आम सभा, विशाल सोनी, चंदेरी : मध्यप्रदेश शासन द्वारा समर्थन मूल्य की खरीदी में भोले-भाले किसानों के द्वारा उपज की गई फसल, खरीदी केंद्रों पर ज्यादा तौलकर केंद्र ऑपरेटरों द्वारा मनमानी की जा रही है साथ ही किसानों को प्रति क्विंटल पर 600 ग्राम गेहूं की चपत लगाई जा रही है यह मामला पुरानी मंडी गेहूं खरीदी उपार्जन केंद्र है। समिति प्रबंधक योगेश शर्मा अपने प्रतिनिधि के रूप में ऑपरेटर बंटी यादव को अधिकृत किया है। इस सोसाइटी केंद्र पर गेहूं तुलाई में किसानों के साथ धोखाधड़ी एवं किसानों के गेहूं की चोरी करने की मंशा से किसानों का गेहूं प्रतिबोरी, बोरी सहित 50 किलो 200 ग्राम की जगह 50 किलो 900 ग्राम अधिक तक तोला जा रहा है। जिससे किसानों के माल कम हो रहा है और प्रत्येक किसान को इस प्रकार से चपत लगाई जा रही है जिससे किसानों में आक्रोश व्याप्त है.
शासन के निर्धारित नियम और नीति के अनुसार सभी केंद्रों को किसानों की उपज खरीदने के निर्देश जारी किए गए लेकिन संस्था प्रबंधक और इनके प्रतिनिधि अपनी जेबे भरने के उद्देश्य से किसानों के साथ दिनदहाड़े उनकी फसल को ज्यादा तोल कर चपत लगाने का काम कर रहे हैं यदि संबंधित विभाग के क्लास वन अधिकारी औचक निरीक्षण कर उपार्जन केंद्रों पर मौका मुयायना करते हैं तो इस गोरखधंधे की सारी हकीकत खुद-ब-खुद सामने आ जाएगी। इस संबंध में जब समिति प्रबंधक योगेश शर्मा से पत्रकारों ने जानकारी लेना चाहिए और उनसे अधिक गेहूं तौल के बारे में पूछा तो उनका कहना था कि तुम कौन होते हो, सहकारी सोसाइटियों की हकीकत यह है कि जब किसानो को खाद दिया जाता है। तब कम दिया जाता है। जब गेहूं तौलने की बारी आती है, तो किसानों से ज्यादा लिया जाता है।
पीपी बोरी मैं 50 किलो 200 ग्राम तुलाई जाना थी और जूट बोरी 50 किलो 600 ग्राम के हिसाब से तुलाई जाना है लेकिन उससे अधिक गेहूं किसानों से अधिक खरीदी केंद्रों पर वसूला जा रहा है शासन – प्रशासन को इस ओर ध्यान देकर इस बडे स्तर पर हो रहे गोरखधंधे को रोककर ठोस कार्यवाही करने की आवश्यकता है।
इनका कहना है:-
बारदाने के वजन के हिसाब से ही तुलेगा अगर बोरी का वजन 500 ग्राम है तो 500 ग्राम ही कटेगा इससे ज्यादा गेहूं नहीं काट सकते.
जसराम जाटव, सहायक खाद्य नागरिक आपूर्ति अधिकारी