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मैक्स हॉस्पिटल पटपड़गंज ने न्यूरोलॉजिकल कैंसर की आधुनिकतम जांच एवं चिकित्सा विधियों के बारे में जागरूकता अभियान चलाया

ग्वालियर। नई दिल्ली के पटपड़गंज स्थित मैक्स सुपर स्पेशयलिटी हॉस्पिटल ने आज ग्वालियर में कैंसर की आधुनिकतम जांच और उन्नत उपचार विधियों के बारे में जागरूकता अभियान चलाया। चिकित्सकों के अनुसार भारत में पुरुषों और महिलाओं में कैंसर मृत्यु का एक प्रमुख कारण है भारत में पिछले साल दर्ज कैंसर के कुल रोगियों में 11% से अधिक रोगी मूत्र संबंधी कैंसर, विशेष रूप से प्रोस्टेट ,किडनी, मूत्राशय और वृषण कैंसर के थे।
मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, पटपड़गंज के यूरोलॉजी के सीनियर कंसलटेंट डॉ शैलेंद्र चंद्र सहाय ने कहा , “यह एक आम धारणा है कि जिन लोगों के परिवार में प्रोस्टेट, मूत्राशय या वृषण कैंसर का इतिहास होता है उन्हें यह कैंसर होने की आशंका 10 से 12% होती है। लेकिन एक ऐसा तथ्य जिसके बारे में लोगों को बहुत कम जानकारी है वह यह है कि जिस महिला को स्तन कैंसर हुआ है उनके बेटों के प्रोस्टेट कैंसर से ग्रस्त होने की आशंका 15 से 20% होती है कैंसर के इलाज और इससे निपटने के तरीकों के बारे में जागरूकता को समझना और फैलाना महत्वपूर्ण है हालांकि कैंसर के निदान और इलाज की बेहतर और उन्नत प्रौद्योगिकीयां उपलब्ध है लेकिन प्रारंभिक अवस्था में इसकी पहचान के बारे में जानकारी प्रदान करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है क्योंकि इसके लक्षणों को आमतौर पर नजर अंदाज कर दिया जाता है और इस कारण इसका देर से निदान किया जाता है लोगों को जागरूक होना चाहिए और समझना चाहिए कि अब नवीनतम और उन्नत उपचार विकल्पों की मदद से यहां तक कि प्रोस्टेट कैंसर में भी रोग बेहतर गुणवत्ता पूर्ण जीवन जी सकता है।”
ग्लोबकैनइन इंडिया 2018 द्वारा जारी किए गए हाल के आंकड़ों के अनुसार 2018 में कैंसर के 11.5 8 लाख से अधिक नए मामले दर्ज किए गए जिनमें से 49% कैंसर के मामले पुरुषों में पाए गए आंकड़ों से यह भी पता चलता है की विभिन्न प्रकार के मूत्र संबंधी कैंसर से पीड़ित पुरुष रोगियों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है वर्ष 2018 में कैंसर के नए मामलों में 39% मामले प्रोस्टेट कैंसर के 29% मामले मूत्राशय कैंसर के 24% मामले किडनी कैंसर के और 8% मामले वृषण कैंसर के पाए गए।
कैंसर से होने वाली मौतें भारत में दूसरी सबसे बड़ी महामारी है पुरुषों को उनके 40 के दशक के अंत में और 50 के दशक में प्रोस्टेट कैंसर होने का अधिक खतरा होता है इसलिए प्रारंभिक अवस्था में ही इसका पता लग जाने पर प्रीकैंसरस ग्रोथ को कैंसरयुक्त बनने से पहले ही हटा कर इसके इलाज को आसान बनाया जा सकता है। प्रोस्टेट कैंसर के मूल्यांकन के लिए समय पर प्रोस्टेट – स्पेसिफिक – एंटीजन (पीएसए) जांच कराना बेहतर है। अनुमान लगाया गया है कि प्रत्येक 10 में से 2 पुरुष को 50 वर्ष की आयु के बाद यह बीमारी होगी। मूत्राशय कैंसर पुरुषों में छठा सबसे आम कैंसर है और हर साल मूत्राशय कैंसर के 20,000 से अधिक नए मामलों का निदान किया जाता है । शर्मिंदगी और डॉक्टर से नहीं दिखाने के कारण 15 से 50 वर्ष की आयु के पुरुषों में वृषण कैंसर सबसे कम दर्ज किया जाता है ग्लोबकैन डेटा 2018 के अनुसार, लगभग 4500 पुरुषों में वृषण कैंसर का निदान किया गया और उनमें से लगभग 2000 लोगों की इससे मौत हो गयी।
डॉ. सहाय ने कहा, “इलाज में प्रगति के साथ, समय पर इसका पता लगाने से सर्जरी, रेडिएशन थेरेपी, हार्मोनल थेरेपी, क्रायोथेरेपी और कीमोथेरेपी के जरिए प्रभावित ऊतकों को हटाने में मदद मिल सकती है उम्र, सामान स्वास्थ्य और जीवन शैली और ट्यूमर के चरण के आधार पर समय पर पता लगाना और इलाज कराना आवश्यक है।”

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