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दिल्ली में पराली जलाने से प्रदूषण के मुद्दे पर सिसोदिया, सुखबीर और अमरिंदर आमने-सामने

नई दिल्ली: 

देश की राजधानी दिल्ली में हवा की क्वालिटी प्रदूषण के चलते लगातार खराब हो रही है जिसके बाद गुरुवार को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इस मुद्दे पर पंजाब हरियाणा और केंद्र सरकार पर हमला बोला. मनीष सिसोदिया ने एक बयान जारी करके कहा, ‘यह समझ से परे है कि पूरे एक साल तक केंद्र, पंजाब और हरियाणा की सरकारों की तरफ से आश्वासन के बावजूद पराली समस्या की रोकथाम के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया.’

सिसोदिया ने कहा कि ‘बीते साल नवंबर में जब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल चंडीगढ़ में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मिले थे तब उन्होंने आश्वासन दिया था कि अगले साल ऐसी कोई समस्या नहीं आएगी लेकिन दुर्भाग्यवश कुछ भी नहीं बदला. हरियाणा के मुख्यमंत्री ने कम से कम पराली समस्या की बात मानी थी जबकि पंजाब के मुख्यमंत्री तो दिल्ली के मुख्यमंत्री से मिलने का समय भी नहीं निकाल पाए थे.’

केवल दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बल्कि पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री और शिरोमणि अकाली दल नेता सुखबीर बादल ने भी पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया और कहा, ‘मैं कैप्टन अमरिंदर सिंह से पूछता हूं कि केंद्र सरकार से मिले 385 करोड़ रुपये में से उन्होंने किसी एक किसान को भी पराली जलाने से रोकने के लिए प्रोत्साहन क्यों नहीं दिया? आप दिल्ली क्यों जा रहे हैं? अपनी नाकामी छुपाने और केंद्र सरकार से मिले पैसे का गलत इस्तेमाल करने के लिए? काम करो फोटो छोड़ो.’

सुखबीर बादल के ट्वीट का जवाब देते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि, ‘बकवास बंद करो सुखबीर बादल, भारत सरकार ने 665 करोड़ रुपये ही सेंक्शन किए थे जिसमें से 269 करोड़ ही दिए हैं और उसमें से हम पहले ही ढाई सौ करोड़ रुपये 25,000 मशीनों पर खर्च कर चुके हैं जिसमें से 15,367 मशीनें किसानों को दी चुकी हैं और बाकी अक्टूबर अंत तक दे दी जाएंगी. काम बोलता है.’

कैप्टन अमरिंदर सिंह यहीं नहीं रुके. उन्होंने सुखबीर बादल को आगे लिखा, ‘क्योंकि आप मेरी दिल्ली यात्रा के बारे में ज़्यादा जानते हो सुखबीर बादल इसलिए मुझे पूरा यकीन है, आपको पता होगा कि मैं पराली जलाने से रोकने के लिए किसानों के लिए 100 रुपये प्रति क्विंटल मुआवजा मांग रहा हूं. साफ़ है आप ये नहीं चाहते लेकिन इससे मैं किसानों के लिए सब कुछ करने से नहीं रुकूंगा. काम बोलता है.’

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