Saturday , July 27 2024
ताज़ा खबर
होम / देश / लालू को नहीं मिली राहत, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की जमानत याचिका

लालू को नहीं मिली राहत, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की जमानत याचिका

चारा घोटाल मामले में जेल की सजा काट रहे लालू यादव को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी झटका लगा है, सुप्रीम कोर्ट ने लालू यादव की जमानत अर्जी खारिज कर दी है. लालू यादव ने स्वास्थ्य के आधार पर बेल की मांग की थी. सुप्रीम कोर्ट के फैसला से साफ हो गया है कि लालू यादव को जेल में ही रहना होगा. फिलहाल वह रांची के रिम्स में इलाज करा रहे हैं.

लालू यादव की अर्जी खारिज होने के बाद आरजेडी सांसद मनोज झा ने कहा कि लालू प्रसाद की तबीयत ठीक नहीं है, उन्हें बेहतर मेडिकल केयर की जरूरत है. मनोड झा ने कहा कि कोर्ट के फैसला हम सम्मान करते हैं, लेकिन फिर भी मैं कहूंगा कि उन्हें बेहतर इलाज की जरूरत है.

1980 के दशक के बाद बिहार के लोगों के लिए यह पहला चुनाव है जो बिना लालू प्रसाद यादव की मौजूदगी में लड़ा जा रहा है. राष्ट्रीय जनता दल की कमान उनके हाथ में है लेकिन दोनों बेटों में ही आपस में ही नहीं बन रही है. उनके बड़े बेटे तेज प्रताप ने राजद के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया है और लालू राबड़ी मोर्चा बनाकर दो जगहों से उम्मीदवार उतारने की बात कर रहे हैं.

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब एनडीए में हैं. राजद के पास कोई ऐसा नेता नहीं है कि वह बीजेपी और जदयू को उस तरह से घेर सके जैसे लालू घेरते हैं. उनके बेटे तेजस्वी मेहनत कर रहे हैं लेकिन बिहार की जनता लालू के भाषणों को मिस कर रही है. लालू स्वास्थ्य के आधार पर बाहर आना चाहते हैं लेकिन सीबीआई का कहना है कि बाहर आकर वह राजनीति करेंगे. सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को हुई सुनवाई में यह तय हो गया है कि लालू जेल में ही रहेंगे.

मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई की. बता दें 2019 लोकसभा चुनाव में लालू यादव की भूमिका अभी तक सामने नहीं आई है. अगर उन्हें जमानत मिल जाती तो बिहार में चुनावी समीकरण बदलने के आसार थे.

सीबीआई ने कहा कि यह ऐसा मामला है, जिसमें जमानत देने से उच्च पदों पर भ्रष्टाचार में संलिप्तता के मामलों में बहुत ही गलत परंपरा पड़ेगी. सीबीआई ने कहा कि वैसे भी पिछले आठ महीने से भी अधिक समय से लालू प्रसाद यादव अस्पताल में हैं और राजनीतिक गतिविधियों में संलिप्त हो रहे हैं. सीबीआई ने अपने जवाब में कहा याचिकाकर्ता (लालू यादव) को उसके अस्पताल में रहने की अवधि में न सिर्फ सभी सुविधाओं वाला विशेष वार्ड दिया गया है बल्कि एक तरह से वह वहां से राजनीतिक गतिविधियां चला रहे हैं, जो उनसे मुलाकात करने वालों की सूची से स्पष्ट है. सीबीआई ने कहा कि लालू यादव इतना अधिक बीमार होने का दावा करते हैं कि वह जेल में नहीं रह सकते और उन्हें अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता है. फिर अचानक ही वह शारीरिक रूप से पूरी तरह ठीक हो गए और जमानत चाहते हैं.

सीबीआई ने आगे कहा कि लालू प्रसाद चार मामलों में दोषी ठहराया गया है और उन्हें 168 महीने की सजा हुई है. इसमें से उन्होंने अभी सिर्फ 20 महीने की ही सजा पूरी की है जो उन्हें सुनाई गई सजा का 15 फीसदी से भी कम है.सीबीआई ने कहा कि इस तरह लालू यादव के अपने ही कथन के मुताबिक वह सजा के निलंबन और जमानत के लिए ‘आधी सजा पूरी करने के सिद्धांत’को पूरा नहीं करते हैं.

राजद प्रमुख ने अपनी जमानत याचिका खारिज करने के झारखंड उच्च न्यायालय के 10 जनवरी के आदेश को शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी. बता दें कि लालू प्रसाद को 900 करोड़ रुपये से अधिक के चारा घोटाले से संबंधित तीन मामलों में दोषी ठहराया गया है. राजद सुप्रीमो को झारखंड में स्थित देवघर, दुमका और चाईबासा के दो कोषागार से छल से धन निकालने के अपराध में दोषी ठहराया गया है. इस समय उन पर दोरांदा कोषागार से धन निकाले जाने से संबंधित मामले में मुकदमा चल रहा है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Enable Google Transliteration.(To type in English, press Ctrl+g)