भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने आम जनता को बड़ा तोहफा देते हुए फंड ट्रांसफर करने पर सभी तरह के लगने वाले चार्ज को हटाने का फैसला किया है। रेपो रेट में कमी करने के बाद यह फैसला भी आरबीआई की मौद्रिक समीक्षा नीति ने लिया है। डिजिटल बैंकिंग को बढ़ावा देने के लिए आरबीआई ने यह कदम उठाया है।
एसबीआई में लगता है 50 रुपये तक चार्ज
वहीं आरटीजीएस में दो लाख से लेकर के पांच लाख रुपये पर इंटरनेट बैंकिंग चार्ज पांच रुपये और बैंक शाखा में 25 रुपये है। पांच लाख रुपये से ऊपर 10 रुपये इंटरनेट बैंकिंग शुल्क और 50 रुपये बैंक शाखा में लगते हैं। इन सभी शुल्क पर 18 फीसदी जीएसटी भी अतरिक्त देय है। आरटीजीएस सोमवार से लेकर के शनिवार (दूसरा व चौथा शनिवार छोड़कर) बैंक की शाखा या फिर इंटरनेट बैंकिंग के जरिए किया जा सकता है।
एसबीआई के अलावा अन्य सरकारी और निजी बैंकों में भी इसी तरह का चार्ज का लगता है।
फीचर फोन रखने वालों को सुविधा
बैंक ने कहा है कि जहां एक तरफ स्मार्टफोन का प्रयोग करने वालों की संख्या बढ़ी है, वहीं फीचर फोन का इस्तेमाल करने वाले लोग भी कम नहीं हैं। ऐसे में उनको भी तेज गति वाली भुगतान प्रणाली से जोड़ना होगा, जिस पर काफी काम किया जाना बाकी है।
यह है विजन
रिजर्व बैंक को उम्मीद है कि दिसंबर 2021 तक देश में डिजिटल माध्यमों से होने वाला लेनदेन चार गुना से भी अधिक बढ़कर 8,707 करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा। रिजर्व बैंक ने ‘‘भारत में भुगतान और निपटान प्रणाली: विजन 2019- 2021’’ दस्तावेज को जारी करते हुये देश में ई- भुगतान के अनुभव को बेहतर बनाने और उच्च डिजिटल और कम नकदी वाला समाज बनाने की दिशा में यह कदम उठाया है।
पहले होगा परीक्षण
आरबीआई ने कहा है कि एनईएफटी का समय बढ़ाने से पहले इसका परीक्षण करना जरूरी है। अभी एनईएफटी दो घंटे के अंतराल पर बैंकिंग समय के दौरान होता है। यह सुविधा रविवार और शनिवार के अवकाश के दिन बंद रहती है। इसके अलावा जिस दिन बैंक का अवकाश रहता है, उस दिन भी नहीं होता है।