Sunday , July 6 2025
ताज़ा खबर
होम / देश / भाजपा में मोदी युग के बाद का नेतृत्व तैयार करने में जुटा संघ, 2029 के बाद की राजनीति पर फोकस

भाजपा में मोदी युग के बाद का नेतृत्व तैयार करने में जुटा संघ, 2029 के बाद की राजनीति पर फोकस

नई दिल्ली.

पहले हरियाणा में हार को जीत में बदल कर तीसरी बार सरकार बनाने और फिर महाराष्ट्र में आशा के विपरीत एकतरफा तूफानी बहुमत हासिल करके भारतीय जनता पार्टी और उसके नेतृत्व वाले गठबंधन एनडीए ने लोकसभा चुनावों में मिले खासे झटके के सदमे को नए हौसले में बदल दिया है। हालांकि, इसी दौर में जम्मू कश्मीर और झारखंड में विपक्षी इंडिया गठबंधन की भी जीत हुई है, लेकिन हरियाणा और महाराष्ट्र की जीत के जश्न और शोर में इन दोनों राज्यों में भाजपा की नाकामयाबी की चर्चा दब गई है।

भाजपा की इस जीत का श्रेय यूं तो हर बार की तरह पार्टी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता और गृह मंत्री अमित शाह की रणनीति को दे रही है, लेकिन दूसरी तरफ इन दोनों राज्यों की सफलता को भाजपा के मातृ संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने अपने हजारों स्वयंसेवकों की मेहनत का नतीजा बताया है। आमतौर पर संघ पर्दे के पीछे रहकर ही काम करता है और चुनावी सफलता का श्रेय संघ कभी सीधे नहीं लेता है, लेकिन पहली बार उसने खुलकर इसका श्रेय अपने स्वयंसेवकों को दिया है। इसके साथ ही संघ अब मोदी युग के बाद भाजपा के नेतृत्व को गढ़ने में जुट गया है। संघ के इस रुख के कई संकेत हैं। पहला ये कि लोकसभा चुनावों में जब भाजपा के 370 और एनडीए के चार सौ पार के नारे की हवा निकली और भाजपा बमुश्किल 240 सीटें ही जीत पाई और तीसरी बार उसे अपनी सरकार बनाने के लिए सहयोगी दलों के समर्थन पर निर्भर होना पड़ा है।

तब संघ की तरफ से यह संदेश दिया गया कि ऐसा इसलिए हुआ कि लोकसभा चुनावों में आरएसएस के स्वयंसेवक उदासीन हो गए और संघ ने इन चुनावों को पूरी तरह मोदी शाह और भाजपा के भरोसे छोड़ दिया था।नतीजा ये कि भाजपा को अपने बलबूते बहुमत के आंकड़े के भी लाले पड़ गए।यह एक तरह से चुनावों के बीच में एक अखबार को दिए गए इंटरव्यू में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के बयान कि भाजपा अब अपने पैरों पर खडी हो गई है और उसे अब संघ के सहारे की जरूरत नहीं है,का संघ की तरफ से दिया गया जवाब भी माना जा सकता है। लोकसभा चुनावों के झटके के बाद भाजपा ने हरियाणा महाराष्ट्र और झारखंड के चुनावों के लिए संघ की तरफ देखा और संघ ने इस मौके को हाथ से जाने नहीं दिया। संघ के हजारों स्वयंसेवक इन राज्यों में फैल गए। बताया जाता है कि अकेले हरियाणा में संघ ने छोटी बड़ी सब मिलाकर करीब बीस हजार बैठकें कीं। यह संख्या महाराष्ट्र में और भी ज्यादा थी। इन विधानसभा चुनावों के पूरे सियासी विमर्श को संघ ने ही गढ़ा।

सबसे पहले उत्तर प्रदेश में संघ के चहेते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नया नारा दिया बटेंगे तो कटेंगे जो लोकसभा चुनावों में विपक्ष द्वारा सामाजिक न्याय के नाम पर किए गए जातीय ध्रुवीकरण की काट के तौर पर दिया गया था। योगी के इस नारे पर संघ प्रमुख सर संघ चालक मोहन भागवत ने मुहर लगाई और फिर नारा विधानसभा चुनावों में भाजपा का चुनावी नारा बन गया। महाराष्ट्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे थोड़ा परिष्कृत करके कहा एक हैं तो सेफ हैं। इन दोनों नारों का संदेश साफ था कि हिंदुओं जातियों में न बंट कर एकजुट होकर भाजपा के लिए मतदान करो। हरियाणा में जहां इस नारे के जरिए जाटों के वर्चस्व के जवाब में गैर जाटों का भाजपा के पक्ष में ध्रुवीकरण किया गया वहीं महाराष्ट्र में विपक्ष के मुस्लिम और जातीय ध्रुवीकरण के जवाब में यह नारा हिंदू ध्रुवीकरण का मंत्र बन गया। कोशिश झारखंड में भी की गई लेकिन वहां हेमंत सोरेन के आदिवासी ध्रुवीकरण ने बटेंगे तो कटेंगे को बेअसर कर दिया।

इस नारे से बने चुनावी विमर्श और उससे आए महाराष्ट्र के नतीजों ने भाजपा पर संघ की पकड़ को फिर से मजबूत कर दिया है, जो 2019 के बाद धीरे धीरे कमजोर हो चली थी। इसका सबसे बड़ा परीक्षण महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के चयन सामने आया जब करीब दो सप्ताह तक चली भारी कशमकश के बाद आखिरकार देवेंद्र फडणनवीस के नाम पर ही पार्टी ने मुहर लगाई। हालांकि, लोकसभा चुनावों में महाराष्ट्र में भाजपा को मिली करारी हार से देवेंद्र फडणनवीस के करिश्मे पर भी ग्रहण लग गया था और उन्होंने अपनी जिम्मेदारी लेते हुए उप मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे के पेशकश भी की थी, लेकिन उसे नामंजूर करते हुए पार्टी ने उन्हें विधानसभा चुनावों के लिए जुट जाने को कहा और देवेंद्र फडणनवीस ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में भाजपा नीत महायुति गठबंधन की जीत के लिए रणनीति बनाने से लेकर प्रत्याशी चयन,सीटों के बंटवारे और प्रचार अभियान का नेतृत्व करते हुए जी तोड़ मेहनत की और महायुति की महाजीत का श्रेय भी सबसे ज्यादा उन्हें ही मिला।

इसलिए जब मुख्यमंत्री के नाम पर अटकलें लगीं तो सबसे ऊपर उनका ही नाम था। इसके बावजूद करीब 13 दिनों तक भाजपा उनके नाम की घोषणा इसलिए नहीं कर सकी, क्योंकि पार्टी में ही एक धड़ा उनका विरोध कर रहा था और फडणनवीस के विरोधियों ने निवर्तमान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे तक को भी इसके लिए इस्तेमाल किया कि फडणनवीस का रास्ता रोका जा सके, लेकिन आखिरकार विरोधी नाकाम हुए और संघ के आशीर्वाद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थन ने देवेंद्र फडणनवीस को फिर से महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री पद सौंप दिया। लोकसभा चुनावों के बाद घटे इस पूरे राजनीतिक घटनाक्रम ने भाजपा की राजनीति में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को फिर सत्ता के एक निर्णायक केंद्र की भूमिका में ला दिया है। संघ का अगला मिशन भाजपा के संगठन को फिर अपने प्रभाव में लेने का है,

जो पिछले कुछ वर्षों में उसके हाथ से काफी हद तक फिसल गया था। इसके लिए अब संघ भाजपा अध्यक्ष पद पर किसी ऐसे नेता को बिठाने की कवायद में है जो संघ निष्ठ होने के साथ साथ पार्टी संगठन को भी संघ के विचारों संस्कारों और कार्यशैली में ढाल सके। हालांकि, अपनी इस कवायद में संघ अपने परिवार के सबसे लोकप्रिय चेहरे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी नाराज और अनदेखा नहीं कर सकता है, इसलिए उसकी कोशिश है कि अध्यक्ष पद पर किसी ऐसे नेता के नाम को आगे बढ़ाया जाए जिस पर मोदी को भी कोई खास एतराज न हो, लेकिन साथ ही संघ की कोशिश है कि अध्यक्ष भले ही प्रधानमंत्री के साथ तालमेल बिठाकर चले लेकिन वह पूरी तरह सरकार और उसके सत्ता केंद्रों के आगे नतमस्तक भी नहीं होना चाहिए। संघ अब भारतीय जनता पार्टी में मोदी के आगे के युग की तैयारी में जुट गया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अभी भाजपा के सर्वोच्च नेता हैं और जब तक वह प्रधानमंत्री हैं वही सर्वोच्च रहेंगे, लेकिन उनकेक पंक्ति संघ तैयार कर रहा है। इन नेताओं में प्रमुख रूप से गृह मंत्री अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ ही अब नया नाम महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणनवीस का भी जुड़ गया है। जहां तक रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की भूमिका का सवाल है तो संघ के मुताबिक ये मोदी युग के ही महारथी हैं। संघ को 2029 के लोकसभा चुनावों और उसके बाद की राजनीति के लिए भाजपा नेतृत्व विकसित करना है। ऐसे में भाजपा अध्यक्ष की भूमिका खासी अहम होगी और जो भी नया अध्यक्ष होगा उसे भी भाजपा की अगली पंक्ति के नेता के रूप में देखा जाएगा और उसकी जिम्मेदारी होगी कि वह पार्टी को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार कर सके।संघ वैसी गलती दोहराना नहीं चाहती है जैसी कि अटल बिहारी वाजपेयी सरकार जाने के बाद हुई और पार्टी लाल कृष्ण आडवाणी मुरली मनोहर जोशी जैसे पुराने दिग्गजों के भरोसे ही ही रही और दस साल तक उसे केंद्रीय सत्ता से वंचित रहना पड़ा।

jabartoto slot pulsa Slot Dana mancing138 mancing138 mancing138 anoboytoto slot gacor toto slot slot gacor situs toto Slot Gacor Slot Resmi Slot88 slot gacor slot gacor Situs toto Jogjatoto jogjatoto Slot88 Resmi https://dpupkp.slemankab.go.id/ Slot Gacor 2025 slot gacor slot gacor Slot 2025 slot dana slot gacor Slot Gacor Malam Ini Slot Gacor 2025 slot gacor slot dana https://pariwisata.sultraprov.go.id/ Slot777 slot thailand slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor info kabar slot gacor slot gacor slot gacor Slot Gacor Slot Gacor https://edu.pubmedia.id/ https://stikesrshusada.ac.id/ https://ijsl.pubmedia.id/ Situs Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor info kabar Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor slot gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor https://dakukeren.balangankab.go.id/ slot gacor slot gacor slot gacor https://elearning.unka.ac.id/ https://jurnal.unka.ac.id/bo/ https://jurnal.unka.ac.id/rep/ slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot mahjong slot gacor pohon169 pohon169 slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor https://jurnal.unka.ac.id/ https://unisbajambi.ac.id/ https://sia.unisbajambi.ac.id/ https://sipp.pn-garut.go.id/ https://fatecjahu.edu.br/ https://poltekkesbengkulu.ac.id/ https://journal.unublitar.ac.id/ https://poltekkes-pontianak.ac.id/ https://conference.upgris.ac.id/ https://kabar.tulungagung.go.id/wop/ slot gacor Slot Gacor 2025 Slot Gacor 2025 Slot Gacor Hari Ini slot gacor slot gacor slot gacor Slot Gacor 2025 Slot Gacor 2025 Slot Gacor 2025 Slot Gacor 2025 Slot Gacor 2025 Slot Gacor 2025 Slot Gacor 2025
  • toto hk
  • togel hongkong
  • toto hk
  • pg77
  • situs pg77
  • pg77 login