नई दिल्ली
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आज 400 पेट्रोल पंप बंद हैं। दिल्ली पेट्रोल डीलर्स असोसिएशन केजरीवाल सरकार से पेट्रोल-डीजल पर वैट घटाने की मांग कर रहे हैं। इनका कहना है कि पेट्रोल-डीजल दिल्ली के मुकाबले सस्ता होने के कारण लोग दिल्ली से सटे यूपी और हरियाणा के शहरों की ओर रुख कर रहे हैं, जिसकी वजह से दिल्ली के पेट्रोल पंप मालिकों को नुकसान उठाना पड़ रहा है।
म हुए हैं। आइए जानते हैं क्या दिल्ली में पेट्रोल-डीजल पर वैट का पूरा मामला और इसमें कटौती नहीं करने का किसपर, कितना असर हो रहा है…
कितना वैट वसूलती है दिल्ली सरकार?
दिल्ली सरकार अभी पेट्रोल पर प्रति लीटर 27 प्रतिशत जबकि डीजल पर प्रति लीटर 17.32 प्रतिशत की दर से वैट वसूल रही है। यह पेट्रोल पर 17.80 रुपये और डीजल पर 11.02 रुपये प्रति लीटर होता है। दिल्ली सरकार का अनुमान है कि स्थिर बिक्री पर वैट दरों में यूपी-हरियाणा के बराबर कटौती से उसे करीब 525 करोड़ रुपये का नुकसान होगा।
‘25% तक घट सकती है बिक्री?
दिल्ली पेट्रोल डीलर्स असोसिएशन के मुताबिक, सितंबर 2018 में दिल्ली में 10.62 करोड़ लीटर पेट्रोल और 9.38 करोड़ लीटर डीजल की बिक्री हुई। लेकिन, आशंका जताई जा रही है कि मौजूदा दरों पर पेट्रोल और डीजल की मासिक बिक्री घटकर क्रमशः 8 करोड़ और 4.8 करोड़ लीटर तक आ सकती है। असोसिएशन के प्रेजिडेंट निश्चल सिंघानिया ने कहा कि 2009-10 में भी इस तरह की विसंगति के चलते सेल्स 25% तक गिर गई थी जबकि 2015 में दिल्ली में दरें कम होने के चलते सेल्स 25% तक ज्यादा हो गई थीं।
वैट घटाने में सरकार को फायदा?
असोसिएशन के पूर्व प्रेजिडेंट निशीथ गोयल का कहना है कि अगर दिल्ली सरकार वैट दरें घटाकर पड़ोसी राज्यों के बराबर करती है तो उसे हर माह करीब 50 करोड़ और सलाना 600 करोड़ रुपये का नुकसान होगा, जबकि वैट नहीं घटाने पर सेल्स में गिरावट के चलते उसका घाटा 1,000 करोड़ को पार कर सकता है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार वैट में 4 रुपये प्रति लीटर तक कटौती कर दे तो दिल्ली में पेट्रोल की मासिक बिक्री 13.60 करोड़ लीटर तक पहुंच सकती है और ऐसे में वैट कलेक्शन भी बढ़ेगा।
5 रुपये प्रति लीटर की कटौती का असर
दरअसल, पेट्रोल-डीजल पर केंद्र सरकार जहां एक्साइज ड्यूटी लगाती हैं, वहीं राज्य सरकारें वैट लगाया करती हैं। अभी केंद्र सरकार प्रति लीटर पेट्रोल पर 17.98 रुपये जबकि प्रति लीटर डीजल पर 13.83 रुपये की दर से एक्साइज ड्यूटी वसूल रही है। याद रहे कि केंद्र सरकार ने पिछले कुछ महीनों में क्रमशः 2.50 रुपये प्रति लीटर और 1.50 रुपये प्रति लीटर की दर से एक्साइज ड्यूटी में कमी की है। यानी, पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी प्रति लीटर 4 रुपये कम हुई है। हालिया, 5 अक्टूबर को जब केंद्र सरकार ने 1.50 रुपये प्रति लीटर की दर से एक्साइज ड्यूटी घटाने का ऐलान किया, तो ऑइल मार्केटिंग कंपनियों को भी 1 रुपये प्रति लीटर की दर से मार्केटिंग मार्जिन कम करने को कहा। साथ ही, सरकार ने राज्यों से भी वैट घटाने की अपील की। सरकार के आदेश पर ऑइल मार्केटिंग कंपनियों को 1 रुपये प्रति लीटर पेट्रोल-डीजल सस्ता करना पड़ा। वहीं, बीजेपी शासित राज्यों ने भी 2.5 रुपये प्रति लीटर की दर से पेट्रोल-डीजल सस्ता कर दिया। यानी, 5 अक्टूबर से बीजेपी शासित राज्यों में पेट्रोल-डीजल अन्य राज्यों के मुकाबले 5 रुपये प्रति लीटर सस्ता हो गया।
दिल्ली के ग्राहकों का NCR की ओर रुख
अन्य गैर-बीजेपी शासित राज्यों की तरह ही केंद्रशासित प्रदेश दिल्ली ने भी वैट में कटौती नहीं की। चूंकि दिल्ली से सटे नोएडा और गाजियाबाद जैसे शहर बीजेपी शासित राज्य उत्तर प्रदेश जबकि गुड़गांव और फरीदाबाद जैसे शहर हरियाणा में पड़ते हैं। हरियाणा में भी बीजेपी सरकार है। इसलिए, यूपी और हरियाणा में पेट्रोल-डीजल के दाम में प्रति लीटर 5 रुपये की कटौती के बाद पहली बार नोएडा, गाजियाबाद, गुड़गांव, फरीदाबाद समेत राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के दायरे में आनेवाली जगहों पर दिल्ली के मुकाबले पेट्रोल-डीजल सस्ता हो गया। इससे दिल्ली के लोग भी वाहनों में ईंधन भरवाने के लिए एनसीआर का रुख करने लगे। इससे दिल्ली में पेट्रोल-डीजल की बिक्री घटने लगी, जिसका सीधा असर पेट्रोप पंप मालिकों की कमाई पर पड़ने लगा।
आज भी दिल्ली से NCR में सस्ता पेट्रोल-डीजल
इस तरह, दिल्ली में आज पेट्रोल 81.44 रुपये प्रति लीटर जबकि डीजल 74.92 रुपये प्रति लीटर की दर से बिक रहा है। वहीं, नोएडा में इनकी कीमतें क्रमशः 79.02 रुपये और 73.02 रुपये प्रति लीटर, गाजियाबाद में क्रमशः 78.87 रुपये और 72.88 रुपये प्रति लीटर, गुड़गांव में क्रमशः 80.14 रुपये और 73.78 रुपये प्रति लीटर जबकि फरीदाबाद में क्रमशः 80.39 रुपये और 74.01 रुपये प्रति लीटर हैं।