भोपाल : विधानसभा चुनाव 2023 में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस ने जैसे ही उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया वैसे ही बागियों ने भी मोर्चा खोल दिया. ऐसे में मध्य प्रदेश के कुछ जिलों की सीटों पर कांग्रेस भारी विरोध के चलते पुनर्विचार कर रही है. इनमें ज्यादातर सीट मालवांचल की है. कांग्रेस में चल रही हलचल को लेकर बीजेपी भी टिकट बदलने का इशारा कर रही है. विधानसभा चुनाव 2023 के लिए 30 अक्टूबर तक नामांकन भरने की आखिरी तारीख है. इसके पहले मध्य प्रदेश की राजनीति में लगातार बदलाव देखने को मिल रहा है.
कुछ सीटों को छोड़ दिया जाए तो कांग्रेस और बीजेपी के उम्मीदवार लगभग हर सीट पर आमने-सामने आ चुके हैं. कांग्रेस के कुछ टिकटों को लेकर जोरदार विरोध चल रहा है. कांग्रेस के प्रवक्ता के के मिश्रा ने भी संकेत दिए हैं कि कुछ सीटों पर बदलाव हो सकता है. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, मध्य प्रदेश प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला के स्तर पर निर्णय होगा. बीजेपी के प्रवक्ता नरेंद्र सिंह सलूजा ने भी यह दावा किया है कि कांग्रेस में गुटबाजी और विरोध के चलते कुछ सीटों पर बदलाव किया जा सकता है. उन्होंने अभी कहा कि बदलाव से कुछ नहीं होगा, सरकार तो बीजेपी की ही बनेगी.
इन सीटों पर चल रहा है विरोध
मध्य प्रदेश में कांग्रेस के प्रत्याशियों का कई सीटों पर विरोध चल रहा है. इनमें रतलाम जिले की जावरा आलोट, उज्जैन जिले की बड़नगर, शाजापुर जिले की शुजालपुर, देवास जिले की खातेगांव शामिल है. इसके अलावा भोपाल उत्तर, महू, इंदौर क्रमांक 4, नर्मदापुरम, पिपरिया, बुरहानपुर, निवाड़ी, गोटेगांव, धार, बदनावर, नागौर, मानसा, उज्जैन उत्तर, रीवा, सेमलिया, सीधी, बिजावर आदि विधानसभा सीट शामिल हैं.
निशा बांगरे को भी मिल सकता है टिकट
कांग्रेस अमला सीट से भी अपना प्रत्याशी बदल सकती है. डिप्टी कलेक्टर पद से इस्तीफा देने के बाद निशा बांगरे की यहां से दावेदारी मानी जा रही है. निशा बांगरे का इस्तीफा सरकार ने मंजूर कर लिया है. हालांकि कांग्रेस इस सीट पर प्रत्याशी को उतार चुकी है. वर्तमान स्थिति में यह सीट भी बदली जा सकती है. इसके अलावा जावरा, बड़नगर, शुजालपुर, कोलारस सीट पर प्रत्याशी बदले जाने की संभावना अधिक है.