Monday , June 9 2025
ताज़ा खबर
होम / देश / RBI ने विकास अनुमान में भारी कटौती, 6.6 प्रतिशत दर से बढ़ेगी अर्थव्यवस्था

RBI ने विकास अनुमान में भारी कटौती, 6.6 प्रतिशत दर से बढ़ेगी अर्थव्यवस्था

मुंबई
 चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में आर्थिक गतिविधियों के 5.4 प्रतिशत कर दर से बढ़ने के मद्देनजर आर्थिक विकास में आयी सुस्ती को ध्यान में रखकर भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को चालू वित्त वर्ष के विकास अनुमान को पहले के 7.2 प्रतिशत से 0.6 प्रतिशत कम कर 6.6 प्रतिशत कर दिया और आर्थिक गतिविधियों को गति देने के उद्देश्य से नकद आरक्षित अनुपात(सीआरआर) में 0.5 प्रतिशत की कटौती कर दी जिससे बैंकिंग तंत्र में 1.16 लाख करोड़ रुपये आ गये।

रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिवसीय पांचवी द्विमासिक बैठक के समापन पर शुक्रवार को जारी अपने बयान में कहा “ एमपीसी ने नोट किया कि अक्टूबर नीति के बाद से भारत में निकट अवधि की मुद्रास्फीति और विकास परिणाम कुछ हद तक प्रतिकूल हो गए हैं। हालांकि, आगे चलकर, रिजर्व बैंक के सर्वेक्षणों में परिलक्षित व्यापार और उपभोक्ता भावनाओं में वृद्धि के साथ-साथ आर्थिक गतिविधि में सुधार होने की संभावना है। मुद्रास्फीति में हाल ही में हुई वृद्धि मुद्रास्फीति के दृष्टिकोण और अपेक्षाओं पर कई और अतिव्यापी झटकों के निरंतर जोखिमों को उजागर करती है। भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं और वित्तीय बाजार में अस्थिरता ने मुद्रास्फीति के लिए और अधिक जोखिम बढ़ा दिया है।

उच्च मुद्रास्फीति ग्रामीण और शहरी दोनों उपभोक्ताओं की क्रय शक्ति को कम करती है और निजी खपत पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है। एमपीसी ने जोर दिया कि उच्च विकास के लिए मजबूत नींव केवल टिकाऊ मूल्य स्थिरता के साथ ही सुरक्षित की जा सकती है। एमपीसी अर्थव्यवस्था के समग्र हित में मुद्रास्फीति और विकास के बीच संतुलन बहाल करने के लिए प्रतिबद्ध है। तदनुसार, एमपीसी ने इस बैठक में नीति रेपो दर को 6.50 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखने का निर्णय लिया। एमपीसी ने मौद्रिक नीति के तटस्थ रुख को जारी रखने का भी निर्णय लिया क्योंकि यह अवस्फीति और विकास पर प्रगति और दृष्टिकोण की निगरानी करने और उचित रूप से कार्य करने के लिए लचीलापन प्रदान करता है। एमपीसी स्पष्ट रूप से लक्ष्य के साथ मुद्रास्फीति के टिकाऊ संरेखण पर केंद्रित है, जबकि विकास का समर्थन करता है।”

उन्होंने कहा कि सभी कारकों को ध्यान में रखते हुए 2024-25 के लिए वास्तविक जीडीपी वृद्धि अनुमान को पहले के 7.2 प्रतिशत से कम कर 6.6 प्रतिशत किया गया है। इसके साथ ही चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही 6.8 प्रतिशत और चौथी तिमाही 7.2 प्रतिशत रहने की संभावना जतायी गयी है।। अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में यह 6.9 प्रतिशत और दूसरी तिमाही में 7.3 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है। उन्होंने कहा कि सीआरआर में आधी फीसदी की कटौती गयी है और अब यह 4 प्रतिशत पर आ गया है जिससे बैंकिंग तंत्र में 1.16 लाख करोड़ रुपये आ गये हैं।

दास ने कहा “ जैसा कि हम 2025 की दहलीज पर खड़े हैं, मुझे 2024 की घटनापूर्ण यात्रा पर विचार करने दें। पिछले कुछ वर्षों में चलन के अनुरूप, केंद्रीय बैंकों को एक बार फिर निरंतर, विशाल और जटिल झटकों के खिलाफ अपनी अर्थव्यवस्थाओं को स्थिर करने के लिए अंतिम परीक्षण के दौर से गुजरना पड़ा। केंद्रीय बैंक लगातार भू-राजनीतिक संघर्षों, भू-आर्थिक विखंडन, वित्तीय बाजार में अस्थिरता और निरंतर अनिश्चितताओं द्वारा निर्मित नए वैश्विक आर्थिक और वित्तीय परिदृश्य के अनुकूल हो रहे हैं, जो सभी वैश्विक अर्थव्यवस्था के लचीलेपन का परीक्षण कर रहे हैं। उन्नत और उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाओं (ईएमई) दोनों के लिए मुद्रास्फीति की अंतिम मील लंबी और कठिन होती जा रही है। व्यापक आर्थिक और वित्तीय स्थिरता बनाए रखना और बफर बनाना ईएमई के लिए दिशा-निर्देश बने हुए हैं। भारत में, विकास और मुद्रास्फीति के प्रक्षेपवक्र में हाल के विचलन के बावजूद, अर्थव्यवस्था प्रगति की ओर एक निरंतर और संतुलित पथ पर अपनी यात्रा जारी रखे हुए है। वैश्विक अर्थव्यवस्था के नए स्वरूप के बीच, भारत उभरते रुझानों से लाभ उठाने के लिए अच्छी स्थिति में है क्योंकि यह एक परिवर्तनकारी यात्रा पर आगे बढ़ रहा है।”

रिजर्व बैंक के गवर्नर ने कहा कि एमपीसी ने विकास की गति में हाल की मंदी पर ध्यान दिया, जो चालू वर्ष के लिए विकास पूर्वानुमान में कमी के रूप में सामने आती है। इस वर्ष की दूसरी छमाही और अगले वर्ष की ओर बढ़ते हुए, एमपीसी ने विकास के दृष्टिकोण को लचीला माना, लेकिन इस पर कड़ी निगरानी की आवश्यकता है। दूसरी ओर, मुद्रास्फीति अक्टूबर में 6.0 प्रतिशत के ऊपरी सहनीय बैंड से ऊपर बढ़ गई, जो खाद्य मुद्रास्फीति में तेज उछाल से प्रेरित थी। खाद्य मुद्रास्फीति का दबाव इस वित्तीय वर्ष की तीसरी तिमाही में बना रहने की संभावना है और केवल 2024-25 की चौथी तिमाही से कम होना शुरू होगा, जिसे सब्जियों की कीमतों में मौसमी सुधार, खरीफ की फसल की आवक, संभावित रूप से अच्छे रबी उत्पादन और पर्याप्त अनाज बफर स्टॉक का समर्थन प्राप्त है।

उन्होंने कहा कि उच्च मुद्रास्फीति उपभोक्ताओं के हाथों में उपलब्ध व्यय योग्य आय को कम करती है और निजी खपत को प्रभावित करती है, जो वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि को नकारात्मक रूप से प्रभावित करती है। प्रतिकूल मौसम की घटनाओं की बढ़ती घटनाएं, भू-राजनीतिक अनिश्चितताएं और वित्तीय बाजार में अस्थिरता मुद्रास्फीति के लिए जोखिम पैदा करती हैं। एमपीसी का मानना ​​है कि केवल टिकाऊ मूल्य स्थिरता के साथ ही उच्च विकास के लिए मजबूत नींव सुरक्षित की जा सकती है। एमपीसी अर्थव्यवस्था के समग्र हित में मुद्रास्फीति वृद्धि संतुलन को बहाल करने के लिए प्रतिबद्ध है। तदनुसार, एमपीसी ने इस बैठक में नीति रेपो दर को 6.50 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखने और मौद्रिक नीति के तटस्थ रुख को जारी रखने का फैसला किया क्योंकि यह मुद्रास्फीति और विकास पर दृष्टिकोण की निगरानी और आकलन करने और उचित रूप से कार्य करने के लिए लचीलापन प्रदान करता है।

उन्होंने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था ने कई प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद 2024 में असामान्य लचीलापन दिखाया है। मुद्रास्फीति धीरे-धीरे अपने बहु-दशकीय उच्च स्तर से लक्ष्य की ओर बढ़ रही है, जिससे कई केंद्रीय बैंक नीतिगत बदलाव करने लगे हैं। वैश्विक व्यापार लचीला बना हुआ है और इसकी मात्रा भू-राजनीतिक ब्लॉकों तक सीमित है। पिछली एमपीसी बैठक के बाद से, बढ़ते अमेरिकी डॉलर और सख्त बॉन्ड यील्ड के बीच वित्तीय बाजार अस्थिर बने हुए हैं, जिसके परिणामस्वरूप उभरते बाजारों से बड़ी मात्रा में पूंजी का बहिर्वाह हुआ है और इक्विटी बाजारों में अस्थिरता आई है। वैश्विक परिदृश्य संरक्षणवाद की बढ़ रही है जिसमें वैश्विक विकास को कमजोर करने और मुद्रास्फीति को बढ़ाने की क्षमता है।

दास ने कहा कि दूसरी तिमाही में वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद में 5.4 प्रतिशत की वृद्धि दर, अनुमान से बहुत कम रही। विकास में यह गिरावट मुख्य रूप से वैश्विक समग्र क्रय प्रबंधकों के सूचकांक (पीएमआई) में पर्याप्त गिरावट के कारण हुई। नवंबर 2024 में वैश्विक समग्र क्रय प्रबंधकों का सूचकांक (पीएमआई) और सुधरकर 52.4 पर पहुंच गया और लगातार तेरहवें महीने विस्तार क्षेत्र में रहा। नवंबर में वैश्विक विनिर्माण पीएमआई में सुधार हुआ और यह 50.0 के तटस्थ स्तर पर वापस आ गया। वैश्विक सेवा क्षेत्र में विस्तार जारी रहा और पीएमआई लगातार बाईसवें महीने नवंबर में 53.1 पर विस्तार क्षेत्र में रहा। पिछली एमपीसी बैठक के बाद से, उन्नत अर्थव्यवस्थाओं (एई) में अमेरिका, ब्रिटेन, यूरो क्षेत्र, कनाडा, न्यूजीलैंड, स्वीडन, आइसलैंड, चेक गणराज्य और दक्षिण कोरिया और उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाओं (ईएमई) में चीन, दक्षिण अफ्रीका, मैक्सिको, फिलीपींस, श्रीलंका, थाईलैंड, पेरू और चिली ने अपनी नीति दरों में कटौती की है। दूसरी ओर, रूस और ब्राजील ने अपनी बेंचमार्क दरें बढ़ाई हैं। ऑस्ट्रेलिया, नॉर्वे, जापान, इज़राइल, हंगरी, इंडोनेशिया, मलेशिया, पोलैंड, रोमानिया और तुर्की ने इस अवधि के दौरान दरों में कोई बदलाव नहीं किया है।

उन्होंने कहा कि आपूर्ति पक्ष पर, सकल मूल्य वर्धित (जीवीए) में उच्च वृद्धि हुई कृषि और सेवा क्षेत्र की गतिविधियों से सहायता मिली। विनिर्माण कंपनियों के कमजोर प्रदर्शन, खनन गतिविधि में कमी और बिजली की कम मांग के कारण औद्योगिक विकास दर पहली तिमाही में 7.4 प्रतिशत से गिरकर दूसरी तिमाही में 2.1 प्रतिशत हो गई। हालांकि, विनिर्माण क्षेत्र में कमजोरी व्यापक आधार पर नहीं थी, बल्कि पेट्रोलियम उत्पादों, लोहा और इस्पात और सीमेंट जैसे विशिष्ट क्षेत्रों तक ही सीमित थी। अब तक उपलब्ध उच्च आवृत्ति संकेतक बताते हैं कि घरेलू आर्थिक गतिविधि में मंदी 2024-25 की दूसरी तिमाही में कम हो गई, और उसके बाद से मजबूत त्योहारी मांग और ग्रामीण गतिविधियों में तेजी से सुधार हुआ है। कृषि क्षेत्र में वृद्धि को खरीफ फसल उत्पादन में सुधार, जलाशयों के उच्च स्तर और रबी की बेहतर बुआई से समर्थन मिला है। औद्योगिक गतिविधि सामान्य होने और पिछली तिमाही के निम्न स्तर से उबरने की उम्मीद है।

उन्होंने कहा कि मानसून सीजन के खत्म होने और सरकारी पूंजीगत व्यय में अपेक्षित वृद्धि से सीमेंट और लोहा एवं इस्पात क्षेत्रों को कुछ प्रोत्साहन मिल सकता है। खनन और बिजली क्षेत्र में भी मानसून संबंधी व्यवधानों के बाद सामान्य स्थिति बनने की उम्मीद है। नवंबर में विनिर्माण के लिए क्रय प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) 56.5 पर रहा। आपूर्ति श्रृंखला दबाव 6 विनिर्माण जीवीए वृद्धि में सुस्त कॉर्पोरेट परिणामों के कारण कमी आई। 1679 सूचीबद्ध निजी विनिर्माण कंपनियों के परिचालन लाभ में 2024-25 की दूसरी तिमाही के दौरान 0.3 प्रतिशत (वर्ष-दर-वर्ष) की कमी आई। खनन गतिविधि में 0.1 प्रतिशत की कमी आई, जबकि अधिक बारिश और प्रतिकूल आधार के कारण बिजली क्षेत्र में 3.3 प्रतिशत की मामूली वृद्धि हुई।

जबकि तेल कंपनियों को इन्वेंट्री घाटे और कम रिफाइनिंग मार्जिन के कारण नुकसान उठाना पड़ा, स्टील कंपनियों को चीन से अधिक आपूर्ति और कम वैश्विक कीमतों के कारण घरेलू मूल्य दबाव का सामना करना पड़ा। सीमेंट कंपनियों को कम बिक्री कीमतों के अलावा भारी बारिश के कारण दूसरी तिमाही में कमजोर मांग का सामना करना पड़ा।

दास ने कहा कि 2024-25 के लिए पहले अग्रिम अनुमानों के अनुसार, खरीफ खाद्यान्न उत्पादन रिकॉर्ड 16.47 करोड़ टन होने का अनुमान है, जो 2023-24 के अंतिम अनुमानों से 5.7 प्रतिशत अधिक है। चावल, एक प्रमुख खरीफ फसल का उत्पादन पिछले वर्ष की तुलना में 5.9 प्रतिशत अधिक होने का अनुमान है। 28 नवंबर, 2024 तक 155 प्रमुख जलाशयों में अखिल भारतीय जल भंडारण कुल क्षमता का 82 प्रतिशत है, जबकि एक साल पहले यह 65 प्रतिशत था और दशकीय औसत 70 प्रतिशत था। 29 नवंबर, 2024 तक रबी फसल की बुआई पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 4.1 प्रतिशत अधिक है। गेहूं और दालों की बुआई क्रमशः 6.6 प्रतिशत और 3.6 प्रतिशत अधिक है।

उन्होंने कहा कि सभी संकेतों के बेहतर रूक्षान मिलने के आधार पर ही विकास अनुमान लगाया गया है और अब अर्थव्यवस्था दूसरी तिमाही की सुस्ती से उबरती हुयी दिख रही है।

Slot Gacor Malam Ini Slot Gacor 2025 slot gacor slot dana https://pariwisata.sultraprov.go.id/ Slot777 slot thailand slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor info kabar slot gacor slot gacor slot gacor Slot Gacor Slot Gacor https://edu.pubmedia.id/ https://stikesrshusada.ac.id/ https://ijsl.pubmedia.id/ Situs Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor info kabar Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor slot gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor Slot Gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor https://dakukeren.balangankab.go.id/ slot gacor slot gacor https://elearning.unka.ac.id/ https://jurnal.unka.ac.id/bo/ https://jurnal.unka.ac.id/rep/ slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot mahjong slot gacor pohon169 pohon169 slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor slot gacor https://jurnal.unka.ac.id/ https://unisbajambi.ac.id/ https://sia.unisbajambi.ac.id/ https://sipp.pn-garut.go.id/ https://fatecjahu.edu.br/ https://poltekkesbengkulu.ac.id/ https://journal.unublitar.ac.id/ https://poltekkes-pontianak.ac.id/ https://conference.upgris.ac.id/ https://kabar.tulungagung.go.id/wop/ Slot Gacor 2025 Slot Gacor Hari Ini slot gacor slot gacor slot gacor
  • toto hk
  • togel hongkong
  • toto hk
  • pg77
  • situs pg77
  • pg77 login