नई दिल्ली
मेघालय की एक खदान में फंसे 15 खनिकों का अबतक कोई सुराग नहीं मिला है। इसी बीच सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने बताया है कि खनिकों को निकालना इतना भी आसान नहीं है। केंद्र ने यहां तक कहा कि मेघालय का ऑपरेशन थाइलैंड में बचाए गए बच्चों के ऑपरेशन से भी कठिन है। इसके पीछे केंद्र ने विभिन्न कारण भी गिनाए हैं।
आया थाइलैंड की गुफा का जिक्र
सुप्रीम कोर्ट में पिछले साल थाइलैंड की एक गुफा में फंसे 12 बच्चों और उनके कोच का भी जिक्र आया। जिन्हें 18 दिनों बाद सही सलामत निकाल लिया गया था। सॉलिसटर जनरल ने कहा कि इन मजदूरों को बचाना थाइलैंड के ऑपरेशन से भी कठिन है क्योंकि गैरकानूनी खदान के अंदर का नक्शा किसी के पास है ही नहीं। सुनवाई के दौरान सॉलिस्टर जनरल ने कहा, ‘थाइलैंड वाले केस में गुफा का ब्लूप्रिंट मौजूद था, पानी को भी साफ कर दिया गया था। लेकिन यहां पानी निकल नहीं रहा जिसकी वजह से गोताखोर अंदर नहीं जा पा रहे।’ उन्होंने आगे कहा, ‘हम लोग शक्तिशाली पंपों का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे एक मिनट में 1800 लीटर पानी बाहर निकाला जा रहा है, लेकिन पास में नदी है, जिसकी वजह से परेशानी बढ़ जाती है।’
केंद्र की सफाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने संतुष्टि जाहिर की और कहा कि आगे के ऑपरेशन पर उनकी भी नजर रहेगी। केंद्र और मेघालय सरकार को अब 7 जनवरी को नई रिपोर्ट पेश करके बताना है कि ऑपरेशन कहां तक पहुंचा। बता दें कि खनिकों को बचाने के लिए बड़ी टीम लगी हुई है। इसमें एनडीआरएफ के 72 लोग, एसडीआरएफ के 22 लोग, नेवी के 14 और कोल इंडिया के 10 लोग जुटे हुए हैं।