पुडुचेरी
पुडुचेरी यूनिवर्सिटी में मास कम्युनिकेशन की गोल्ड मेडलिस्ट मुस्लिम छात्रा को दीक्षांत समारोह (Convocation) में जाने की इजाजत नहीं मिली, जिसके बाद उन्होंने मेडल लेने से इनकार कर दिया. दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद थे. छात्रा रहीबा अब्दुर्रहीम का आरोप है कि राष्ट्रपति के मौजूद रहते हुए पुलिस ने उन्हें अंदर जाने से रोका. छात्रा का ये भी कहना है कि उन्होंने हाल ही में नागरिकता कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया था, जिसकी वजह से उनके साथ ऐसा व्यवहार किया गया.
रबीहा अब्दुर्रहीम का आरोप है कि दीक्षांत समारोह शुरू होने से पहले एक सीनियर पुलिस अफसर ने उन्हें ऑडिटोरियम में आने से रोका. समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के जाने के बाद ही अंदर जाने की इजाजत दी गई. उनके मुताबिक, ‘मुझे नहीं पता कि मुझे क्यों बाहर कर दिया गया, लेकिन यह मालूम हुआ है कि छात्रों ने जब पुलिस से पूछा तो उन्होंने बताया कि शायद वह अलग तरह से स्कार्फ पहने हुई थी, इसलिए उसे बाहर कर दिया गया. हालांकि, किसी ने भी मेरे मुंह पर दो टूक कुछ नहीं कहा.’
‘मैंने ऑडिटोरियम के बाहर से राष्ट्रपति का भाषण सुना. मुझे नहीं पता उन्होंने मेरे साथ ऐसा क्यों किया? शायद नागरिकता कानून के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेने के कारण मेरे साथ ऐसा बर्ताव किया गया.’ रबीहा ने कहा, ‘जब मैंने पुलिसवाले से पूछा कि मुझे इवेंट में जाने से क्यों रोका जा रहा है, इस पर पुलिसवाले ने बताया कि शायद एसएसपी ऐसा चाहते हैं. वहीं, मैंने पास खड़े पुलिसवालों को ये कहते सुना कि मैं संदिग्ध हूं.’
खबर के मुताबिक, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के इवेंट से जाने के बाद ही रबीहा को अंदर जाने की परमिशन मिली. वहां उन्होंने सर्टिफिकेट तो कबूल कर लिया, लेकिन विरोध स्वरूप गोल्ड मेडल लेने से इनकार कर दिया. रबीहा का कहना है कि उनके साथ जो हुआ उससे वह अपने और अपने समुदाय के प्रति बेहद अपमानित महसूस कर रही हैं. रबीहा ने उम्मीद जताई है कि मेडल लेने से इनकार करने पर लोगों के बीच एक सकारात्मक संदेश जाएगा. ‘नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान छात्रों के साथ ऐसा हो रहा है. मेरे साथ भी यही हुआ, इसलिए मैंने मेडल लेने से इनकार कर दिया है. ये प्रदर्शन करने का मेरा तरीका है. CAA और NRC के खिलाफ जो भी प्रदर्शन कर रहे हैं, चाहे वो लड़के-लड़कियां हों. मुस्लिम हों या फिर हिंदू. सभी के साथ ऐसा किया जा रहा है.’
हालांकि, यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इस पूरे मामले से अपना पल्ला झाड़ लिया है. यूनिवर्सिटी प्रशासन का कहना है कि उन्हें नहीं मालूम कि छात्रा को दीक्षांत समारोह में आने से किसने और किस वजह से रोका. साथ ही छात्रा ऐसे आरोप क्यों लगा रही है, इसकी भी उन्हें जानकारी नहीं है.