नई दिल्ली
सबरीमाला मामले (Sabrimala Temple Issue) पर कांग्रेस और बीजेपी केरल के मुख्यमंत्री पी.विजयन द्वारा द्वारा बुलाई बैठक को बीच में ही छोड़कर बाहर निकल गए. मुख्यमंत्री ने मंदिर में सभी महिलाओं के प्रवेश को लेकर हो रही खींचतान को लेकर यह बैठक बुलाई थी. खास बात यह है कि 17 नवंबर से ढाई महीनें लंबे चलने वाले ‘मंडल मकराविलाकु’ पावन महीने की शुरुआत हो रही है. इस पावन महीने के दौरान महिलाएं मंदिर में दर्शन के लिए आ सकती है. ऐसे में इसे लेकर कोई बवाल न हो इसे ध्यान में रखते हुए सीएम ने सभी पार्टी की बैठक बुलाई थी. इस पावन महीने में दर्शन को लेकर बीते एक सप्ताह में 500 से ज्यादा महिलाओं ने केरल पुलिस की वेबसाइट पर अपना पंजीकरण कराया हुआ है.
इन सब के बीच मुख्यमंत्री पी.विजयन ने इस पूरे विवाद के लिए बीजेपी और आरएसएस को जिम्मेदार बताया है. उन्होंने कहा कि बीते कुछ दिनों में इस मामले को लेकर बीजेपी के रुख के बारे मे सभी को पता चल गया है. अब यह सभी के सामने हैं कि किस तरह के बीजेपी के नेताओं को जानबूझकर इस मामले में स्थिति बिगाड़ने के लिए कोशिशें कर चुके हैं. ध्यान हो कि पिछले सप्ताह कांग्रेस और बीजेपी ने केरल में सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले का विरोध करते हुए प्रदर्शन किया था जिसमें कोर्ट ने 10 से 50 वर्ष की बच्ची और महिलाओं को मंदिर में घुसने की अनुमति दे दी थी.
गौरतलब है कि केरल के सबरीमला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ दाखिल जनहित याचिकाओं पर SC पुनर्विचार याचिकाओं पर फैसले के बाद सुनवाई करेगा. CJI ने कहा कि अगर पुनर्विचार याचिकाएं खारिज करेंगे तो हम जनहित याचिकाओं को सुनेंगे. अगर पुनर्विचार याचिकाओं को सुनेंगे तो इनको भी टैग कर देंगे. आपको बता दें कि मंगलवार को तीन बजे चेंबर में पांच जजों की बेंच 49 पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई करेगी.
ध्यान हो कि 28 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए केरल के सबरीमला मंदिर में महिलाओं को प्रवेश की अनुमति दे दी थी.4:1 के बहुमत से हुए फैसले में पांच जजों की संविधान पीठ ने साफ कहा कि हर उम्र वर्ग की महिलाएं अब मंदिर में प्रवेश कर सकेंगी.