लखनऊ ।
अखिलेश यादव सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे रामपुर से समाजवादी पार्टी के विधायक आजम खां के खिलाफ कल देर रात लखनऊ में देशद्रोह का केस दर्ज कराने के बाद राज्यसभा सदस्य अमर सिंह उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक के खिलाफ भी जमकर बरसे। लखनऊ के गोमतीनगर थाना में अमर सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक से जब सिपाही नहीं संभल रहे हैं तो उनको पद से इस्तीफा देकर अपने घर चले जाना चाहिए। इस तरह से कानून-व्यवस्था पटरी पर नहीं आ सकती।
अमर सिंह ने प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह को भी निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि जब प्रदेश पुलिस के सबसे अदना पद पर तैनात सिपाही ही उनके खिलाफ विरोध कर रहे हों तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। अमर ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के तो कसीदे पढ़े लेकिन, डीजीपी के खिलाफ मुखर रहे। सांसद अमर सिंह ने डीजीपी ओपी सिंह को सुधरने या विभाग को सुधारने की नसीहत दी। उन पर हिंदू विरोधी होने का आरोप लगाते हुए अमर सिंह ने कहा कि उन्हें नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना चाहिए। हाल ही में हुए विवेक हत्याकांड का जिक्र करते हुए कहा कि डीजीपी अपराध पर लगाम लगाने में नाकाम साबित हो रहे हैं। अमर सिंह ने डीजीपी ओपी सिंह पर आरोप लगाया कि वह सीएम का निर्देश भी नहीं मानते। विवेक तिवारी हत्याकांड व उन्नाव दुष्कर्म कांड सहित कई घटनाओं का जिक्र करते हुए सांसद अमर सिंह ने कहा कि डीजीपी ओपी सिंह की पुलिस हत्यारे के समर्थन में काली पट्टी बांधती है। डीजीपी को शर्म से इस्तीफा दे देना चाहिए।हिंदू नौजवानों की हत्या होने पर डीजीपी के कानों पर जूं नहीं रेंगती, जबकि दूसरे सम्प्रदाय के साथ कोई घटना होने पर वह शोक व्यक्त करते हैं।
अमर सिंह ने कहा कि उनकी वजह से लालगंज (आजमगढ़) में कार्रवाई नहीं की गई। मुख्यमंत्री ने तो कार्रवाई के लिए फाइल भेज दी थी। प्रदेश में भाजपा की सरकार है लेकिन, आजमगढ़ में अभी भी बलराम यादव की सरकार ही चल रही है। वहां के अधिकारी अभी भी उन्हें मंत्रीजी ही कहकर पुकारते हैं। अमर सिंह ने कहा कि आजम खां के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाने के लिए पहले रामपुर गए थे लेकिन वहां के एसपी ने आजम के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने से इनकार कर दिया।
मुलायम सिंह यादव तो जानते भी नहीं थे फिल्म स्टार जयाप्रदा को
अपने आवास पर पत्रकारों से बात करते हुए अमर सिंह ने कहा कि मुलायम सिंह यादव तो फिल्म स्टार जयाप्रदा को तो जानते भी नहीं थे। आजम खां ने कहा था रामपुर में एक नूर है जिसको निपटाने के लिए हूर चाहिए। मुलायम सिंह ने मेरे कहने से मात्र एक टिकट दिया था। अमर सिंह ने कहा कि आजम खां ने एक इंटरव्यू में कहा था कि जब तक अमर सिंह की जवान हो रही बेटियों को काटा नहीं जाएगा तब तक देश मे दंगे नहीं रुकेंगे। तेजाब से जलाया नहीं जाएगा तब तक दंगे नहीं रुकेंगे। अखिलेश ने मेरी बेटियों और अपनी बहनों की रक्षा के लिए कुछ नहीं कहा। देश तथा प्रदेश में मुस्लिम तो भाजपा को हराने वाला दल खोजते हैं लेकिन, यदि ङ्क्षहदू एक रहा तो जीत उसकी होगी। हिंदू बंटा हुआ है।
एक सवाल पर अमर ने कहा कि वह राजनीतिक वेश्या नहीं हैं। जिसके साथ होते हैैं खुलकर होते हैैं। शिवपाल सिंह यादव के बाबत पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि अब उनसे बात नहीं होती। मुलायम के लिए उन्होंने कहा कि वह परिवार में ही पाला बदलते हैं। अमर ने यह भी आरोप लगाया कि कन्नौज में उन पर जानलेवा हमला करने की कोशिश की गई।
संगीन धाराओं में एफआइआर दर्ज
पूर्व मंत्री आजम खां के खिलाफ कल गोमतीनगर में प्राथमिकी दर्ज कराने के बाद राज्यसभा सदस्य अमर सिंह समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम पर जमकर बरसे। अमर सिंह ने दो टूक कहा कि आजम खां जल्द ही जेल जाएंगे। राज्यसभा सदस्य अमर सिंह और पूर्व मंत्री आजम खां के बीच तकरार ने आखिरकार कानूनी पचड़े का रूप ले लिया। गोमतीनगर थाने में अमर सिंह की तहरीर पर पूर्व मंत्री व सपा नेता आजम खां के खिलाफ धार्मिक उन्माद फैलाने व मानहानि समेत कई संगीन धाराओं में एफआइआर दर्ज की गई। मामला बड़े नेताओं से जुड़ा होने के कारण राजधानी पुलिस के अफसर मुकदमे पर कार्रवाई के सवाल पर फिलहाल चुप्पी साधे हैं। अमर सिंह का आरोप है कि आजम दंगे करवाकर देश की शांति भंग करना चाहते हैं। तहरीर पर पुलिस ने आजम खां के खिलाफ धर्म, भाषा व नस्ल के आधार पर टिप्पणी करने सहित लोगों में नफरत फैलाने, राष्ट्र की अखंडता प्रभावित करने और जान से मारने की धमकी देने की भी एफआइआर दर्ज की है।
अमर सिंह का आरोप है आजम ने उन्हें अवसरवादी कहा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर संकेत करते हुए कहा कि आप अमर सिंह से दूरी बनाकर रखिए। कहीं ऐसा न हो कि वह इतना घुस जाएं कि आपके कमरे में बिछे चादर का रंग भी बता दें। अमर सिंह ने इस बयान से सम्मान की क्षति और मानहानि का आरोप लगाया। उन्होंने तहरीर के साथ पुलिस को एक वीडियो फुटेज भी सौंपी है, जिसमें आजम खां का बयान रिकॉर्ड है। तहरीर में कहा गया है कि पीडि़त के पास ऐसा कोई माध्यम नहीं है, जिससे वह उसकी जांच करवा सके।