आम सभा, भोपाल। रविंद्र नाथ टैगोर विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित किए जा रहे हैं कला साहित्य और संस्कृति के महाकुम्भ विश्वरंग में सुप्रसिद्ध म्यूजिक कंपोजर, कोरियोग्राफर और डायरेक्टर पीलू भट्टाचार्य शामिल होने भोपाल पहुंचे। इस दौरान विशेष बातचीत में पीलू भट्टाचार्य ने कहा कि हिंदी फ़िल्म और हिंदी सीरियल्स के लिए रविन्द्र संगीत इंस्पिरेशन है। हम रविन्द्र नाथ टैगोर और उनकी रचनाओं से प्रेरित नृत्य नाटिका के 18 शो पूरे देश में प्रस्तुत करेंगे। इसकी शुरुआत भोपाल में विश्वरंग से हुई है।
रविन्द्र संगीत के केवल गीत नहीं बल्कि, संस्कृति है
पीलू भट्टचार्य ने कहा कि रविन्द्र संगीत केवल गीत नहीं अपने आप मे एक संस्कृति है। गौरतलब है कि पीलू भट्टचार्य को राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम पुरुस्कार समेत विश्वभर के कई अवॉर्ड्स से सम्मानित किया जा चुका है। पीलू भट्टचार्य बंग्ला की 22 फिल्मों के लिए संगीत भी दे चुके हैं और बॉलीवुड फिल्मों से भी काफी करीब रहे हैं। अभिनेता भट्टचार्य ने बताया कि अब उनका लक्ष्य संगीत,कला और संस्कृति से जुड़े 40 लाख लोगों को एक आयोजन में साथ लाकर विश्व रिकॉर्ड बनाना है।
रेनी वृन्द ग्रुप की सुरमय प्रस्तुति ने बांधा समां
भोपाल। टैगोर अंतर्राष्ट्रीय साहित्य एवं कला महोत्सव विश्वरंग की दूसरी शाम रविन्द्र भवन में पूर्व रंग कार्यक्रम में रीना सिन्हा और उनके समूह रेनी वृन्द ने रविन्द्र संगीत की मनोरम प्रस्तुति दी और कलाप्रेमी दर्शकों का संगीतमय मनोरंजन किया। तबले, इलेक्ट्रिक ड्रम, गिटार, कीबोर्ड, सिंथेसाइजर के साथ बीस कलाकरों ने सुरों की माला में पिरोए हुए एक के बाद एक 12 गीतों की मनोरम प्रस्तुति दी। रविन्द्र संगीत की इस श्रृंखला में बांध भेंगे दाव, पगली हवा बदराया दिन, एकला चलो रे जैसे सुप्रसिद्ध गीतों की प्रस्तुति रीना सिन्हा और उनकी टीम ने दी।
विश्वरंग कलाकारों और कलाओं का विश्वकुम्भ है- सिन्हा
रेनीवृन्द समूह की सयोंजक रीना सिन्हा ने कहा कि बचपन से ही रविन्द्र संगीत मेरी रगों में बसता है। जिसे मैंने अपने गुरु पंडित ओमप्रकाश चौरसिया के मार्गदर्शन में और भी विकसित किया। रविन्द्र संगीत की सेवा के लिए मैंने पंद्रह वर्षों पहले रेनी वृन्द नामक समूह की स्थापना की। रीना सिन्हा ने कहा कि विश्व रंग दुनिया भर के कला प्रेमियों के लिए एक बड़ा मंच है, मुझे गर्व है कि इस विश्व स्तरीय कार्यक्रम का मैं और मेरी टीम हिस्सा बन सके।