आम सभा, भोपाल : जिला दण्डाधिकारी, भोपाल तरुण पिथोड़े ने वर्तमान में अपराधिक गतिविधियों को रोकने के लिये ज्वैलर्स की दुकान, बैंक, गोल्ड लोन कंपनी सहित अन्य वित्तीय संस्थायें मे जाने पर मास्क हटाकर कैमरे मे चेहरे को रिकार्ड करना जरुरी कर दिया है। उपरोक्त दुकाने असामाजिक तत्वों के निशाने पर रहती हैं। पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के आधार सुरक्षा के मद्देनजर मास्क हटाकर कैमरे मे चेहरा रिकार्ड करना अनिवार्य कर दिया है।
कोविड-19 कोरोना वायरस के संक्रमण के दौरान देशव्यापी लॉकडाउन में ढील प्रदान करते हुये कुछ दुकाने, ऑफिस एवं संस्थानों के खोलने की सशर्त अनुमति दी गई है। इसी अनुक्रम में लॉकडाउन के चरणबद्ध तरीके से खुलने के साथ-साथ आम जनता का आवागमन शहर में बढ़ा है। कोरोना संक्रमण से बचाव हेतु सभी नागरिकों को मास्क पहनना अनिवार्य किया गया है जिससे व्यक्ति की पहचान छुपती है।
उक्त संस्थानों में प्रवेश करने वाले प्रत्येक व्यक्ति को एक बार मास्क उतार कर सीसीटीवी कैमरे के सामने उपस्थित होकर चेहरा रिकार्ड करवाने के उपरांत पुन: मास्क पहनना आवश्यक होने का उल्लेख किया गया है। ऐसी परिस्थितियों में अपराधिक तत्व फैस मास्क की आड़ में इन संस्थानों में घुसकर चोरी, लूट, डकैती करके आसानी से बिना पहचान में अपराध कर सकते है।
कलेक्टर तरूण पिथोड़े द्वारा दण्ड प्रकिया संहिता 1973 की धारा 144 में प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए संपूर्ण भोपाल जिले की समस्त राजस्व सीमाओं में आगामी आदेश तक प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किये गए हैं।
इस आदेश का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति के विरूद्ध भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 के अंतर्गत कार्यवाही की जायेगी। यह आदेश तत्काल प्रभाव से दो माह तक के लिए प्रभावशील रहेगा।