Saturday , July 27 2024
ताज़ा खबर
होम / देश / 750 किलो प्याज़ बेचने पर मिले महज़ 1064 रुपये, नाराज़ किसान ने पूरा पैसा नरेंद्र मोदी को भेजा

750 किलो प्याज़ बेचने पर मिले महज़ 1064 रुपये, नाराज़ किसान ने पूरा पैसा नरेंद्र मोदी को भेजा

नई दिल्ली:

महाराष्ट्र के एक प्याज़ उत्पादन करने वाले किसान को अपने 750 किलो प्याज़ को महज 1.40 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बेचनी पड़ी.  इस बात को लेकर नाराज किसान ने अनूठे तरीके से अपना विरोध दर्ज कराया. उसने प्याज़ बेचने के बाद मिले पैसे को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेज दिया.

मामला महाराष्ट्र के नासिक जिले के निफाड तहसील का है. संजय साठे नाम के एक किसान को अपने 750 किलो प्याज़ को सिर्फ 1064 रुपये में बेचने के लिए मजबूर होना पड़ा.

संजय साठे उन कुछ चुनिंदा ‘प्रगतिशील किसानों’ में से एक हैं जिन्हें केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने साल 2010 में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा से संवाद के लिए चुना था.

इस सीजन में साठे ने 750 किलो प्याज़ उपजाई और उसे बेचने निफाड थोक बाजार गए. वहां पहले तो साठे को 1 रुपये प्रति किलो की पेशकश की गई. काफी मोलभाव के 1.40 रूपये प्रति किलोग्राम का सौदा तय हुआ और साठे को 750 किलोग्राम प्याज़ महज 1064 रूपये में बेचनी पड़ी.

संजय साठे कहते हैं, ‘चार महीने के परिश्रम की मुझे ये कीमत मिली. मैंने 1064 रूपये प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के आपदा राहत कोष में दान कर दिये हैं. मुझे वह राशि मनी ऑर्डर से भेजने के लिए 54 रूपये अलग से खर्च करने पड़े’.
साठे कहते हैं कि ‘मैं किसी राजनीतिक पार्टी का प्रतिनिधित्व नहीं करता, लेकिन दिक्कतों के प्रति सरकार की उदासीनता से नाराज हूं’.

बीते 29 नवंबर को साठे द्वारा निफाड पोस्ट ऑफिस से पैसा भेजा गया था. इसे ‘नरेंद्र मोदी, भारत के प्रधानमंत्री’ को संबोधित किया गया था.

बता दें कि पूरे भारत में जितने प्याज़ का उत्पादन होता है उसमें 50 प्रतिशत हिस्सा नासिक जिले का होता है.

आठ साल पहले बराक ओबामा के साथ मीटिंग के बारे में पूछे जाने पर साठे ने कहा, ‘मैं लंबे समय से किसानों के लिए वॉयस-आधारित सलाहकार सेवा (एक दूरसंचार ऑपरेटर द्वारा संचालित) का उपयोग कर रहा हूं. मैं उन्हें फोन करता था और मौसम परिवर्तनों के बारे में जानकारी प्राप्त करता था, और इस तरह मैं उत्पादन बढ़ाने में सफल रहा.’

उन्होंने आगे कहा, ‘मुझे ऑल इंडिया रेडियो के स्थानीय रेडियो स्टेशनों पर कृषि में अपने प्रयोगों के बारे में बात करने के लिए भी आमंत्रित किया गया था. इसलिए जब ओबामा भारत आए थे तो कृषि मंत्रालय ने मुझे मुंबई में सेंट जेवियर्स कॉलेज में एक स्टॉल स्थापित करने के लिए चुना. मैं कुछ मिनट के लिए उससे बात कर सका था.’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Enable Google Transliteration.(To type in English, press Ctrl+g)