लोकसभा चुनाव से पहले 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान ‘यूपी के लड़कों’ अखिलेश यादवऔर राहुल गांधी के बीच हुई दोस्ती में आई दरार का फायदा शिवपाल यादव को होता दिख रहा है. अखिलेश और कांग्रेस की बीच बढ़ रही तल्खियों के बीच कांग्रेस उनके बागी चाचा से गठबंधन कर लोकसभा चुनाव लड़ने की तयारी कर रही है.
कहा जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी शिवपाल की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) का गठबंधन तय है. गुरुवार को राजबब्बर ने भी इसकी तस्दीक करते हुए कहा कि प्रदेश में शिवपाल और अन्य दलों के साथ गठबंधन को लेकर प्रयास चल रहा है. उन्होंने यह भी साफ़ किया कि सपा-बसपा गठबंधन में कांग्रेस शामिल नहीं है. दरअसल प्रियंका गांधी और भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर के बाद से ही कांग्रेस और सपा-बसपा में तनातनी का दौर जारी है. भीम आर्मी का समर्थन कांग्रेस को मिलने की स्थिति में बसपा को नुकसान हो सकता है. अब अगर शिवपाल गठबंधन में शामिल होते हैं तो यूपी के आलू बेल्ट कहे जाने वाले कन्नौज, आगरा, इटावा में सपा को नुकसान हो सकता है.
सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस गठबंधन के तहत 10 से 12 सीट शिवपाल की प्रगतिशील समाजवादी (लोहिया) को दे सकती है. कहा यह भी जा रहा है कि यह संख्या 20 तक भी पहुंच सकती है. सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव और पूर्वी यूपी की प्रभारी प्रियंका गांधी के साथ शिवपाल की मुलाक़ात दिल्ली में हो चुकी है. और गठबंधन को लेकर जल्द ऐलान हो सकता है.