असम में उस सेवानिवृत्त पुलिसकर्मी के खिलाफ तीन अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गई हैं जिसने पूर्व सैन्य अधिकारी मोहम्मद सनाउल्लाह को ‘विदेशी’ घोषित करने वाले दस्तावेजों की पुष्टि की थी और उनका बयान दर्ज किया था. पूर्व सैन्य अधिकारी को असम में एक हिरासत केंद्र में बंद करके रखा गया था.
अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि तीन लोगों ने बोको पुलिस थाने में असम सीमा पुलिस के सेवानिवृत्त सब-इंस्पेक्टर चंद्रामल दास के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई. इन तीन लोगों के नाम सनाउल्लाह मामले के बयान में गवाह के तौर पर सामने आए थे.
बोको पुलिस थाने के प्रभारी अधिकारी जोगेन बर्मन ने जानकारी दी कि मोहम्मद कुरान अली, सुवाहन अली और अजमल अली ने एफआईआर में आरोप लगाया कि सनाउल्लाह के मामले की जांच कर रहे दास ने उन्हें गवाह के तौर पर किसी बयान या किसी दस्तावेज पर हस्ताक्षर के लिए नहीं बुलाया था.
विभिन्न धाराओं में केस दर्ज
पुलिस ने दास के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं में तीन मामले दर्ज किए. राष्ट्रपति पदक से सम्मानित सनाउल्लाह को कामरूप जिले के विदेशी न्यायाधिकरण, ने ‘विदेशी’ घोषित किया था जिसके बाद उनका नाम संदेहास्पद मतदाता के रूप में सूचीबद्ध होने के बाद 2008 में एक मामला दर्ज किया गया.
न्यायाधिकरण के फैसले के बाद सनाउल्लाह को गोलपाड़ा के एक हिरासत केंद्र में बंद कर दिया गया. तीनों व्यक्तियों ने अपनी शिकायतों में यह भी कहा कि सनाउल्लाह असली भारतीय नागरिक हैं और उन्हें ‘असम सीमा पुलिस ने प्रताड़ित किया जिसने उन्हें संदेहास्पद मतदाता घोषित करने के लिए साजिश रची.’
दास ने कहा- रिपोर्ट इधर उधऱ हो सकती है!
करगिल युद्ध के पूर्व सैन्य अधिकारी के परिवार के सदस्यों ने सनाउल्लाह को ‘विदेशी’ घोषित करने की कथित साजिश को लेकर असम सीमा पुलिस और दास के खिलाफ गौहाटी हाईकोर्ट में मुकदमा दायर करने का फैसला किया है.