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मुखर्जी नगर पिटाई मामला: सरबजीत पर पहले भी दर्ज हो चुका है मारपीट का मुकदमा

दिल्ली के मुखर्जीनगर में सिख बाप-बेटे की पिटाई के मामले में नया खुलासा हुआ है. टैक्सी ड्राइवर सरबजीत सिंह पर इसी साल अप्रैल में गुरुद्वारा बंगला साहब के सेवादार ने मारपीट का मामला दर्ज कराया था. यह मामला पार्लियामेंट स्ट्रीट थाने में दर्ज किया गया था. फिलहाल, दो दिन पहले हुए मुखर्जीनगर मारपीट मामले में क्राइम ब्रांच ने अपनी जांच शुरू कर दी है.

फिलहाल, मामले की जांच कर रही पुलिस को पता चला है कि सरबजीत का पहले भी आपराधिक बैकग्राउंड रहा है. उसका व्यवहार पहले से ही झगड़े और मारपीट करने का रहा है. सरबजीत के खिलाफ पहले से भी मारपीट का केस दर्ज हैं.

असल में ये मामला 3 अप्रैल 2019 का है. गुरुद्वारा बंगला साहिब के सेवादार मंगल सिंह ने शिकायत दी थी कि सरबजीत कई दिनों से अपने बेटे के साथ गुरुद्वारे में रह रहा था. जब उससे नाम, पता और गुरुद्वारे में रहने की वजह पूछी गई तो वो मौक़े से भागने का प्रयास करने लगा. जब सरबजीत और उसके बेटे को जाने से रोका गया तो बाप और बेटे झगड़ा करने लगे और बदसलूकी कर सरबजीत ने मंगल का हाथ तोड़ दिया. बाद में दोनों को पकड़ा गया और साथ ही पुलिस को सूचित किया गया था.

मंगल सिंह ने बताया कि जब आरोपी सरबजीत से उसका पता पूछा गया तो वो ख़ुद को दिल्ली के बूराडी इलाक़े का निवासी बताने लगा. पुलिस ने मौक़े पर पहुंचकर आरोपी सरबजीत को गिरफ़्तार कर किया था और उसके ख़िलाफ़ संसद मार्ग थाने में मुक़दमा भी दर्ज किया गया था. इसके अलावा उसके खिलाफ कुछ और मामलों का भी पता चला है.

गौरतलब है कि मुखर्जी नगर मारपीट मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए तीन पुलिस वालों को सस्पेंड कर दिया है, लेकिन सिख सुमदाय बाकी पुलिस वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग कर रहा है. मंगलवार रात तीन बजे तक प्रदर्शनकारी थाने के सामने डटे रहे. 16 जून के बाद 17 जून की रात भी उनका प्रदर्शन जारी रहा.

देर रात 12 बजे सिख समुदाय का एक डेलिगेशन पुलिस के आला अधिकारियों से मिला, जिसने पुलिस के सामने मांग रखी कि ड्राइवर सरबजीत के खिलाफ हत्या के प्रयास की जो धारा 307 लगाई गई है उसे हटाया जाए. साथ ही वीडियो में नज़र आ रहे सभी पुलिस कर्मियों को सस्पेंड किया जाए.

देर रात तक थाने के बाहर इकट्ठा प्रदर्शनकारी बारिश के बावजूद भी डटे रहे. रात के 3 बजते-बजते हालात थोड़े सामान्य होते नजर आए. प्रदर्शनकारी अपने घरों की तरफ वापस जाते दिखे, लेकिन पुलिस अधिकारी कानून-व्यवस्था बनाए रखने को लेकर कुछ दूर लगातार बैठक करते रहे.

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