भोपाल से सांसद बनीं साध्वी प्रज्ञा ठाकुर लगातार विवादों में बनी हुई हैं. ताजा विवाद उनकी बीमारी को लेकर है. दरअसल, उन्हें मुंबई की एनआईए कोर्ट में पेश होना था, लेकिन साध्वी बीमारी की बात कहकर अस्पताल में भर्ती हो गईं. लेकिन उनकी कलई तब खुली जब भोपाल में महाराणा प्रताप की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में साध्वी नारेबाजी करती नजर आईं.
ईद के मौके पर भी साध्वी दिखाई दीं और ईद के अगले दिन जब उनको पेशी के लिए जाना था तो वो अचानक से ही अस्पताल में भर्ती हो गईं. लेकिन मामला तब जाकर समझ में आया जब साध्वी की तस्वीर महाराणा प्रताप को श्रद्धांजलि देते हुए सामने आई. दरअसल, कांग्रेसी दिग्गज दिग्विजय सिंह को हराकर भोपाल से सांसद बनीं साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर कोर्ट में पेश न होने के लिए बीमार होने की बात कहती हैं और उसी दिन महाराणा प्रताप की जयंती के कार्यक्रम में भी शामिल होती हैं. भोपाल में महाराणा की मूर्ति के पास बीजेपी के लोग इकट्ठा हुए. वहां साध्वी प्रज्ञा भी पहुंचीं. कार से उतरीं और महाराणा प्रताप की मूर्ति के सामने माथा भी टेका.
यही नहीं, साध्वी बाकी कार्यकर्ताओं के साथ नारेबाजी भी करने लगीं. उसके बाद सामने मीडिया के माइक पहुंचे तो साध्वी ने महाराणा प्रताप के क्षत्रिय होने का बखान किया और उन्हें हिंदू अस्मिता से जोड़ा. वहीं जब इसी कार्यक्रम में मीडिया वालों ने साध्वी को याद दिलाया कि उनकी तो तबीयत खराब थी तो साध्वी भी एकाएक बोलीं, ‘गरमी है, ऐसा हो जाता है.’ हालांकि महाराणा प्रताप जयंती के कार्यक्रम में वो ठीक दिख रही थी. उनको देखकर ऐसा बिल्कुल भी नहीं लगा कि उनके सेहत को किसी प्रकार की कोई दिक्कत हुई है. लेकिन अचानक वो तो इतनी बीमार हो गईं कि अस्पताल में भर्ती हो जाना पड़ा तो सवाल अपने आप ही खड़े हो जाते हैं.
दरअसल, प्रज्ञा सिंह ठाकुर मालेगांव बम धमाकों की आरोपी हैं और ये केस मुंबई की एनआईए कोर्ट में अभी चल रहा है. अप्रैल 2017 में साध्वी प्रज्ञा को 9 साल कैद में रहने के बाद सशर्त जमानत दी गई थी. 3 जून को एनआईए कोर्ट ने प्रज्ञा सिंह ठाकुर को हर हफ्ते पेश होने का आदेश दिया था. इसके तहत प्रज्ञा को 7 जून तक कोर्ट के सामने पेश होना था. बुधवार की रात खबर आई की साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को तेज कमर दर्द और हाई ब्लड प्रेशर हो गया और वो अस्पताल में भर्ती हो गईं. उधर, साध्वी प्रज्ञा के वकील जेपी मिश्रा ने एनआईए अदालत में अर्जी लगा दी कि साध्वी बीमारी की वजह से पेश नहीं हो सकतीं.
ऐसे में सवाल खड़े होते हैं कि क्या कोर्ट में पेशी से बचने के लिए साध्वी अस्पताल में भर्ती हो गईं थीं? क्योंकि जिस वक्त साध्वी के वकील एनआईए की अदालत में साध्वी की बीमारी की दलील दे रहे थे, उस वक्त साध्वी महाराणा प्रताप की मूर्ति के आगे माथा टेक रही थीं. सवाल ये भी उठ रहे हैं कि अगर साध्वी इतनी ही बीमार थीं तो वो महाराणा प्रताप की जयंती के कार्यक्रम में कैसे पहुंच गईं? यहां यह भी बताना जरूरी हो जाता है कि इस कार्यक्रम के बाद साध्वी फिर अस्पताल लौट गईं. एनआईए अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि सिर्फ ठोस वजह के आधार पर ही साध्वी प्रज्ञा पेशी से बच सकती हैं. तो क्या साध्वी ने अपनी बीमारी को ही पेशी से बचने के लिए ठोस वजह बना लिया?