रांची :
चारा घोटाला के चार मामलों में सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव ने पांचवें मामले में सीबीआइ की विशेष अदालत में गुरुवार को अपना बयान दर्ज कराया. उन्होंने कोर्ट के 34 सवालों के जवाब दिये. इसके बाद यहां से उन्हें सीधे राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज ले जाया गया. रिम्स के पेइंग वार्ड के बाहर उनका इंतजार कर रहे पत्रकार कई सवालों के जवाब चाहते थे, लेकिन लालू यादव ने किसी के सवाल का जवाब नहीं दिया. उन्होंने झारखंड में हेमंत सोरेन के नेतृत्व में बनी नयी सरकार को बधाई दी है. इस मामले में अगली सुनवाई 20 जनवरी को होगी.
रांची के रिम्स अस्पताल से सीबीआइ की विशेष अदालत में पेशी के लिए ले जाया गया है. कोर्ट रूम नंबर 313 में उनका बयान दर्ज होगा. लंबे अरसे बाद लालू प्रसाद यादव को सार्वजनिक रूप से लोगों ने देखा. गुरुवार को जब रिम्स के पेइंग वार्ड से लालू प्रसाद बाहर निकले, तो भारी संख्या में उनके समर्थक भी उनके साथ थे.
सीबीआइ के विशेष जज एसके शशि की अदालत में चारा घोटाला के पांचवें मामले में लालू प्रसाद का बयान दर्ज किया गया. सुबह 10 बजे रिम्स के पेइंग वार्ड से निकले लालू प्रसाद कोर्ट पहुंचने के बाद वॉश रूम गये. इसके बाद जज एसके शशि की अदालत में गये, जहां उनका बयान दर्ज किया गया.
चारा घोटाला के पांचवें मामले में सुनवाई के लिए जब लालू को कोर्ट ले जाने के लिए अस्पताल से बाहर निकाला गया, तो उनके आसपास उनकी पार्टी के नेता और समर्थक थे और पुलिस उनके पीछे थी. राजद सुप्रीमो ने आसमानी रंग का स्वेटर पहन रखा था. गले में मफलर और सिर में टोपी पहन रखी थी. ब्राउन रंग का चश्मा भी उन्होंने पहन रखा था.
तस्वीर में दिख रहा है कि दो लोग लालू प्रसाद को सहारा दे रहे हैं. उल्लेखनीय है कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू को पशुपालन विभाग में बड़े पैमाने पर हुई अनियमितता के मामले में दर्ज केस संख्या आरसी -47 ए /96 में सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश एसके शशि की अदालत में लालू का बयान दर्ज होना है. पशुपालन घोटाला से जुड़े चार मामले में लालू प्रसाद को सजा हो चुकी है.
वर्तमान में वह आरसी- 68 ए/ 96 मामले में सजा काट रहे हैं और रिम्स में भर्ती हैं. जिन चार मामलों में उन्हें सजा हुई है, उसमें सीबीआइ कांड संख्या आरसी- 20, 38, 64 व 68 ए/96 शामिल हैं. इन मामलों में उन्हें साढ़े तीन वर्ष से लेकर अधिकतम 14 साल तक की सजा हो चुकी है. पशुपालन घोटाला से जुड़ा सबसे बड़ा मामला कांड संख्या आरसी-47 ए/96 है.
मामला डोरंडा कोषागार से लगभग 139 करोड़ रुपये की अवैध निकासी का है. इस मामले में लालू प्रसाद के साथ तत्कालीन पशुपालन मंत्री विद्यासागर निषाद, पूर्व सांसद जगदीश शर्मा, कई आइएएस अधिकारी व आपूर्तिकर्ता सहित 113 आरोपी है़ं अब इस मामले में कुछ ही आरोपियों का बयान दर्ज होना बाकी है.