नई दिल्ली:
आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता और वकील एचएस फुल्का ने पार्टी से गुरुवार को इस्तीफा दे दिया. इस संबंध में उन्होंने ट्वीट कर गुरुवार को जानकारी दी. उनके इस्तीफे के बाद आप के बागी नेता एक बार फिर दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल के खिलाफ हमलावर हो गए हैं.
कुमार विश्वास ने ट्वीट कर कहा, ”आत्ममुग्ध असुरक्षित बौने की निजी अंहकार मंडित नीचता के नाम एक और खुद्दार-शानदार योद्धा की ख़ामोश क़ुरबानी मुबारक हो! अपनी स्वराज वाली बची-खुची एक आँख फोड़कर सत्ता के रीढ़विहीन “अंधों का सरदार” बनना वीभत्स और कायराना है.”
केजरीवाल से नाराज आप विधायक अल्का लांबा ने भी इशारों-इशारों में अपनी बात कह दी. उन्होंने ट्वीट कर कहा है कहा है कि फुल्का के इस्तीफे पर पार्टी को आंकलन की जरूरत है. उन्होंने कहा कि संगठन से सरकार बनती है, सरकार से संगठन नहीं.
एसएस फुल्का ने क्या कुछ कहा?
इस्तीफे के संबंध में एसएस फुल्का कहा कि पार्टी प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल उन्हें इस्तीफा नहीं देने को कह रहे थे. एच एस फुल्का आज शाम चार बजे प्रेस क्लब में मीडिया को संबोधित करेंगे और वहां पार्टी छोड़ने के कारण और भविष्य के कदमों के बारे में जानकारी देंगे.
एचएस फुल्का काफी समय से पार्टी की बैठकों में भी नजर नहीं आते थे. इससे पहले वह साल 2017 में पंजाब में विपक्ष के नेता बने थे, लेकिन इस पद से उन्होंने कुछ ही दिनों बाद ये कहकर इस्तीफा दे दिया था कि वह 1984 के सिख दंगे केस पर ध्यान केन्द्रीत करना चाहते हैं
फुल्का ने पंजाब में ही गुरुग्रंथ साहिब से बेअदबी के एक मामले के सामने आने के बाद विधायकी से भी इस्तीफा दे दिया था. एच एस फुल्का वही वकील हैं जो बिना फीस लिए सिख दंगा पीड़ितों के लिए केस लड़े और अंत में आरोपी सज्जन कुमार को आजीवन कारावास की सजा हुई.