महंगाई के मोर्चे पर मोदी सरकार नवंबर महीने में भी झटका लगा है. खुदरा महंगाई दर में खासी बढ़ोतरी दर्ज की गई है. नवंबर के महीने में खुदरा महंगाई दर 4.62 फीसदी से बढ़कर 5.54 फीसदी हो गई है. वहीं अक्टूबर में औद्योगिक उत्पादन दर में सितंबर के मुकाबले अक्टूबर में थोड़ी सुधार देखने को मिली है.
तीन साल में सबसे ऊपर खुदरा महंगाई दर
इससे पहले अक्टूबर में खुदरा मुद्रास्फीति 4.62 फीसदी थी. जबकि सितंबर महीने में खुदरा महंगाई दर 3.99 फीसदी थी. इस तरह से नवंबर में खुदरा महंगाई दर तीन साल में सबसे ऊपर पहुंच गई है. इससे पहले जुलाई 2016 में खुदरा महंगाई दर 6.07 फीसदी थी.
महंगी हुईं सब्जियां
आंकड़ों की मानें तो प्याज, टमाटर और अन्य सब्जियों की कीमतों में इजाफा होने के कारण नवंबर में महंगाई दर ये उछाल देखने को मिला है. सब्जियों की महंगाई नवंबर में बढ़कर 36 फीसदी हो गई है जो एक महीना पहले 26 फीसदी थी.
नवंबर में शहरी और ग्रामीण इलाकों में खाने-पीने की चीजों के दाम 10.01 फीसदी तक बढ़ गए हैं. हेडलाइन CPI में फूड की हिस्सेदारी 45.9 फीसदी है. सितंबर में प्याज की कीमतों में 45.3 फीसदी इजाफा हुआ है. वहीं अक्टूबर में प्याज के दाम 19.6 फीसदी बढ़े हैं.
औद्योगिक उत्पादन दर में सुधार
वहीं औद्योगिक उत्पादन दर -4.3 फीसदी के मुकाबले अक्टूबर में -3.8 फीसदी रही है. औद्योगिक उत्पादन दर में सुधार सरकार के लिए राहत की खबर लेकर आई है.
एक्शन में सरकार
खुदरा महंगाई पर काबू पाने के लिए सरकार ने एक मीडियम टर्म इनफ्लेशन टारगेट तय किया है. इसके तहत मार्च 2021 तक महंगाई दर की ग्रोथ को 4 फीसदी बनाए रखने की कोशिश की जाएगी.
गौरतलब है कि अर्थव्यवस्था की सुस्ती दूर करने के लिए RBI लगातार रेपो रेट में कटौती कर रहा है. इस साल अब तक RBI रेपो रेट में 1.35 फीसदी कटौती कर चुका है, रेपो रेट अभी 5.15 फीसदी है.