लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी ने रामपुर में सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर पर हमला करने वाले आतंकवादियों को सजा होने के बाद समाजवादी पार्टी को आड़े हाथों लिया है। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. चन्द्रमोहन ने रविवार को कहा कि सपा और उसके राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की आतंकवादियों के प्रति सहानुभूति रखने की बात अब जगजाहिर हो गई है। रामपुर में सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर पर हमला करने वाले जिन आतंकवादियों को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है, अखिलेश यादव के मुख्यमंत्रित्व वाले सपा शासनकाल में इन्हीं खूंखार आतंकवादियों से मुकदमा वापस लेने के प्रयास हुए थे।
डॉ. चन्द्रमोहन ने कहा कि वर्ष 2007 में रामपुर के सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर पर हमला करके इन आतंकवादियों ने देश के सात वीर सपूतों को शहीद कर दिया था। आतंकवादियों की पैरोकार समाजवादी पार्टी ने वर्ष 2012 में अपनी सरकार बनने के बाद इन पर दर्ज मुकदमे वापस लेने की कोशिश की थी। अब कोर्ट से सजा मिलने के बाद यह साबित हो गया है कि पकड़े जाने वाले आतंकवादियों ने ही रामपुर में सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर पर हमला किया था। उन्होंने कहा कि कोर्ट से आतंकवादियों को फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद इनका दोष साबित हो गया है।
अब अखिलेश यादव न केवल जनता से माफी मांगे बल्कि यह भी बताएं कि इन आतंकवादियों के प्रति उनकी और उनकी पार्टी की क्या राय है। अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो इससे यह स्पष्ट हो जाएगा कि समाजवादी पार्टी और उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव अभी भी आतंकवादियों के प्रति सहानुभूति रखते हैं। दरअसल 2012 में तत्कालीन सपा सरकार में आतंकियों पर दर्ज मुकदमों की वापसी के लिए पत्राचार हुआ था। अखिलेश सरकार ने प्रशासन से रिपोर्ट मांगी थी। प्रशासन ने कोर्ट में ट्रायल चलने का हवाला देकर मुकदमा वापसी की प्रक्रिया आगे बढ़ाने में असमर्थता जताई थी। वहीं पार्टी के वरिष्ठ नेता और तत्कालीन मंत्री आजम खान तो जिन चार आतंकवादियों को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है, तब उनके खुलकर समर्थन में आ गये थे। आजम उन्हें बेकसूर मानते थे। उनका यहां तक कहना था कि सीआरपीएफ कैंप पर कोई हमला नहीं हुआ था। सीआरपीएफ वालों ने आपस में ही गोली चलाई थी।