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लॉकडाउन: दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर पलायन करने वाले मजदूरों के लिए 1000 बसें उपलब्ध

लॉकडाउन के बीच दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर पलायन करने वाले मजदूरों के लिए यूपी सरकार 1000 बस उपलब्ध कराई हैं। : उत्तर प्रदेश सरकार ने लॉकडाउन के बीच प्रवासी श्रमिकों को उनके संबंधित क्षेत्रों में ले जाने के लिए 1000 बसों की व्यवस्था की है।

सीएम योगी ने परिवहन अधिकारियों, बस ड्राइवरों और कंडक्टरों को कल रात सीएम ने बुलाया था ताकि सभी व्यवस्थाएं की जा सकें।

दिल्ली से आए लोगों ने बताया कि दिल्ली सरकार ने बिजली-पानी के कनेक्शन काट दिए। लॉकडाउन के दौरान भोजन, दूध नहीं मिला। भूखे लोग सड़कों पर उतरे। दिल्ली सरकार के अधिकारी बक़ायदा एनाउंसममेंट कर अफ़वाह फैलाते रहे कि यूपी बार्डर पर बसें खड़ी हैं, जो यूपी और बिहार ले जाएंगी।

बहुत सारे लोगों को मदद के नाम पर डीटीसी की बसों से बॉर्डर तक पहुंचवाकर छोड़ दिया। लॉकडाउन और कथित कर्फ़्यू में दिल्ली सरकार की संवेदनहीनता सामने आई है। आरोप है कि मुफ्त बिजली और पानी देने का वादा करके केजरीवाल सत्ता में आए थे। लेकिन उन्होंने लोगों से विश्वासघात किया है।

सीएम योगी ने रात भर जाग कर नोएडा, गाजियाबाद, बुलंदशहर, अलीगढ़, हापुड़ आदि इलाकों में 1000 से ज्यादा बसें लगाकर मजदूरों को गंतव्य तक पहुंचाने की व्यवस्था कराई। रात में ही मजदूरों और बच्चों के लिए भोजन का इंतज़ाम कराया गया।

डीजीपी समेत सभी पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी लखनऊ के चारबाग बस स्टेशन पर लोगों की मदद कर रहे हैं। लखनऊ के चारबाग से यात्रियों की सुविधा के लिए बस की व्यवस्था की गई है, ताकि हर कोई अपने गंतव्य तक पहुंच सके।

कानपुर, बलिया, बनारस, गोरखपुर, आजमगढ़, फैजाबाद, बस्ती, प्रतापगढ़, सुल्तानपुर, अमेठी, रायबरेली, गोंडा, इटावा, बहराइच, श्रावस्ती ऐसे कई जिलों की बसें यात्रियों को बैठाकर भेजी गई हैं। डीजीपी और लोगों को खाने और पानी व्यवस्था भी कर रहे हैं।

यूपी डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने कहा कि पूरे प्रदेश से भारी संख्या में लोग पैदल चलकर लखनऊ पहुंचे है, जो खतरनाक है। कोरोना को देखते हुए इन सबको इनके जिलों को भेजा जा रहा है। बच्चे महिलाएं और पुरुष सबको खाने-पीने का सामान पानी की व्यवस्था की गई है।

चार बाग में इनके जिलों तक पूरी तरह सुरक्षित भेजने की जिम्मेदारी दी गई है। यात्रियों के जिले में इनकी स्क्रीनिंग की जाएगी। जो यात्री स्वस्थ्य होगा उसको निगरानी में घरों को भेजा जाएगा। जिसमें लक्षण पाए गए तो जिलों में बने वार्डों में रखा जाएगा। फंसे हुए यात्रियों से अपील है जो जहां है वहीं रहे, वहीं पर मदद भेजी जा रही है।

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