नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली समेत पूरे एनसीआर में 15 साल पुराने पेट्रोल वाहन और 10 साल पुराने डीजल वाहन चलाए जाने पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर ऐसी गाड़ियां यहां चलती नजर आएं तो उन्हें तुरंत जब्त कर लिया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे पुराने वाहनों को बैन करने के एनजीटी के 2015 के आदेश को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए हैं। एनसीआर में 15 साल पुराने पेट्रोल और 10 साल पुराने डीजल वाहनों के खिलाफ पहले से अभियान चल रहा है। अब इसमें तेजी आने की संभावना है। आइए जानें, कोर्ट के आदेश से जुड़ी बड़ी बातें, क्यों किया गया ऐसा फैसला और दिल्ली-NCR में कितनी गाड़ियों पर लग सकती है रोक।
हेल्थ इमर्जेंसी है कारण: दिल्ली-NCR में हेल्थ इमर्जेंसी की स्थिति बन चुकी है। मिनिस्ट्री ऑफ साइंस की रिपोर्ट कहती है कि 41 फीसदी प्रदूषण तो ट्रांसपॉर्ट के कारण है। अगर सरकारी अथॉरिटी ने पहले दिए गए अदालती आदेश का एक चौथाई भी लागू किया होता तो ऐसी स्थिति नहीं होती, यह कहना है कोर्ट सलाहकार अपराजिता सिंह का।
दिल्ली में चालू गाड़ियों की जब्ती: दिल्ली में ट्रांसपॉर्ट डिपार्टमेंट अभी तक 15 साल पुरानी 2 लाख से ज्यादा गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन कैंसल कर चुका है। रजिस्ट्रेशन कैंसल करने की प्रक्रिया चल रही है, जल्द पूरी लिस्ट तैयार हो जाएगी। डिपार्टमेंट ने 5 अक्टूबर से प्रदूषण के खिलाफ अब तक का सबसे बड़ा अभियान चला रखा है। 15 साल पुरानी 165 गाड़ियों को जब्त भी किया गया है। लोगों से एक बार फिर अपील की जाएगी कि वे पुरानी गाड़ियों को सड़कों पर न उतारें। न ही रोड पर पार्क करें। डिपार्टमेंट की 60 टीमें सड़कों पर हैं और गाड़ियों को जब्त करने की प्रक्रिया चल रही है। प्रदूषण फैलाने वाली गाड़ियों के पर अब तक 15 हजार चालान किए जा चुके हैं।
गाजियाबाद से हटेंगे 1.23 वाहन: बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद गाजियाबाद से 1.23 लाख वाहन सड़कों से हटेंगे। इनमें 98 हजार 10 साल पुरानी बाइकें हैं, 14 हजार पेट्रोल कारें और 11 हजार ऐसे डीजल वाहन हैं जो 15 साल से ज्यादा पुराने हैं।
दिल्ली में 113 इंडस्ट्री होंगी बंद: दिल्ली पलूशन कंट्रोल कमिटी ने जहर फैलाने वाली 113 इंडस्ट्री बंद करने का नोटिस दिया है और साथ ही 1368 को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।