आज हर अभिभावक अपने बच्चो को आईआईटी में पढता देखना चाहता है या मेरिट लिस्ट में टॉप पर. और चाहे अनचाहे बच्चों पर परीक्षा का इतना प्रेशर बना देते हैं की बच्चों में अछे नंबर लाने का प्रेशर उनके मानसिक व शारीरिक दोनों ही हेल्थ पर असर डालने लगता है. पढाई एक सुखद अनुभव न रहकर बोझ बन जाती है जिसमे बच्चे निराशा , तनाव,नेगेटिव सोच के शिकार हो जाते हैं और कई बार तो छोटी छोटी बातों पर आत्महत्या जैसे कदम भी उठा लेते है । ऐसे में आवश्यकता है बच्चों को सरल सहज ज्ञान की जिससे उन्हें समझ आ सके की वे कैसे तनावरहित रहकर भी पढाई कर सकते हैं, अछे नंबर पा सकते हैं और बेहतर शारीरिक व मानसिक स्वस्थ्य पाकर सुद्रढ़ बन सकते हैं.।
हेमा स्कूल ने एक अनूठी पहल करते हुए बोर्ड परीक्षा के पहले विध्ह्यार्थियों के लिए एक साउंड हीलिंग वर्कशॉप आयोजित की। कार्यक्रम की शुरुआत प्रिंसिपल सुश्री उषा विश्वनाथन द्वारा अतिथि के परिचय के साथ हुई । इसमें रेसौर्स परसन आरती सिन्हा को आमंत्रित किया गया. आरती सिन्हा मध्य भारत की शान हैं इनका नाम इंडिया बुक ऑफ़ रिकार्ड्स में दर्ज है. आरती सिन्हा को मध्य भारत का सर्वोत्तम हीलर होने का भी गौरव प्राप्त है. जो टेड स्पीकर होने के साथ साथ मध्य भारत की एकमात्र साउंड हीलर हैं . आरती सिन्हा साउंड्स द्वारा चक्र मेडिटेशन डिजाईन करती हैं जो तनाव से मुक्ति दिलाता है। कार्यक्रम की अध्यक्षता अध्यक्ष श्री फिलिप पणिक्कर और सचिव श्री ए शशि कुमार हेमा शिक्षा सोसाइटी ने की।
तनाव से मुक्त रहने के लिए विध्ह्यार्थियों को साउंड मेडिटेशन कराया गया. बहुत सारे ऐसे तरीके आरती सिन्हा ने सिखाये जिससे खेल खेल में आप मेमोरी इमप्रोवे कर सकते हैं.हाथों की उँगलियों में स्थित सारे प्रेशर पॉइंट ब्रेन के लिए हाईवे का काम करते हैं। कैसे उन्हें सरल तरीकों से ब्रेअथिंग के कॉम्बिनेशन के साथ आप और ज्यादा बेहतर मेमोरी व कंसंट्रेशन पा सकते हैं ये बच्चों ने सीखा. साउंड हीलिंग के विशिष्ट उपकरणों सिन्ग बाउल्स व गोंग द्वारा गाइडेड मेडिटेशन कराया गया। जिससे बच्चे तनाव रहित हुए .बच्चों का ब्रैनवेव इंटरैनमेन्ट भी किया गया जो न केवल आपके मस्तिष्क से बोझ हटाता है बल्कि आपको रेजुवेनेट भी करता है।
यह २० मिनट का मेडिटेशन लगभग ४ घंटे की गहरी नींद के बराबर होता है । प्रेसिडेंट हेमा स्कूल श्री फिलिप पणिक्कर ने आरती सिन्हा के इस सेशन की बहुत प्रशंशा की तथा इस तरह के आयोजन से बच्चों को एक नयी दिशा भी दी जिसमे वे सकारात्मक सोच व तनाव रहित तरीकों से जीवन में अपने लक्ष्य को आसानी से पा सकें तथा विफलता से न घबराएँ. कार्यक्रम का अंत वाइस प्रिंसिपल सुश्री पामेला अब्राहम द्वारा वोट ऑफ थैंक्स के प्रस्ताव के साथ हुआ ।