नई दिल्ली।
लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के दो दिन पहले ही प्रमुख विपक्षी नेताओं की बैठक राजधानी दिल्ली में शुरू हो गई है। दिल्ली के कांस्टिट्यूशन क्लब में हो रही इस बैठक की अध्यक्षता चंद्रबाबू नायडू कर रहे हैं। इस बैठक में मतगणना के बाद गैर राजग सरकार के गठन को लेकर विपक्षी नेताओं के बीच विचार-विमर्श होगा। एक्जिट पोल के रुझान के बाद विपक्षी नेताओं के निशाने पर चुनाव आयोग और ईवीएम आ गए हैं। इस मसले पर भी विपक्षी दल के नेता बातचीत कर सकते हैं।
विपक्षी दलों के नेताओं को एकजुट करने में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और टीडीपी नेता चंद्रबाबू नायडू की भूमिका अहम मानी जा रही है। उन्होंने कल पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी के साथ कोलकाता में उनके सरकारी आवास में बैठक कर केंद्र में गैर राजग सरकार बनाने पर चर्चा की थी। बनर्जी के साथ हुई 45 मिनट की वार्ता में विपक्षी दलों के महागठबंधन की केंद्र में बनने वाली गैर भाजपा सरकार को लेकर बातचीत हुई, जिसमें कांग्रेस समेत अन्य क्षेत्रीय दलों को शामिल करने पर विचार किया।
दिल्ली में महागठबंधन के घटक दलों की बैठक में 23 मई को चुनाव नतीजों के बाद त्रिशंकु जनादेश के बाद की स्थितियों पर विस्तार से विचार किया जाएगा। सूत्रों का कहना है कि तृणमूल नेता ममता बनर्जी नई दिल्ली 23 मई के चुनाव नतीजों के बाद पहुंचेंगी। चंद्रबाबू नायडू के अलावा समाजवादी पार्टी नेता अखिलेश यादव ने भी ममता बनर्जी को टेलीफोन कर महागठबंधन की आगामी रणनीति पर चर्चा की।
दिल्ली में होने वाली मंगलवार की बैठक में सभी विपक्षी दलों से यूपीए के घटक दल के रूप में समर्थन पत्र ले लिये जाने की तैयारी है। ताकि राजग के बहुमत से पीछे रहने की दशा में तुरंत राष्ट्रपति को सौंपा जा सके। वीवीपैट की गिनती में बूथों पर किसी तरह की गड़बड़ी पाये जाने पर पूरी विधानसभा क्षेत्र की मतगणना वीवीपैट से कराने की मांग भी की जाएगी। बैठक में अहमद पटेल, गुलाम नबी आजाद, शरद पवार, सतीश चंद्र मिश्र, चंद्रबाबू नायडू, सीताराम येचुरी, डी राजा और डेरेक ओब्रायन समेत अन्य नेताओं के रहने की संभावना नहीं है।