भोपाल. जवाहर बाल भवन में संगीत प्रभाग में लोरी गीतों पर केन्द्रित कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें श्रीमती निर्मला उपाध्याय, अनुदेशक द्वारा बताया कि बच्चों को संगीत की धीमी स्वर ध्वनि के साथ ममत्व से भरपूर भावना को ‘‘लोरी गीत’’ के माध्यम से नन्हें बच्चों को सुलाने के लिये झूला झुलाते हुये या हल्की सी थपकी देते हुए माँ के द्वारा लोरी गाये जाने का प्रचलन सदा से ही रहा है।
कार्यशाला में बच्चों को ‘जसोदा हरि पालने झुलावै, हलरावै दुलराई मल्हावै जोइ सोइ कुछ गावै एवं मेरे लाल को आउ निंदरिया काहे न आन सुवावै, तू काहे न बेगि सी आवै ताको कान्हा बुलावै आदि लोरी गीतों का प्रशिक्षण दिया गया। इस कार्यशाला में लगभग 20 बच्चों ने भाग लिया।
जवाहर बाल भवन के संचालक डॉ. उमाशंकर नगायच ने बताया कि संगीत प्रभाग में बच्चों को बचपन की याद ताजा करने के लिये लोरी गीतों पर आधारित कार्यशाला का आयोजन किया गया। बच्चे उनके घरों में नन्हें बच्चों को सुलाने के लिये इन लोरी को सुनायेगंे और बच्चे सपने की दुनिया में चले जाएंगे।