नई दिल्ली:
यूको बैंक ने रविवार को बिड़ला सूर्या लिमिटेड के निदेशक यशोवर्धन बिड़ला को विलफुल डीफॉल्टर (सोच-समझकर चूक करने वाला) घोषित किया. कंपनी का 67.65 करोड़ रुपये का कर्ज़ चुकाने में विफल होने पर उनको डीफॉल्टर घोषित किया गया है. यशोवर्धन बिरला यश बिड़ला समूह के चेयरमैन भी हैं. यूको बैंक द्वारा जारी सार्वजनिक सूचना में यशोवर्धन बिड़ला की तस्वीर भी प्रकाशित की गई है. बैंक ने कहा कि खाते को 3 जून, 2019 को गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (NPA) घोषित किया गया.
संसद में PM मोदी के शपथ लेने के बाद मोदी सरकार के मंत्री रामदास अठावले ने कांग्रेस से पूछा- कहां हैं राहुल गांधी?
नोटिस में बैंक ने कहा, “बिड़ला सूर्या लिमिटेड को मुंबई के नरीमन प्वाइंट स्थित मफतलाल सेंटर में हमारी प्रमुख कॉरपोरेट शाखा से मल्टी क्रिस्टेलाइन सोलर फोटोवोल्टेक सेल्स बनाने के लिए सिर्फ फंड आधारित सुविधाओं के साथ 100 करोड़ रुपये की साख सीमा की मंज़ूरी दी गई थी… NPA में मौजूदा 67.65 करोड़ रुपये का बकाया कर्ज़ और बिना चुकता किया गया ब्याज़ शामिल है…”
AIIMS के डॉक्टर का दावा: मरीज के अटेंडेंट ने पी रखी थी शराब, जान से मारने की दी धमकी
बैंक ने कहा कि कोलकाता स्थित बैंक द्वारा ऋणकर्ता को कई नोटिस दिए जाने के बावजूद उसने बकाया नहीं चुकाया. रोचक तथ्य यह है कि 1943 में बैंक की स्थापना उद्योगति जी.डी. बिड़ला के तत्वावधान में की गई थी, जो यशोवर्धन बिड़ला के परदादा रामेश्वर दास बिड़ला के भाई थे.