Tuesday , July 8 2025
ताज़ा खबर
होम / देश / शिक्षा क्षेत्र में क्रांतिकारी कदम हिंदी में चिकित्सा पाठ्यक्रम – हितानंद शर्मा

शिक्षा क्षेत्र में क्रांतिकारी कदम हिंदी में चिकित्सा पाठ्यक्रम – हितानंद शर्मा

माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने एक ट्वीट में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के संबंध में लिखा था “राष्ट्रीय शिक्षा नीति से प्रेरणा लेते हुये अब सभी तकनीकी शिक्षा के विषयों को मातृभाषा में पढ़ाने की कोशिश की जायेगी, इंजीनियरिंग व चिकित्सा सहित“ और अब मध्यप्रदेश शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार व ऐतिहासिक पहल कर एमबीबीएस हिंदी माध्यम में आरंभ करने वाला देश का पहला राज्य होने जा रहा है। स्वाभाविक है इस शैक्षणिक अनुष्ठान में शासन की मंशा, योग्य शिक्षाविदों का परिश्रम व माननीय प्रधानमंत्री जी का स्वप्न साकार होने जा रहा है तो इस अभूतपूर्व पहल पर देश ही नहीं वैश्विक परिदृश्य में स्वागत के साथ-साथ गंभीर चिंतन अवश्य होगा।

भारतीय शिक्षा पद्धति के अंतर्गत उच्च शिक्षा प्रणाली में मातृभाषा व भारतीय भाषाओं को वह महत्व नहीं मिला या दिया गया जिसकी वह वास्तविक पात्र हैं। सामान्यतः सीखने व सिखाने की यह प्रक्रिया एक विदेशी भाषा के ही अधीन रही है। किंतु राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एन ई पी) 2020 के आगमन ने एक बड़े बदलाव का शुभारंभ किया है।

वर्तमान समय जो कि स्वतंत्रता का अमृतकाल है और राष्ट्र अपने सांस्कृतिक, धार्मिक, सामाजिक व आध्यात्मिक पुनर्जागरण के मानकों को स्थापित होते देख रहा है, ऐसे में यह आवश्यक हो गया है कि हम उच्च शिक्षा के माध्यम के रूप में मातृभाषा या क्षेत्रीय भाषाओं के उपयोग पर ध्यान दें। मातृभाषा में शिक्षा की बात लार्ड मैकाले के समय से ही होती रही है। स्वतंत्र भारत में भी यह मांग समय-समय पर होती रही जैसे 1948-49 में राधाकृष्णन समिति की रिपोर्ट, जिसे हम विश्वविद्यालय शिक्षा आयोग के नाम से जानते हैं, उस रिपोर्ट में भी अनुशंसा की गई थी कि “शिक्षा के माध्यम के रूप में जितनी जल्दी हो सके अंग्रेजी को भारतीय भाषा से बदल दिया जाए।“ इसके बाद राजभाषा आयोग, भावनात्मक एकीकरण समिति, एनईपी 1968, एनईपी (1986/1992) और अब एनईपी 2020 में पुरजोर तरीके से मातृभाषा व क्षेत्रीय भाषाओं में ही शिक्षा को प्राथमिकता व प्रधानता देने की बात कही गई है।

वर्तमान शिक्षा नीति अनुशंसा करती है कि उच्च शिक्षा संस्थानों को शिक्षा के माध्यम के रूप में मातृभाषा अथवा स्थानीय भाषा का उपयोग करना चाहिए अथवा द्विभाषी पाठ्यक्रम चलाने चाहिए। जिससे यह अधिकतम छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षण प्रदान करने में सहायक होगा, और उच्च शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात में वृद्धि करेगा। इससे सभी भारतीय भाषाओं की सामर्थ्य, उपयोगिता व जीवंतता बनी रहेगी। जब यह बात राष्ट्रीय स्तर से आरंभ होगी तो निश्चित रूप से निजी संस्थान भी भारतीय भाषाओं को शिक्षा के माध्यम के रूप में उपयोग करने अथवा द्विभाषी पाठ्यक्रमों को लागू करने के लिये प्रेरित होंगे। यह अभिनव प्रयोग सुनिश्चित करेगा कि शासकीय व निजी संस्थानों में कोई अंतर नहीं है।

शिक्षकों का प्रशिक्षण कार्यक्रम, चार वर्षीय बैचलर ऑफ एजुकेशन दोहरी डिग्री भी द्विभाषी होगी। इससे सभी विषयों के शिक्षकों के संवर्गों के प्रशिक्षण में आसानी होगी। विज्ञान और गणित के शिक्षक भी शिक्षण के लिए द्विभाषी दृष्टिकोण अपनाएंगे।

अनुशंसाओं को अनुपालन में लाने के लिए पाठ्यपुस्तकों, कार्यपुस्तिकाओं, वीडियो, नाटकों, कविताओं, उपन्यासों और पत्रिकाओं सहित भारतीय भाषाओं में उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षण और प्रिंट सामग्री विकसित की जाए। इसे अनुवाद और व्याख्या में गुणवत्तापूर्ण कार्यक्रम बनाकर संभव किया जाएगा।

मध्यप्रदेश में इसी उद्देश्य को लेकर चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में अभिनव प्रयोग करते हुये प्रथम वर्ष के पाठ्यक्रम के अंतर्गत एनाटॉमी, बायोकेमिस्ट्री व फिजियोलॉजी विषय की हिंदी में पुस्तकें प्रकाशित की हैं जिनका विमोचन केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह जी करने वाले हैं। यह एक ऐतिहासिक कदम है जो प्रधानमंत्री जी के संकल्प कि शिक्षा का माध्यम मातृभाषा होना चाहिये को साकार करते हुए इस अवधारणा को दूर करेगी कि उच्च शिक्षा केवल अंग्रेजी में ही संभव है।

आइये, हम सभी चिकित्सा शिक्षा के इस अभूतपूर्व व ऐतिहासिक अवसर के साक्षी बनें और गर्व का अनुभव करें कि हमारा प्रदेश देश का प्रथम राज्य है जहां इंजीनियरिंग के साथ ही अब मेडिकल शिक्षा का आरंभ भी मातृभाषा में हो रहा है।

लेखक – भाजपा मध्यप्रदेश के प्रदेश संगठन महामंत्री है

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Enable Google Transliteration.(To type in English, press Ctrl+g)

jabartoto slot pulsa Slot Dana mancing138 mancing138 mancing138 anoboytoto slot gacor toto slot slot gacor situs toto Slot Gacor Slot Resmi Slot88 slot gacor slot gacor Situs toto Jogjatoto jogjatoto Slot88 Resmi https://dpupkp.slemankab.go.id/ Slot Gacor 2025 slot gacor slot gacor Slot 2025 slot dana slot gacor Slot Gacor Malam Ini Slot Gacor 2025 slot gacor slot dana https://pariwisata.sultraprov.go.id/ Slot777 slot thailand slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor info kabar slot gacor slot gacor slot gacor Slot Gacor Slot Gacor https://edu.pubmedia.id/ https://stikesrshusada.ac.id/ https://ijsl.pubmedia.id/ Situs Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor info kabar Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor slot gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor https://dakukeren.balangankab.go.id/ slot gacor slot gacor slot gacor https://elearning.unka.ac.id/ https://jurnal.unka.ac.id/bo/ https://jurnal.unka.ac.id/rep/ slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot mahjong slot gacor pohon169 pohon169 slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor https://jurnal.unka.ac.id/ https://unisbajambi.ac.id/ https://sia.unisbajambi.ac.id/ https://sipp.pn-garut.go.id/ https://fatecjahu.edu.br/ https://poltekkesbengkulu.ac.id/ https://journal.unublitar.ac.id/ https://poltekkes-pontianak.ac.id/ https://conference.upgris.ac.id/ https://kabar.tulungagung.go.id/wop/ slot gacor Slot Gacor 2025 Slot Gacor 2025 Slot Gacor Hari Ini slot gacor slot gacor slot gacor Slot Gacor 2025 Slot Gacor 2025 Slot Gacor 2025 Slot Gacor 2025 Slot Gacor 2025 Slot Gacor 2025 Slot Gacor 2025 Slot Gacor Slot Gacor
  • toto hk
  • togel hongkong
  • toto hk
  • pg77
  • situs pg77
  • pg77 login