देहरादून:
हिमालय के चारधामों में से एक धाम बद्रीनाथ मंदिर के कपाट आज सुबह 4.15 बजे खुल गए. मंदिर के दरवाजे खुलते ही यहां भक्तों की भीड़ लग गई. इससे पहले 7 मई को गंगोत्री और यमनोत्री के कपाट खुलने के साथ ही चार धाम यात्रा शुरू हो चुकी है. हर साल अप्रैल—मई में शुरू होने वाली चारधाम यात्रा के शुरू होने का स्थानीय जनता को भी इंतजार रहता है.
चारधामों की यात्रा कपाट खुलने के छह माह तक चलती है. इस यात्रा के दौरान देश-विदेश से आने वाले लाखों श्रद्धालु और पर्यटक जनता के रोजगार और आजीविका के साधन हैं. यही कारण है कि चारधाम यात्रा को गढ़वाल हिमालय की आर्थिक दृष्टि से रीढ़ माना जाता है.
सर्दियों में भारी बर्फवारी और भीषण ठंड की चपेट में रहने के कारण चारों धामों के कपाट हर साल अक्टूबर—नवंबर में श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिये जाते हैं जो अगले साल अप्रैल—मई में फिर खोल दिये जाते हैं.
बता दें कि केदारनाथ धाम मंदिर के कपाट गुरुवार को खोले गए. रुद्रप्रयाग जिले में 11,755 फुट की ऊंचाई पर स्थित केदारनाथ में जनवरी-फरवरी में हुई भारी बर्फबारी के बाद काफी संख्या में मकान क्षतिग्रस्त हो गए थे, जिसके बाद सरकार ने 15 से 20 फुट की ऊंचाई तक फैली बर्फ को साफ करने और नष्ट हुई संरचनाओं को फिर से बनाने का काम किया था.
सरकार ने लगभग 3000 तीर्थयात्रियों के लिए केदारनाथ में रात को ठहरने की व्यवस्था की है. अधिकांश बर्फ पहले ही पिघल चुकी है, लेकिन केदारनाथ में अभी भी 4 से 5 फुट बर्फ है, जिसका तीर्थयात्री आनंद ले सकते हैं.