फिल्म पद्मावत
इसके बाद फिल्म पद्मावत का मसला आया. राजपूत समाज के लोगों ने पूरे देश में इस फिल्म का विरोध किया. वे राजस्थान में इस फिल्म की शूटिंग की इजाजत देने को लेकर वसुंधरा राजे से नाराज थे. रिलीज के वक्त फिल्म पर बैन से वे संतुष्ट नहीं हो पाए.

गजेंद्र सिंह का प्रदेशाध्यक्ष न बनना
वसुंधरा की ओर से गजेंद्र शेखावत को प्रदेशाध्यक्ष नहीं बनने देने को भी राजपूतों ने अपने खिलाफ मुख्यमंत्री की चाल समझी. भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व शेखावत को प्रदेशाध्यक्ष बनाना चाहता था लेकिन वसुंधरा के विरोध के कारण ऐसा नहीं हो पाया. वसुंधरा, शेखावत के विरोध पर अड़ गईं थीं और उन्होंने राज्यसभा सांसद व ओबीसी नेता मदनलाल सैनी को प्रदेशाध्यक्ष बनवाया.

मानवेंद्र सिंह प्रकरण
वसुंधरा से राजपूतों की नाराजगी का ताजा उदाहरण मानवेंद्र सिंह के कांग्रेस में शामिल होना है. राजनीतिक पंडितों का कहना है कि जसवंत सिंह को अब भी राजपूत समाज का बड़ा और सम्मानित नेता माना जाता है. मानवेंद्र सिंह के भाजपा छोड़ने से जसंवत सिंह के साथ पिछले चुनाव में किए गए व्यवहार की याद ताजा हो जाएगी.