का समापन
– वनमाली कथा सम्मान से सम्मानित हुए साहित्यकार

आम सभा, भोपाल : टैगोर अंतर्राष्ट्रीय साहित्य एवं कला महोत्सव विश्व रंग के सातवें व अंतिम दिन रविवार को साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए 8 साहित्यकारों को वनमाली कथा सम्मान से सम्मानित किया गया। दो साहित्यकारों को पूर्व में सम्मानित किया जा चुका है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वरिष्ठ उपान्यासकार भगवानदास मोरवाल ने कहा आज विश्व रंग लेखक का सम्मान नहीं कर रहा है बल्कि उनकी प्रतिभा का सम्मान कर रहा है। ये पुरस्कार एक लेखक के लिए प्रेरणा का काम करते हैं। वहीं वरिष्ठ कहानीकार ममता कालिया ने कहा इस कठिन समय में, साहित्य आशा है, यह परिदृश्य को बदलने और समझने की शक्ति देता है। मैं सभी युवा लेखकों को इस तरह लिखते रहने की शुभकामनाएं देती हूं। दिविक रमेश ने कहा यह सभी पुरस्कार विजेता हमेशा कुछ अनूठा सीखने और लिखने के लिए समर्पित हैं। साहित्य हमें भीतर देखने की शक्ति देता है, और कहीं न कहीं हम ऐसा करने से डरते हैं। वनमाली कथा सम्मान समारोह के दौरान मंच पर पुरस्कृत विभूतियों के साथ मध्य प्रदेश शासन के स्कूली शिक्षा मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी, टैगोर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति व विश्वरंग के निदेशक संतोष चौबे, विश्वरंग के सह निदेशक लीलाधर मंडलोई के साथ विश्वरंग के सह निदेशक और आईसेक्ट के निदेशक सिद्धार्थ चतुर्वेदी मौजूद रहे। सम्मान समारोह का संचालन टैगोर विश्व कला एवं संस्कृति केंद्र के निदेशक व वरिष्ठ कला समीक्षक विनय उपाध्याय ने किया।

साहित्य की पुनर्प्रतिष्ठा के लिए दिया जाता है वनमाली कथा सम्मान

वनमाली कथा सम्मान जनतांत्रिक एवं मानवीय मूल्यों की तलाश में लगे कथा साहित्य की पुनर्प्रतिष्ठा प्राप्त करने और उसे सम्मान प्रदान करने के उद्देश्य से स्थापित हुआ द्विवार्षिक पुरस्कार है। वनमाली कथा सम्मान सुप्रतिष्ठित कथाकार, शिक्षाविद् तथा विचारक स्व. जगन्नाथ प्रसाद चौबे ‘वनमाली’ जी के रचनात्मक योगदान और स्मृति को समर्पित वनमाली सृजन पीठ द्वारा स्थापित किया गया है । वनमाली जी साहित्य और प्रयास के माध्यम से इन्हीं मूल्यों की गरिमा बचाये रखने के लिए जीवन भर संघर्ष करते रहे।

वनमाली कथा सम्मान 2019 से सम्मानित हुए ये कथाकार

कहानियों में प्रेम को परत दर परत उघाड़कर उसे कलात्मक और सहज अभिव्यक्ति प्रदान करने में माहिर कथाकार प्रियवंद को राष्ट्रीय वनमाली कथा सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है। इसके साथ ही समकालीन कहानी और उपन्यास के क्षेत्र में अपने लेखन से एक अलग पहचान रखने वाले कथाकार रणेन्द्र को वनमाली कथा सम्मान 2019 प्रदान किया गया, जिसके साथ ही शॉल, प्रशस्ति पत्र के साथ 51000 रुपए प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई। इसी क्रम में इस वर्ष का वनमाली कथा सम्मान कथाकार भगवानदास मोरवाल को दिया गया जिसमें शॉल, प्रशस्ति पत्र और 51000 रुपए प्रोत्साहन राशि शामिल हैं। नए विषयों पर अपने अनूठे कथ्य से लोकप्रिय कथाकार मनोज पांडेय को भी वनमाली युवा कथा सम्मान के अंतर्गत शॉल, प्रशस्ति पत्र और 31000 रुपए की प्रोत्साहन राशि से नवाजा गया। अपनी कहानियों में आंतरिक लय प्रश्नाकुलता, सामाजिक मूल्यों की धरोहर के साथ समय के बदलाव को रेखांकित करने वाले तरुण भटनागर को वनमाली कथा युवा सम्मान प्रदान किया जिसमें 31000 रुपए की प्रोत्साहन राशि के साथ प्रशस्ति पत्र और शॉल भेंट की गई।

कार्यक्रम में किन्हीं कारणों से उपस्थित नया होने वाले आलोचक विनोद शाही को वनमाली कथा आलोचना सम्मान दिया गया। साथ ही में वनमाली युवा कथा सम्मान कथा साहित्य और फिल्म लेखन में महारत हासिल कर चुके गौरव सोलंकी को दिया गया। पुरस्कार वितरण की श्रृंखला में आलोचक राहुल सिंह को वनमाली युवा कथा आलोचक सम्मान से सम्मानित किया गया जिसमें 31000 रुपये के साथ शॉल और प्रशस्ति पत्र शामिल थे। अपनी मोहक भाषा शैली के लिए चर्चित उपासना को वनमाली विशिष्ट युवा पुरस्कार के अंतर्गत 31000 प्रोत्साहन राशी, शॉल और प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया। वनमाली साहित्यिक पत्रिका सम्मान ‘समकालीन भारतीय साहित्य’ पत्रिका को दिया गया।

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