Friday , December 27 2024
ताज़ा खबर
होम / देश / प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना-एफ.सी.आई. से राज्यों द्वारा खाद्यान्न उठाने की स्थिति

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना-एफ.सी.आई. से राज्यों द्वारा खाद्यान्न उठाने की स्थिति

नई दिल्ली : कोविड-19 वायरस के खिलाफ अपनी लड़ाई में भारत सरकार की सबसे महत्वपूर्ण पहलों में से एक, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत जरूरतमंद आबादी को मुफ्त अनाज मुहैया कराने की घोषणा है। योजना की मुख्य विशेषताएं हैंः

– तीन महीनों के आपातकालीन व्यवधान के कारण भारत सरकार किसी को भी, विशेष रूप से किसी भी गरीब परिवार को खाद्यान्न की अनुपलब्धता के कारण भूख से पीडि़त होने नहीं देगी।

– 80 करोड़ लोग, अर्थात् भारत की लगभग दो-तिहाई जनसंख्या इस योजना के अंतर्गत शामिल होगी।

– हर एक व्यक्ति को अगले तीन महीनों में उनके वर्तमान अधिकार का दोगुना प्रदान किया जाएगा।

– यह अतिरिक्तता निः शुल्क होगी।

इस योजना के अंतर्गत, महामारी से प्रभावित देश भर में समाज के अशक्त वर्गों को लगभग 120 एल.एम.टी. खाद्यान्न वितरित किया जा रहा है। भारत सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि एन.एफ.एस.ए. के तहत सभी प्राथमिकता वाले घरेलु वर्ग ;च्भ्भ्द्ध को अप्रैल के तीन महीनों के दौरान सामान्य से दोगुना आवंटन दिया जा रहा है। मई और जून 2020 में प्रत्येक अंत्योदय अन्न योजना (ए.ए.वाई.) के साथ लाभार्थी को प्रति माह 35 किलोग्राम प्रति कार्ड के सामान्य कोटा की तुलना में 5 किलोग्राम/महीना अतिरिक्त मिल रहा है।

किसान को दिए जाने वाले अनाज की लागत एवं एफ.पी.एस दुकान मालिकों को कमीशन सहित परिचालन की कुल लागत भारत सरकार द्वारा वहन की जा रही है । इसमें चावल लगभग 39 रुपये प्रति किलोग्राम और गेहूं लगभग 28 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से दिया जा रहा है, यह संपूर्ण खाद्य सहायता योजना भारत सरकार द्वारा राज्य सरकारों पर बिना किसी वित्तीय बोझ के लागू की गई है।

भारतीय खाद्य निगम, मध्यप्रदेश द्वारा तत्काल प्रभाव से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का उत्थान किया जा रहा है आज की तारीख में केंद्रीय पूल के अंतर्गत कूल 76.26 एल.एम.टी. खाद्यान्न उपलब्ध है, इसके माध्यम से सार्वजनिक वितरण प्रणाली ;च्क्ैद्धए मध्य प्रदेश की खाद्यान्न जरूरतों को पुरे एक साल तक के लिए आसानी से पूरा कर सकती है।
आर.एम.एस. 2020-21 के दौरान आज की तारीख में राज्य सरकार के माध्यम से केंद्रीय पूल के तहत 52 एल.एम.टी. गेहूं की खरीद की गई है। साथ ही सीजन के अंत तक 50 एल.एम.टी. से अधिक गेहूं खरीद का अनुमान है।

कोविद-19 महामारी की समस्या से निपटने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के दौरान, यानी 24.3.2020 से 6.5.2020 तक, 3,51,956 एम.टी. खाद्यान्न रेल द्वारा अन्य राज्यों जैसे महाराष्ट्र, गुजरात, ओडिशा और पश्चिम बंगाल आदि में ले जाया गया है।

इसके अलावा 59,258 मीट्रिक टन खाद्यान्न भी उन राज्यों में पी.डी.एस. की आवश्यकता में योगदान के लिए सड़क द्वारा अन्य राज्यों में ले जाया गया। इस अवधि में खाद्यान्नों की आवाजाही सामान्य अवधि की तुलना में अधिक है। कोविड- 19 महामारी की समस्या को कम करने के लिए, लॉकडाउन की अवधि के दौरान मध्य प्रदेश में 13,660 मीट्रिक टन गेहूं को विभिन्न खुली बाजार बिक्री योजनाओं के तहत आर.एफ. मिलों/गैर सरकारी संगठनों आदि को बेचा गया है, राज्य सरकार द्वारा 20 अप्रैल से 20 जून की अवधि के लिए केंद्रीय पूल स्टॉक से 3,90,738 मीट्रिक टन चावल, 8,19,630 मीट्रिक टन आवंटन के प्रतिकूल प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अंतर्गत निकाला गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Enable Google Transliteration.(To type in English, press Ctrl+g)