कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी कम करने के लिए सरकार अब ऑइल रिजर्व की क्षमता बढ़ाने पर विचार कर रही है. सरकार चाहती है कि ऑइल ट्रेडर और प्रड्यूसर इस काम के लिए निवेश करें. दरअसल इस भंडार को स्ट्रैटजिक पेट्रोलियम रिजर्व (SPR) कहते हैं. भारत के पास तीन अंडरग्राउंड स्टोरेज मौजूद हैं. इनमें 53 लाख टन से ज्यादा कच्चा तेल स्टोर किया जा सकता है.
ऑइल केवः भारत के पास विशाखापट्टनम में एक स्टोर है. इसमें 1.33 MMT कच्चा तेल स्टोर है. दूसरी केव मैंगलोर में है जो आधी भरी है. तीसरी केव कर्नाटक में है और इसमें कच्चा तेल भरा जाना है. सरकार ने दो और पेट्रोलियम रिजर्व बनाने को मंजूरी दी है. ये दोनों SPR ओडिशा और कर्नाटक में बनाए जाएंगे.
दो अन्य रिजर्व बनाने के लिए सरकार वैश्वक निवेशकों को ढूंढ रही हैं जो इस प्रॉजेक्ट में 1.5 अरब डॉलर का निवेश कर सकें. सरकार की योजना नई दिल्ली, सिंगापुर और लंदन में रोडशो करने की है जिससे निवेशक आकर्षित हों. अगर प्राइवेट इन्वेस्टर मिल जाते हैं तो सरकार का बोझ कम हो जाएगा.
हालांकि इन रिजर्व में प्राइवेट कंपनियां कच्चा तेल भरेंगी फिर भी सरकार का इसपर पहला अधिकार होगा. 2006 में बना स्ट्रैटजिक पेट्रोलियम रिजर्व लिमिटेड भी प्राइवेट कंपनियों के साथ मिलकर इस काम में सहयोग करेगा. रिजर्व में तेल भंडारण करने से अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ती कीमतों के प्रभाव कम होंगे और ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी.