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निहार शांति आंवला ने अपने अभियान ‘पढ़ाई पर लॉकडाउन नहीं’ के जरिए भारत के ग्रामीण इलाकों के छात्रों के लिए नि:शुल्क शैक्षणिक पाठ्यक्रम उपलब्ध कराया

~ तकनीक का उपयोग कर ग्रामीण इलाकों के छात्रों को शहर के वयस्कोंध से जोड़ा गया ताकि उनके मार्गदर्शन में छात्र अंग्रेजी बोलना सीख सकें

~ पाठशाला फन वाला एप्पे पर वर्चुअल क्लारसेज के जरिए स्कूली पाठ्यक्रम की पढ़ाई शुरू की

मुंबई : बच्चोंप की शिक्षा हमारे देश की प्रगति की आधारशिला है और किसी भी परिस्थिति में शिक्षा बाधित नहीं होनी चाहिए – इस धारणा को ध्या न में रखते हुए, निहार शांति आंवला ने कोविड-19 विशेष अभियान की घोषणा की है। इस अभियान को ‘पढ़ाई पर लॉकडाउन नहीं’ का नाम दिया गया है।

इस पहल के तहत, निहार शांति आंवला द्वारा यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि उनके ‘फोन उठाओ इंडिया को पढ़ाओ’ प्रोग्राम के जरिए छात्र अपने घरों पर रहते हुए भी अपनी पढ़ाई-लिखाई जारी रख सकें। उक्ता प्रोग्राम पिछले वर्ष शुरू किया गया था। ब्रांड ने पाठशालाफनवाला एप्पल के जरिए वर्चुअल क्लातसेज भी उपलब्धल कराया है। इस एप्प को गूगल प्लेस्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है।

‘फोन उठाओ इंडिया को पढ़ाओ’ प्रोग्राम के जरिए, ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले बच्चेड अंग्रेजी बोलना सीखते हैं और इसका अभ्यापस करते हैं। छात्र, टोलफ्री नंबर पर कॉल कर सकते हैं और शहर में रहने वाले किसी बड़े व्यपक्ति (वालंटियर) की मदद से फोन पर बातचीत के जरिए अपने अंग्रेजी मॉड्युल्स जारी रख सकते हैं। मौजूदा स्थिति में जहां लोग घरों पर रहकर काम कर रहे हैं और उनके पास सहायता के लिए संभावित रूप से अतिरिक्तर समय हो सकता है, ब्रांड द्वारा शिक्षित, शहरी उपभोक्तातओं को आमंत्रित किया जा रहा है कि वो हफ्ते भर के अपने समय में से मात्र 10 मिनट समय स्वेलच्छापूर्वक दें और फोन संवादों के जरिए इन छात्रों को अंग्रेजी बोलने का अभ्यातस करने में सहायता करें।

इस प्रोग्राम को आगे बढ़ाने और वर्चुअल तरीके से शिक्षा के अन्य अवसरों को शामिल करने के उद्देश्य् से, निहार शांति आंवला ने एएएस विद्यालय के सहयोग से पाठशालाफनवाला एप्पय पर स्कूेली पाठ्यक्रम भी उपलब्धर कराया है। अभी, सीबीएसई, उत्तार प्रदेश और एनओआईएस बोर्ड के अनुसार डिजाइन किये गये 6वीं-10वीं कक्षा का स्कू ली पाठ्यक्रम एप्पफ पर उपलब्धे है। छात्रों के लाभ के लिए, उन्हेंउ अंग्रेजी और हिंदी भाषाओं में अध्‍यायों को पढ़ाया जाता है। ये शिक्षण सत्र वीडियोज के रूप में हैं, जो लगभग 15 मिनट तक के हैं। पढ़ाये गये सबक को बेहतर और स्पष्टे तरीके से समझने के लिए, छात्र इस एप्पि के जरिए शिक्षकों के साथ संवाद भी कर सकते हैं।

इन पहलों के बारे में बताते हुए, कोशी जॉर्ज, मुख्य् विपणन अधिकारी, मैरिको ने कहा, ”निहार शांति आंवला ने हमेशा से यह माना है कि शिक्षा, राष्ट्रे के विकास की आधारशिला है। कोविड-19 महामारी ने शिक्षा की निरंतरता के लिए गंभीर चुनौतियां पैदा की है। हम इस बात को समझते हैं और छात्रों के लिए लॉकडाउन के दौरान भी पढ़ाई-लिखाई सुनिश्चित करने हेतु, हमने यह प्रोग्राम शुरू किया है। इसके जरिए, शहरों में रहने वाले वयस्कह अपने घरों से भी गांवों के बच्चोंन को अंग्रेजी बोलना सीखा सकते हैं।

ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले छात्र आसान, सुविधाजनक फोन-आधारित माध्येम के जरिए कभी भी और कहीं भी अंग्रेजी सीखने की सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। हमने पाठशालाफनवाला एप्पम पर अन्यि विषयों के भी पाठ्यक्रमों की पढ़ाई उपलब्ध कराने हेतु एएएस विद्यालय के साथ सहयोग किया है। इसमें कक्षा 6 से कक्षा 10 तक के छात्रों के लिए सीबीएसई, यूपी और एनओआईएस बोर्ड के अनुसार पाठ्यक्रम उपलब्धस हैं। हमें विश्वाछस है कि इन पहलों के जरिए, हम साथ मिलकर इन बच्चोंन के जीवन में सकारात्मधक बदलाव ला सकते हैं और विश्वाएसपूर्ण, शिक्षित युवा भारत के निर्माण की दिशा में प्रयास कर सकते हैं।”

निहार शांति आंवला देश के दूर-दराज के क्षेत्रों में रहने वाले वंचित बच्चों को शिक्षित करने के अपने मिशन को सुदृढ़ करने की दिशा में लगातार प्रयास कर रहा है। इस हेतु, यह सर्वोत्त म तकनीकों को उपयोग में ला रहा है, ताकि यह न केवल छात्रों तक पहुंचकर उनके साथ जुड़कर उन्हेंं शिक्षित कर सके बल्कि शिक्षा के बेहतर परिणाम भी प्रदान कर सके।

पिछले कुछ वर्षों में, निहार शांति पाठशाला फन वाला ने ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचने के लिए बड़े पैमाने पर प्रोग्राम्सल चलाये हैं। इन प्रोग्राम्सल का 7500 से अधिक गांवों पर सकारात्म क प्रभाव पड़ा है और पिछले वर्ष, इन गांवों के लिए 3 लाख बच्चों् से 10 लाख कॉल किये गये हैं।

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