नईदिल्ली। भारतीय जनता पार्टी की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने श्रीलंका में बुर्के पर बैन के बाद हिन्दुस्तान में भी ऐसी पाबंदी की मांग की है। शिवसेना के मुखपत्र सामना में श्रीलंका सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हुए बुर्के पर बैन की मांग करते हुए संपादकीय लिखा गया है।
शिवसेना ने यह मांग तब की है जब प्रधानमंत्री मोदी अयोध्या में रैली करने वाले हैं। शिवसेना ने ईस्टर के मौके पर हुए श्रीलंका में सीरियल ब्लास्ट के मद्देनजर यह मांग की है कि देश में बुर्के पर बैन लगाया जाए। शिवसेना ने केंद्र सरकार की ट्रिपल तलाक मुद्दे पर तारीफ की लेकिन यह भी अपील की कि बुर्के और नकाब पर बैन लगाए जाएं। बीजेपी ने शिवसेना की इस मांग का विरोध किया है। श्रीलंका विस्फोट के बाद हुई मौत के आकंड़े को बढ़ाकर बताते हुए शिवसेना ने कहा कि इस्लामिक आतंकवाद की वजह से श्रीलंका में 400 लोगों की बलि चढ़ गई।
लिट्टे आतंकवाद से श्रीलंका उबरा तो इस्लामिक आतंकवाद हावी हो गया। साथ ही शिवसेना ने श्रीलंका के साथ भारत के आध्यात्मिक रिश्ते का भी जिक्र किया है। वहीं शिवसेना के बुर्के पर बैन लगाने वाली मांग पर बीजेपी ने आपत्ति जताते हुए विरोध किया है। बीजेपी नेता और प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा ने इस मांग का विरोध करते हुए कहा कि भारत में बुर्के पर बैन की कोई जरूरत नहीं है। शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में लिखा है, मौजूदा सरकार ने ‘ट्रिपल तलाक’ के खिलाफ कानून बनाकर पीडि़त मुस्लिम महिलाओं का शोषण आदि रोक दिया है।
यह स्वीकार है लेकिन भीषण बम विस्फोट के बाद श्रीलंका में बुर्का और नकाब सहित चेहरा ढंकनेवाली हर चीज पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। हम इस निर्णय का स्वागत कर रहे हैं और प्रधानमंत्री मोदी को भी श्रीलंका के राष्ट्रपति के कदमों पर कदम रखते हुए हिंदुस्तान में भी ‘बुर्का’ और उसी तरह ‘नकाब’ बंदी करें, ऐसी मांग राष्ट्रहित के लिए कर रहे हैं। फ्रांस में भी आतंकवादी हमला होते ही वहां की सरकार ने बुर्का पर बैन लगाया। न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन में भी यही हुआ। फिर इस बारे में हिंदुस्तान पीछे क्यों? शिवसेना ने श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना के उस फैसले की तारीफ की जिसमें उन्होंने नकाब और बुर्के पर प्रतिबंध लगाया है।
शिवसेना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल करते हुए कहा कि बुर्के पर बैन रावण की लंका में हो गया यह राम की अयोध्या में कब होगा? शिवसेना ने दावा किया कि बुर्के का इस्तेमाल कर देशद्रोह और आतंकवाद फैलाने के उदाहरण सामने आए हैं। तुर्किस्तान इस्लामी राष्ट्र है लेकिन कमाल पाशा को जब संदेह हुआ कि बुर्के की आड़ में कुछ हो रहा है तो उसने अपने देश में मुस्लिम युवकों की दाढ़ी और बुर्के पर प्रतिबंध लगा दिया। मूलत: बुर्के का इस्लाम से तिल मात्र भी संबंध नहीं है और हिंदुस्तान के मुसलमान अरब राष्ट्र की व्यवस्था का अनुकरण कर रहे हैं।