नई दिल्ली:
राजीव गांधी से भारत रत्न वापस लेने के प्रस्ताव का मामला गरमाता जा रहा है. पार्टी के कई नेताओं की सफाई के बाद मामला बिगड़ता देख खुद दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया मीडिया से बात करने के लिए सामने आए. इस दौरान उनके साथ आप नेता सौरभ भारद्वाज भी थे. मनीष सिसोदिया ने कहा कि जिस प्रस्ताव की चर्चा इन दिनों हो रही है, उसके पेश होने के वक्त मैं सदन में नहीं था. अलका लांबा के इस्तीफे के संदर्भ पूछे गए सवाल पर सिसोदिया ने कहा कि किसी भी विधायक से इस्तीफा नहीं मांगा गया है. और न ही इस्तीफा देने का दबाव बनाया गया है. पार्टी का रुख साफ करते हुए दिल्ली उपमुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री से भारतरत्न वापस लेने के पक्ष में नहीं हैं.
इस मामले पर बीजेपी और कांग्रेस पर हमला बोलते हुए आप नेता ने कहा कि 1984 और 2002 दंगों के बारे में पूरा देश जानता है. जिनके हाथ खून से रंगे हुए हैं वो अब मोहब्बत की राजनीति करें. उन्होंने कहा कि जो कुछ भी दिखाया जा रहा है वह सही नहीं है. सिसोदिया के साथ मौजूद सौरभ भारद्वाज ने बताया कि सदन की कार्यवाही के दौरान क्या कुछ हुआ था.
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भारद्वाज के मुताबिक जो मूल लेख सदन में पेश किया गया था, पूर्व प्रधानमंत्री के संबंध में, दिखाई जा रही पंक्तियां उसका हिस्सा नहीं थीं. साथ ही उन्होंने कहा कि यह एक सदस्य का हस्तलिखित संशोधन प्रस्ताव था जिसे इस प्रकार से पारित नहीं किया जा सकता. आप विधायक जरनैल सिंह ने इस प्रस्ताव को पेश करते वक्त राजीव गांधी के नाम का जिक्र किया. साथ ही मांग की कि सिख विरोधी दंगे को उचित ठहराने के लिए कांग्रेस नेता से भारत रत्न वापस लिया जाए. उन्होंने कहा कि प्रस्ताव की लिखित कॉपियों में राजीव गांधी का जिक्र नहीं था इसे केवल मौखिक तौर पर बोला गया जो सदन में ध्वनिमत से पारित हो गया.