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2010 का NPR और अब : वह खास अंतर, जिसने बढ़ा दी हैं चिंताएं

नई दिल्ली:
केंद्र सरकार ने मंगलवार को राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी (नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर या NPR) की घोषणा की है, जिसमें पहली बार हर शख्स को ‘अपने माता और पिता के जन्म की तारीख तथा स्थान’ की घोषणा करनी होगी. बहुत-से लोगों ने इस ओर ध्यान आकर्षित किया है कि वर्ष 2010 में हुए NPR के दौरान यह जानकारी नहीं मांगी गई थी. अब यदि गैरकानूनी ढंग से भारत में घुसे लोगों की पहचान के लिए की जाने वाली कवायद राष्ट्रीय नागरिक पंजी (नेशनल रजिस्टर फॉर सिटिज़न्स या NRC) के संदर्भ में इसे जोड़कर देखा जाए, तो यह NPR भी विवादास्पद हो उठा है.

नागरिकता संशोधन कानून, यानी CAA के तहत वर्ष 1987 के बाद हुए लोगों के लिए अनिवार्य है कि उनके माता अथवा पिता में से कोई एक भारत का नागरिक हो. आलोचकों ने सोशल मीडिया पर यह संभावना जताई है कि जैसा गृहमंत्री संसद में और उसके बाहर कई बार घोषणा कर चुके हैं, उसकी तर्ज पर यदि देशभर में NRC लागू किया जाता है, तो माता-पिता के जन्म की तिथि तथा स्थान की आवश्यकता होगी.

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पिछले NPR में 15 आधारों पर आंकड़े और जानकारी एकत्र की गई थी, इस बार ये आधार 21 होंगे. इनमें निवास का आखिरी स्थान, पासपोर्ट संख्या, आधार संख्या, वोटर पहचान पत्र संख्या, ड्राइविंग लाइसेंस संख्या तथा मोबाइल फोन नंबर भी शामिल होंगे, जो पिछली बार तक नहीं पूछे गए थे.

माता-पिता का नाम तथा जीवनसाथी का नाम को मिलाकर एक ही प्वाइंट बना दिया गया है.

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPM) नेता सीताराम येचुरी ने ट्विटर पर लिखा, “सरकार ने 8,500 करोड़ रुपये की मंज़ूरी देकर राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी को अपडेट करने का निर्णय लिया है… NPR के तहत लोगों को माता-पिता के जन्म की तिथि और स्थान की घोषणा करनी होगी तथा 21 अन्य आधार पर जानकारी देनी होगी… इनमें से अधिकतर जानकारी पिछली बार NPR के दौरान 2010 में एकत्र नहीं किए गए थे…”

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार को ज़ोर देकर कहा था कि NPR के तहत एकत्र की गई जानकारी का इस्तेमाल NRC के लिए नहीं किया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा था कि फिलहाल NRC के बारे में कोई बात नहीं हो रही है.

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3,941 करोड़ रुपये के खर्च से NPR को अपडेट करने के लिए सरकार द्वारा मंज़ूरी दिए जाने के कुछ ही घंटे बाद गृहमंत्री ने समाचार एजेंसी ANI को दिए साक्षात्कार में कहा था, “NPR और NRC के बीच कोई ताल्लुक नहीं है… यह बात मैं आज साफ-साफ कह रहा हूं… ”

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केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा था, “NPR जनसंख्या का रजिस्टर है, जिसके आधार पर योजनाएं बनाई जाती हैं… NRC में लोगों से पूछा जाता है कि वे किस आधार पर देश के नागरिक हैं… ये दोनों प्रक्रियाएं आपस में संबद्ध नहीं हैं… NPR के तहत मिली जानकारी को NRC के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता…” उन्होंने यह भी कहा कि NPR से हासिल जानकारी विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों का निर्णय करने का आधार होगी.

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